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बजट सत्र में विपक्ष से निपटने के लिए एनडीए के घटक दलों की बैठक, रणनीति पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी की वर्तमान सरकार के तहत अंतिम संसद सत्र में सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने एवं विपक्ष के हमलों से निपटने के लिये रणनीति बनाने के मकसद से गुरुवार को बीजेपी संसदीय दल की कार्यकारणी एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों की बैठक हुई . बैठक में इस बात को रेखांकित किया गया कि कुछ ही महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इस छोटे सत्र का अधिकतम उपयोग किया जाए .

बीजेपी संसदीय दल के कार्यकारणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी आदि मौजूद थे .

अकाली दल ने एनडीए बैठक में भाग नहीं लिया
एनडीए की बैठक में जदयू, शिवसेना, लोजपा, समेत अनेक घटक दलों ने हिस्सा लिया . हालांकि इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल ने हिस्सा नहीं लिया . शिरोमणि अकाली दल के राज्यसभा सदस्य एवं प्रवक्ता नरेश गुजराल ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती थी कि वह गुरूवार को होने वाले एनडीए के घटक दलों की बैठक में हिस्सा ले, लेकिन गुरूद्वारा के प्रबंधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हस्तक्षेप बढ़ने के मद्देनजर उसने हिस्सा नहीं लिया . अकाली दल ने देश के किसानों के लिये पैकेज की भी मांग की है .

उन्होंने कहा कि यह सत्र छोटा है और काम अधिक है.. ऐसे में सभी दलों ने सत्र के दौरान अधिक से अधिक काम करने पर जोर दिया . इसमें राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव तथा अंतरिम बजट दो महत्वपूर्ण विषय होंगे . इसके अलावा कई विधेयकों को पारित कराने और लोक महत्व के विषयों पर चर्चा होगी .

संसद का बजट सत्र 13 फरवरी तक चलेगा
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा और यह वर्तमान सरकार के तहत संसद का यह अंतिम सत्र होगा . इसकी शुरूआत बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के संबोधन के साथ हुई.

वित्त मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करेंगे और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसमें समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण से जुड़ी अनेक उपायों की घोषणा कर सकती है.

सत्र के दौरान सरकार नागरिकता विधेयक, तीन तलाक जैसे विवादास्पद विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगी जिसे कई दलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है. नागरिकता विधेयक पर जदयू जैसे बीजेपी के सहयोगी दल एतराज जता चुके हैं .

सरकार के एजेंडे में है जन प्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम 2017
सरकार के एजेंडे में जन प्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम 2017 है जिसमें प्राक्सी के जरिये एनआरआई को मतदान करने की सुविधा प्रदान करने की बात कही गई है. इसके साथ ही राष्ट्रीय मेडिकल काउंसिल विधेयक भी एजेंडे में है. इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में अटके हुए हैं .

नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में लंबित है जहां विपक्ष इसमें देशों के नाम से बांग्लादेश का नाम हटाने की मांग कर रहा है जिसके शरणार्थी नागरिकता के लिये आवेदन करने के पात्र बन जायेंगे. शीतकालीन सत्र में यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है. राज्यसभा में इसे प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग हो रही है.

सत्र के दौरान सरकार की ओर से अयोध्या में गैर विवादित 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय में पेश अर्जी का मुद्दा भी उठ सकता है . बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की पक्षधर है. विपक्ष की ओर से सरकार के लोकलुभावन घोषणाओं का विरोध किये जाने की भी उम्मीद है.

इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम समेत पूर्वोत्तर के चार राज्यों में स्वायत्त परिषदों पर संविधान संशोधन को मंजूरी दी है और सरकार की योजना उसे भी इसी सत्र में पेश करने की है. जानकारों का मानना है कि चुनावों के मद्देनजर सरकार इसमें अपनी उपलब्धियों को गिनाने की कोशिश करेगी. वहीं, विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. ऐसे में इस सत्र के भी हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. इस सत्र के दौरान 10 बैठकें होंगी .

सत्र के दौरान कई अध्यादेशों के स्थान पर विधेयक पारित कराने का सरकार प्रयास करेगी. इसमें मुस्लिम महिला विवाह के अधिकार की सुरक्षा अध्यादेश 2019, भारतीय मेडिकल काउंसिल संशोधन अध्यादेश 2019, कंपनी संशोधन अध्यादेश 2019 शामिल हैं.

इसके अलावा सत्र के दौरान किशोर : बालकों की देखरेख एवं सुरक्षा: संशोधन 2018, मानव तस्करी की रोकथाम संबंधी विधेयक, आधार संबंधी संशोधन विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, डीएनए प्रौद्योगिकी नियमन विधेयक, राष्ट्रीय मेडिकल आयोग विधेयक, नागरिकता संशोधन विधेयक भी पारित कराने का प्रयास किया जाएगा .

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