फैजाबाद। उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में आगामी त्योहारों, प्रतियोगी परीक्षाओं के मद्देनजर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है. निषेधाज्ञा 3 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी और इस दौरान जनपद में कोई रैली, पदयात्रा, परिक्रमा और जनसभा पर रोक रहेगी.
जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि आगामी अवधि में त्योहारों, प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर जनपद में शांति व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक है. जनपद में धारा 144 में विहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञाएं पारित की जाती हैं. यह निषेधाज्ञा 3 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी.
उन्होंने कहा कि इस निषेधाज्ञा के अंतर्गत जनपद में किसी भी व्यक्ति संस्था एवं संगठन द्वारा किसी प्रेसवार्ता या अन्य किसी माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव और सामाजिक सौमनस्य को बिगाड़ने का प्रयास नहीं किया जाएगा. ड्यूटी पर तैनात शासकीय कर्मचारियों, अधिकारियों और अन्य कर्मियों जो शासकीय अस्त्र-शस्त्र धारण करने के लिए अधिकृत हैं, उनके अलावा कोई भी व्यक्ति आग्नेय अस्त्र, विस्फोटक पदार्थ, लाठी, बल्लम, भाला या तेज धार वाले हथियार लेकर सार्वजनिक रूप से न तो लेकर चलेगा और न ही किसी प्रकार के ऐसे अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन करेगा.
किसी प्रकार के आयोजन, समारोहों में भी अन्य अस्त्र-शस्त्र के साथ ही लाइसेंसी अस्त्रों का प्रदर्शन-उपयोग व्यक्ति समूह संगठन, राजनैतिक दल आदि द्वारा कोई कार्यक्रम, समारोह, रैली, पदयात्रा, परिक्रमा और जनसभा आदि नहीं किया जाएगा और किसी भी प्रकार के पोस्टर, बैनर, वॉल पेंटिग, पम्पलेट, फेसबुक, व्हाटसएप, ट्वीट आदि अन्य किसी भी माध्यम से संदेश प्रचारित, प्रसारित नहीं किया जाएगा, जिससे किसी समुदाय को ठेस पहुंचे या सांप्रदायिक सौहार्द एवं सामाजिक सामजस्य बिगड़ने की स्थिति उत्पन्न हो.
इसके अलावा कोई भी व्यक्ति या राजनैतिक दल, संगठन बिना पूर्व अनुमति कोई जनसभा, नुक्कड़ सभा, रैली, जुलूस, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पद यात्रा आदि का आयोजन नही करेगा. कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यंत्रो जैसे लाउडस्पीकर आदि का प्रयोग किसी भी दशा में बिना पूर्व अनुमति के नही करेगा एवं पूर्व अनुमति की दशा में भी अनुमति की शर्तो का उल्लंघन नहीं किया जाएगा.
डॉ. कुमार के अनुसार, किसी भी प्रकार के शोभायात्रा, जुलूस आदि में प्रतिबंधित एवं रसायन युक्त अबीर गुलाल, रंग, पेंट आदि का प्रयोग नहीं किया जाएगा, बल्कि उसके स्थान पर गुलाब, गेंदा आदि फूलों की पंखुड़ियों का प्रयोग किया जाएगा.