नई दिल्ली। विश्व के सर्वोच्च नोबल शांति पुरस्कार(Nobel Peace Prize for 2018) के विजेताओं के नाम की घोषणा हो गई है. वर्ष 2018 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए कांगो के डॉ मुकवेगे और यजीदी दुष्कर्म पीड़िता नादिया मुराद को चुना गया है. दोनों शख्सियतों को दुनिया में शांति कायम करने की कोशिशों के लिए इस मशहूर पुरस्कार के लिए चुना गया है. बता दें कि वर्ष 2018 के लिए मेडिसिन के क्षेत्र में रनेगेटिव इम्यून रेग्यूलेशन के इनहिबिशन के ज़रिये कैंसर थेरेपी की खोज के लिए संयुक्त रूप से जेम्स एलिसन तथा तासुकू हॉन्जो को दिया गया. दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार यह माना जाता है.
हालांकि इस बार साहित्य का नोबल पुरस्कार किसी को न देने का फैसला हुआ है. दरअसल सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े ज्यां-क्लाउड अर्नोल्ट के यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसने पर उपजे विवाद को देखते हुए नोबल पुरस्कार बांटने वाली एकेडमी ने इस बार साहित्य का पुरस्कार न देने का फैसला किया है. पिछले 70 साल में पहली बार ऐसा है कि साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा.हालांकि हर बार की तरह इस बार भी चिकित्सा, भौतिकी, रसायन, शांति और अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पात्रों को दिया जाएगा. मेडिसिन के नोबल पुरस्कार की घोषणा के बाद शांति के नोबल पुरस्कार पर लोगों की निगाह टिकी है.शांति के नोबल की घोषणा ओस्लो में होगी. बता दें कि डायनामाइट के आविष्कारक एल्फ्रेड नोबेल की याद में हर वर्ष नोबेल पुरस्कार अवॉर्ड दिया जाता है