लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट में देवरिया बालिका गृह मामले पर आज दोपहर सवा दो बजे से सुनवाई होगी. बता दें कि कोर्ट में डीएम के अलावा दूसरे लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर पीआईएल दाखिल की गई थी. हाईकोर्ट ने पीआईएल को स्वीकार करते हुए आज ही सुनवाई की मंजूरी दे दी है. हाईकोर्ट की वकील स्मृति कार्तिकेय और केके राय ने पीआईएल डाली थी.
पीआईएल में यूपी के सभी नारी संरक्षण गृह की तफ्तीश कराकर वहां सुरक्षा के उचित इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए जाने की मांग भी की गई है. इसके अलवा इसमें अवैध शेल्टर होम्स को बंद कराए जाने की भी मांग की गई है. इस मामले पर सुनवाई चीफ जस्टिस कोर्ट में होगी.
अब तक इस मामले में संरक्षण गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी समेत आठ लोग गिरफ़्तार किए जा चुके हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले साल जुलाई महीने में ही संरक्षण गृह को बंद हो जाना चाहिए था. लेकिन देवरिया ज़िला प्रशासन ने इसकी अनदेखी की. महिला और बाल कल्याण विभाग से बार बार चिट्ठी भेजे जाने के बावजूद देवरिया के डीएम सुजीत कुमार ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसीलिए उन्हें सोमवार को ही हटा दिया गया था.
पालना गृह में हुए घोटाले के बाद पिछले साल इस संरक्षण गृह को बंद कराने के आदेश दिए गए थे.लेकिन ऐसा नहीं हो सका. 30 जुलाई को विंध्यवासिनी समिति के संचालक के ख़िलाफ़ मुक़दमा भी हो गया था. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इन सारे मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है.
एडीजी क्राइम संजय सिंहल को इसकी ज़िम्मेदारी दी गई है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देवरिया में संरक्षण गृह बंद होने के बाद वहां रह रही लड़कियों को वाराणसी भेज दिया जाएगा.
देवरिया मामले में बालिका संरक्षण गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी के गोरखपुर में चल रहे ओल्ड एज होम को भी सील कर दिया गया है. ग़ायब 18 में से एक लड़की गोरखपुर से ही बरामद हो गई है. देवरिया बालिका संरक्षण गृह से भाग कर महिला थाने पहुंची लड़की ने ही गड़बड़ियों की पोल खोली थी.