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दाऊद पर पाक पीएम इमरान खान का बयान, ‘भारत में वांटेड लोगों की लिस्‍ट हमारे पास भी है’

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को यह माना कि अन्य देशों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने देश की सीमा के इस्तेमाल की इजाजत देना पाकिस्तान के हित में नहीं है और कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच शांति लाने के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं.

वहीं पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्‍लामाबाद में भारतीय पत्रकारों के एक समूह से बातचीत भी की. इस दौरान उनसे यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार भारत के ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के खिलाफ कार्रवाई करेगी, खान ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा, “हम अतीत में नहीं जी सकते. हमें अतीत को पीछे छोड़ना होगा और आगे देखना होगा. हमारे पास भी भारत में वांटेड लोगों की सूची है.”

उन्होंने मुंबई हमले के गुनहगारों को सजा देने पर कहा, हाफिज सईद पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है. जमात-उद-दावा प्रमुख पर पहले से ही शिकंजा कसा हुआ है. जमात-उद-दावा को जून, 2014 में अमेरिका ने एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था. सईद लश्कर-ए-तैयबा का सह संस्थापक है जो मुम्बई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमले के लिए जिम्मेदार है. इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी.

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फाइल फोटो

मुंबई हमलों के बाद सईद को नजरबंद किया गया था लेकिन 2009 में अदालत ने उसे रिहा कर दिया था. भारत, पाकिस्तान से 2008 के मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को दंडित किए जाने की मांग करता रहा है. इमरान खान ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘देश के बाहर आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करने की इजाजत देना हमारे हित में नहीं है.’’ वह गुरुवार को अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने का जश्न मना रहे थे.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत के साथ अमन चाहते हैं तथा उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और बात करने में खुशी होगी. खान ने कहा,‘‘यहां के लोगों की मानसिकता बदल चुकी है.’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या कश्मीर मुद्दे का समाधान संभव है तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘कुछ भी असंभव नहीं है.’’

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फाइल फोटो

उन्होंने कहा,‘‘ मैं किसी भी मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हूं. कश्मीर का हल सैन्य समाधान नहीं हो सकता.’’ बुधवार को करतारपुर गलियारे के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कश्मीर का जिक्र किए जाने पर भारत की आपत्ति पर खान ने कहा कि वह बस इतना कहने की कोशिश कर रहे थे कि दोनों पक्ष बैठकर बात करें तो इस मुद्दे का समाधान असंभव नहीं है.

भारत के साथ संबंधों को सुधारने के अपने आह्वान का संदर्भ देते हुए खान ने यह भी कहा कि हालांकि शांति के प्रयास एकतरफा नहीं हो सकते है और भारत में आम चुनाव हो जाने तक पाकिस्तान उसके जवाब का इंतजार करेगा.

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