लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शेल्टर होम में सरकारी अनुदान पाने का खेल चल रहा है. जांच में खुलासा हुआ है कि सरकारी अनुदान पाने के लिए शेल्टर होम में फर्जी जानकारी दी जा रही है.
देवरिया कांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के सभी क्षेत्रों में जांच के बाद रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था. इसमें शुरुआती जांच में पाया गया है कि लगभग जांच किए गए सभी आश्रमों में सरकारी अनुदान पाने का खेल चल रहा था.
जानकारी के मुताबिक, रजिस्टर में महिलाओं की संख्या ज्यादा दर्ज थी जबकि मौके पर कम मिली. इनकी आगे जांच हुई तो पता चला कि जिन महिलाओं के नाम रजिस्टर मे दर्ज हैं वो भी वहां नहीं रहती हैं. जांच के बाद आई रिपोर्ट बेहद हैरान करने वाली है लगभग सभी आश्रमों में भारी कमियां पाई गईं.
जांच किए गए आश्रमों में ग्रामोद्योग संस्थान प्रतापगढ़, जागृति अष्टभुजा नगर प्रतापगढ़, आयशा ग्रामोद्योग हरदोई, जन कल्याण समिति लखनऊ, अवध ग्रामीण विकास संस्थान धम्मौर सुल्तानपुर, प्रियदर्शनी बाल गृह विशेष दत्तक ग्रहण अभिकरण लखनऊ, और अवध ग्रामीण विकास संस्थान सुल्तानपुर शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक, जांच के बाद जो लोग इसमें दोषी पाए गए हैं, उनको दिया गया अनुदान वापस लिया जाएगा. साथ ही सभी तरह की मदद तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई हैं. आश्रय गृहों की बदहाली देखकर सरकार ने फैसला किया है कि आश्रम में रहने वाली महिलाओं का हर 2 महीने पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा. अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि सीसीटीवी फुटेज की मॉनिटरिंग डीपीओ कार्यालय में होनी चाहिए. 16 से 18 वर्ष की सभी संवासिनियों को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण दिलाने के लिए आदेश दिए गए हैं.