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बांग्लादेश: पूर्व PM खालिदा जिया का बांया हाथ लकवाग्रस्त, नहीं कर पाएंगी कोई काम

ढाका। जेल में बंद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया के डॉक्टर ने कहा है कि लकवाग्रस्त होने के बाद जिया अब अपने बांये हाथ का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं. जिया (73) की सेहत बिगड़ने के बाद एक अदालत के आदेश के बाद उन्हें पिछले सप्ताह यहां एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें एक अनाथालय से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद फरवरी में पांच साल के लिए जेल में डाला गया था. डॉ अब्दुल जलील चौधरी ने सोमवार को बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘वह पिछले 30 साल से गठिया से पीड़ित हैं जिसकी वजह से उनका बांया हाथ लकवाग्रस्त हो गया. ’’

बांग्लादेश: जेल में बंद पूर्व PM खालिदा की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में हुईं भर्ती

बीएनपी अध्यक्ष के उपचार में लगे पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड के प्रमुख ने कहा कि जिया का बांया हाथ लकवाग्रस्त होने के बाद टेढ़ा हो गया है.  उन्होंने अपनी आर्थराइटिस की दवाएं ठीक तरह से नहीं लीं. चौधरी ने कहा, ‘‘उनके बदले जा चुके एक घुटने में भी समस्या है. ’’ उन्होंने बताया कि जिया को पिछले 20 साल से डायबिटीज है लेकिन उन्होंने बताई गई इंसुलिन नहीं ली.  इसलिए हमें पहले उनके डायबिटीज का स्तर पता लगाना होगा.

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बांग्लादेश: जेल में बंद पूर्व PM खालिदा की तबीयत बिगड़ी
आपको बता दें कि जेल में बंद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्ष की नेता खालिदा जिया का स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद उन्हें शनिवार को ढाका के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 73 वर्षीय जिया के खिलाफ इस समय भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मुकदमा चल रहा है. मुकदमा 19वीं सदी में ब्रितानियों द्वारा निर्मित एक जेल के भीतर बनाए गए अस्थायी अदालत कक्ष में चल रहा है.

जिया इसी जेल में बंद हैं और उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री ने हाल में अदालत में कहा था कि उनके शरीर का एक हिस्सा (एक हाथ और एक पैर) धीरे-धीरे काम करना बंद कर रहा है. गुरुवार को उच्च न्यायालय ने जिया को बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराने का निर्देश दिया था.एक रिट याचिका के जवाब में अदालत ने अधिकारियों से जिया के स्वास्थ्य की जांच करने और उनका इलाज शुरू करने के लिए एक पांच सदस्यीय चिकित्सा बोर्ड का गठन करने को कहा था.

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