नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग (ईसी) के एक फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी की याचिका पर गुरुवार को आयोग से जवाब मांगा. पार्टी ने ‘आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स)’ के एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकरण के खिलाफ उसकी आपत्ति खारिज करने के आयोग के फैसले के खिलाफ यह याचिका दायर की है.
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने आयोग को नोटिस जारी किया और नवगठित आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स) को फिर से पंजीकृत करने की आप की मांग को लेकर उसकी याचिका पर आयोग का जवाब मांगा. आम आदमी पार्टी इस आधार पर नवगठित पार्टी का फिर से पंजीकरण चाहती है, क्योंकि दोनों पार्टियों का संक्षिप्त नाम ‘आप’ ही है और समान नाम होने से मतदाता दिग्भ्रमित हो सकते हैं.
वकील अनुपमा श्रीवास्तव के जरिये दायर याचिका में दावा किया गया है कि नई पार्टी का नाम भी उसके नाम से मिलता-जुलता है और इससे मतदाता दिग्भ्रमित हो सकते हैं. आप ने आयोग के 16 जुलाई के उस आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया है, जिसमें उसने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत बतौर राजनीतिक पार्टी आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स) के पंजीकरण पर आप की आपत्ति खारिज कर दी थी.