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उन्नाव रेप केस: कब्र से गवाह का कंकाल बरामद, विरोध में 22 रिश्तेदार आत्मदाह करने पहुंचे लखनऊ

लखनऊ। उन्नाव रेप केस के मुख्य गवाह युनूस की अचानक मौत और फिर बिना पोस्टमार्टम के दफना दिए जाने की घटना पर भारी विरोध और दबाव को देखते हुए शुक्रवार को जहां युनूस की कब्र खोदी गई तो दूसरी ओर मृतक के परिजनों ने इसके विरोध में लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर घेराव किया और आत्मदाह की कोशिश की.

पूरा मामला गुरुवार को उस समय फिर से चर्चा में आ गया जब इस पर यूरोप के दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर दिया और मुख्य गवाह की मौत को षड्यंत्र करार दिया.

शुक्रवार रात जिस समय युनूस की कब्र खोदी जा रही थी लगभग उसी समय उसके परिजन लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और आत्मदाह की कोशिश की. करीब 22 की संख्या में पुरुष और महिलाएं आत्मदाह करने पहुंचे थे. उन्नाव में यूनुस की कब्र खोदने को लेकर परिजन विरोध करने लखनऊ में सीएम आवास पर पहुंचे थे, लेकिन प्रदर्शन करने वाले इन प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

माखी गांव में सीबीआई के गवाह मृतक युनूस की कब्र खोदने का काम लंबी मशक्कत के बाद पूरा हो गया. इस कब्र को खुदवाना पहले तो उन्नाव पुलिस प्रशासन के लिए चैलेंज बन गया था, लेकिन आखिर में सफलता हाथ लग ही गई. लगातार कोशिशों के बाद मजदूर खुदाई कर शव कब्र से निकालने में सफल हो गए. शव को कब्र से निकालकर पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

मामले की जांच जारी

दूसरी ओर, उन्नाव रेप केस में गवाह यूनुस की लिवर सिरोसिस से हुई मौत के बाद पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों से प्रार्थना पत्र मिले हैं और मामले की जांच कराई जा रही है. इस केस में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगरआरोपी हैं.

उन्नाव के पुलिस अधीक्षक हरीश कुमार ने कहा कि दोनों ओर से प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए हैं. मामले में जांच कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करायी जाएगी.

इस बीच जिला प्रशासन के अधिकारी गवाह युनूस के परिजनों की सहमति लेने का प्रयास कर रहे है ताकि उसका शव कब्र से निकालकर उसका पोस्टमार्टम कराया जा सके. हालांकि प्रशासन ने रात 8 बजे के करीब उसके कब्र को खोदने का काम शुरू कर दिया था.

कब्र खुदवाने का हो रहा विरोध

इससे पहले सफीपुर क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी विवेक रंजन राय ने कहा था कि यूनुस के परिजनों से बात की जा रही है ताकि उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा सके. वहीं युनूस के भाई जान मोहम्मद ने कहा कि प्रशासन हम पर दबाव बना रहा है. हम नहीं चाहते कि कब्र से शव निकालकर पोस्टमार्टम कराया जाए क्योंकि यह शरीयत के खिलाफ है.

तनाव को देखते हुए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.

उन्नाव में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की कथित संलिप्तता वाले रेप और हत्या के मामले के एक गवाह की 23 अगस्त कथित तौर पर बीमारी से मौत हो गई.

मृतक का नाम यूनुस है और रेप पीड़िता के चाचा के मुताबिक यूनुस उस लड़की के पिता को बीजेपी विधायक के भाई और अन्य लोगों द्वारा बेरहमी से पीटे जाने के मामले का गवाह था.

18 को हो गई थी गवाह की मौत

सफीपुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी विवेक रंजन राय ने बताया कि यूनुस की 18 अगस्त को मौत हो गई थी. वह लीवर सिरोसिस से पीड़ित था और उसके परिजन द्वारा प्रस्तुत किए गए इलाज संबंधी पर्चों से यह पता चलता है कि उसे लीवर संबंधी बीमारी थी.

यूनुस का कानपुर, उन्नाव और लखनऊ में इलाज कराया गया था. उसके परिवार के लोग उसके शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे. परिजन का कहना था कि यूनुस पिछले करीब तीन महीने से बीमार था और घर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

राय ने बताया कि रेप पीड़िता और उसके पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआई यूनुस का बयान पहले ही रिकॉर्ड कर चुकी है.

इस बीच रेप पीड़िता लड़की के चाचा ने उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि यूनुस के शव को पोस्टमार्टम कराए बगैर दफना दिया गया. उसके शव को कब्र खोदकर निकलवाया जाना चाहिए और पोस्टमार्टम कराया जाना चाहिए ताकि उसकी मौत का असली कारण पता लग सके.

इस पूरे मामले को लेकर सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था जिसके बाद प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 12 अप्रैल को पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.

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