मेरठ/लखनऊ। बुलंदशहर के स्याना गांव में सोमवार को गोहत्या की अफवाह के बाद फैली हिंसा और एक पुलिस अधिकारी के मारे जाने के मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और चार लोग हिरासत में हैं. बुलंदशहर हिंसा में योगेश राज मुख्य आरोपी है और यही गौकशी मामले का शिक़ायतकर्ता भी है. बताया जाता है कि योगेश राज बजरंग दल का जिला संयोजक है. सोमवार को भीड़ द्वारा हमले में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हो गई थी.
सुबोध कुमार अख़लाक हत्याकांड के जांच अधिकारी भी रहे थे. घटना के शेष नामजद और अज्ञात अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए कोशिश की जा रही है. एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने बताया कि फिलहाल घटनास्थल वाले क्षेत्र में पूरी तरह शांति है. हालांकि एहतियात के तौर पर वहां पर अतिरिक्त पुलिस तैनात किया गया है.
उन्होंने बताया कि हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. इस जांच में यह पता लगाया जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्यों पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़कर भाग गए. इस मामले में पुलिस ने कुल 27 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
एडीजी के मुताबिक, इंस्पेक्टर सुबोध की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उन्हें गोली लगने की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक गोली उनकी बाईं भौंह से होते हुए सिर के अंदर चली गई. उन्होंने बताया कि घटना में मारे गए सुमित पुत्र अमरजीत निवासी चिंगरावठी के शव का भी पोस्टमॉर्टम हो गया है जिसकी रिपोर्ट में उसकी मृत्यु का कारण गोली लगना बताया गया है.
इससे पहले मंगलवार सुबह दिवंगत सुबोध कुमार को पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी गई. इसके बाद उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए उनके गृह जनपद एटा के लिए रवाना किया गया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के बाद हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी को 40 लाख रुपये और माता-पिता को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
उन्होंने दिवंगत पुलिस अधिकारी के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को मृतक के आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया है.
एडीजी के मुताबिक, सोमवार की सुबह गोवंश के काटे जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची. गांव के आक्रोशित लोगों ने रोड जाम कर दिया. महाव और चिगलवाली समेत तीन गांवों के लोग वहां मौजूद थे.
ग्रामीणों की शिकायत थी कि खेत में गोवंश के अवशेष पाए गए थे. उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया था लेकिन गांववाले ट्रैक्टर पर अवशेष लादकर ले लाए और मेन रोड ब्लॉक कर दिया.
विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस बल ने लाठीचार्ज किया. उन्होंने बताया शुरुआत में पुलिस से बातचीत के दौरान ग्रामीण सहमत हो गए लेकिन बाद में वे फिर से उत्तेजित हो गए.
ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया. तीन गांव के करीब 400 लोग वहां मौजूद थे. बवाल के दौरान 15 वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया. कई गाड़ियों को आग लगा दी गई. हमले में इंस्पेक्टर के सिर पर पत्थर लगा. यह पूरा घटनाक्रम दोपहर 12 बजे का है.
एडीजी कुमार ने कहा कि गोहत्या के सबूत अभी नहीं मिले हैं. गोकशी के आरोप और हिंसा दोनों की जांच के लिए आईजी मेरठ रेंज की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की गई है. तीन से चार सदस्य एसआईटी में होंगे.