लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बजरंगबली वाली बयान पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्षी पार्टियों के बाद अब अब उत्तर प्रदेश के गवर्नर रामनाईक ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ को नसीहत दी है. नाईक ने कहा कि अपनी बातों को सभ्यता से रखना और किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना अपने विचारों को लोगों के सामने रखना लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है.
उन्होंने कहा कि हमने पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को देखा है, जिस प्रकार वो संसद में नेतृत्व करते थे. अपनी प्रतिक्रिया को अच्छे से व्यक्त करते थे. वह अपनी बातों को इतनी विनम्रता से रखते थे कि, संसद में हमेशा सभी का दिल जीत लेते थे. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी की इन्ही बातों से सीख लेते हुए ऐसी बातें बोलनी चाहिए या ऐसे विचार रखने चाहिए, जो दूसरों के लिए अनुकरणीय हो. उन्होंने कहा कि राजनीति छोड़ने के इतने सालों बाद भी लोग लखनऊ को लोग अटल बिहारी के नाम से जानते हैं, उसके पीछे का कारण उनका अच्छा व्यक्तित्व था.
आपको बता दें कि हाल ही में राजस्थान के अलवर के मालाखेड़ा में सीएम योगी ने प्रचार के दौरान हनुमान को दलित बताया था. मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया. सीएम योगी ने कहा कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं. सीएम योगी के इस बयान के बाद ब्राह्मण समाज खासा नाराज है. राजस्थान ब्राह्मण सभा ने सीएम योगी पर जाति में बांटने का आरोप लगाते हुए उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है.