नई दिल्ली। 2019 लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियां अगर एकजुट होती है तो प्रधानमंत्री का उम्मीदवार राहुल गांधी होंगे? इस सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अगर गठबंधन सहयोगियों ने चाहा तो मैं जरूर बनूंगा. साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी आगामी चुनावों में अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी.
HT लीडरशिप समिट 2018 में पहुंचे राहुल गांधी ने मायावती की नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से गठबंधन को लेकर चल रहे विवाद पर कहा कि मैं ऐसा नहीं देखता हूं कि कांग्रेस का बीएसपी के साथ गठबंधन नहीं होने का चुनाव में हमारे ऊपर कोई असर पड़ेगा.
आपको बता दें कि 3 अक्टूबर को मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. मायावती ने कहा, “जैसा उनकी पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, वैसा ही वह अन्य राज्यों में करेगी. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बसपा अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. हमारा कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा.”
राहुल गांधी ने चुनाव के समय में धार्मिक स्थानों के दौरे पर बीजेपी के आरोप पर कहा, ”मैं सालों से मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद जा रहा हूं, लेकिन अचानक यह सुर्खियों में आने लगा है. मुझे लगता है कि बीजेपी को यह रास नहीं आ रहा है.”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि कि सरकार आम लोगों के साथ लड़ाई पर उतर आई है. एक मात्र घुटन भरी विचारधारा को पूरी आबादी पर थोपी जा रही है. अगर खुलकर बात नहीं होगी तो उस देश के बारे में क्या कहेंगे?
कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर विदेश नीति को लेकर भी हमला बोला. उन्होंने कहा, ”अगर दुनिया में कुछ हो रहा है तो आप उससे अछूता नहीं रह सकते हैं. विदेश नीति की कोई रणनीतिक सोच नहीं है. पहले आप डोकलाम पर करो फिर आप कुछ और करो. नेपाल भारत से दूर चला गया, मालदीव चला गया.”
उन्होंने कहा कि आज नौकरियां नहीं हैं. छोटे और मध्यमवर्गीय व्यवसाय खुल रहे हैं. लेकिन सरकार उनपर लगातार हमले कर रही है. HT लीडरशिप समिट में संयुक्त प्रगतिशील गठबंध (यूपीए) अध्यक्ष और राहुल की मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी भी पहुंची थी.