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क्या सेक्स के दौरान महिलाएं भी करती हैं इजैक्युलेट? जानें सच्चाई

हम सब मेल इजैक्युलेशन के बारे में तो बहुत कुछ जानते हैं लेकिन क्या आपने कभी फीमेल इजैक्युलेशन के बारे में सुना है? क्या इसका मतलब यह निकाला जाए कि फीमेल इजैक्युलेशन होता ही नहीं या फिर यह कोई ऐसी अनोखी और अनसुनी चीज है जो महिलाओं के साथ होती है? अगर आप भी उन महिलाओं में शामिल हैं जिन्होंने सेक्स के दौरान कभी-न-कभी पार्टनर पर squirting की है, उनके लिए यह जानना जरूरी है कि फीमेल इजैक्युलेशन रियल में होता है…क्या सेक्स के दौरान महिलाएं भी करती हैं इजैक्युलेट? जानें सच्चाई

ऑनलाइन सर्वे में हुआ खुलासा
हाल ही में हुए एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सर्वे के मुताबिक पिछले कई सालों से विवाद का विषय रहा फीमेल इजैक्युलेशन हकीकत में होता है और जहां तक किसी महिला के सेक्स लाइफ का संबंध है तो इस फीमेल इजैक्युलेशन का महिला के शरीर पर पॉजिटिव असर होता है। हालांकि बड़ी संख्या में महिलाएं हेल्थ एक्सपर्ट्स के सामने भी इस बारे में बात करने से कतराती हैं क्योंकि इस बारे में बात करने पर उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है और ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि इजैक्युलेशन का संबंध सिर्फ पुरुषों से है।

क्या आपको लगता है कि आप सेक्स के बारे में सबकुछ जानते हैं तो एक बार फिर सोचें। इंटरनेट की दुनिया में सेक्स से जुड़ी इतनी सारी बातें बोली और कही जाती हैं कि इस बात पर भरोसा करना मुश्किल हो जाता है कि आखिर कौन सी बात सही है और कौन सी गलत? सेक्स को लेकर अक्सर लोगों के दिलो-दिमाग में कई गलत धारणाएं और भ्रांतियां भी होती हैं। जानें, सेक्स से जुड़ी ऐसी ही कुछ बातों के बारे में जो पूरी तरह से गलत हैं और उनकी हकीकत क्या है….

हकीकत: मेनॉपॉज के दौरान और उसके बाद भी बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जो अपने हॉर्मोनल बैलेंस के साथ-साथ सेक्स में इंट्रेस्ट को भी बरकरार रखती हैं। प्रेग्नेंसी और मेन्स्ट्रूएशन के वक्त भी अब सेक्स को लेकर किसी तरह की कोई चिंता नहीं रहती क्योंकि ज्यादातर महिलाएं इतनी समझदार और कॉन्फिडेंट हो गई हैं कि उन्हें पता है कि उन्हें क्या चाहिए।

हकीकत: हालांकि महिलाओं और पुरुष दोनों में ही लिबिडो यानी कामेच्छा के लिए टेस्टोस्टेरॉन काफी अहमियत रखता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यही एक मात्र हॉर्मोन है। सेक्शुअल फंक्शन्स के दौरान बाकी हॉर्मोन्स की भी उतनी ही अहमियत होती है। मेल-फीमेल दोनों में सेक्स के प्रति इच्छा जगाने में एस्ट्रोजन का भी अहम योगदान होता है। साथ ही अगर शरीर में कॉर्टिसोल का लेवल बढ़ जाए तब भी कामेच्छा में कमी आ जाती है।

हकीकत: किसी से रियल कनेक्शन बनवाने और रिलेशनशिप बकरार रखने के लिए काफी समय और एनर्जी देनी पड़ती है। अपने पार्टनर और उसके इंट्रेस्ट पर फोकस करें। आप देखेंगे कि ऐसा करने से पार्टनर के साथ आपका कनेक्शन और ज्यादा स्ट्रॉन्ग हो जाएगा और जब कनेक्शन स्ट्रॉन्ग होगा तो सेक्स की इच्छा और लिबिडो दोनों बढ़ जाएंगे।

हकीकत: महिलाओं की कामेच्छा पुरुषों से कम होती है और महिलाओं में सेक्स के प्रति उतनी लालसा नहीं होती जितना पुरुषों में होती है। 2017 की एक स्टडी में यह बात सामने आयी थी कि 60 प्रतिशत महिलाएं अपने मेल पार्टनर से ज्यादा सेक्स करना चाहतीं थीं।

हकीकत: वर्जिनिटी सिर्फ फिजिकल पेनिट्रेशन की स्थिति में ही खो सकते हैं। ओरल सेक्स से सिर्फ मानिसक रूप से आप अपनी वर्जिनिटी खो सकते हैं, फिजिकल तौर पर नहीं।

28 ग्राम तक फ्लूइड निकलता है शरीर से
आपको जानकर हैरानी होगी कि सेक्स के दौरान जिन महिलाओं के शरीर से इजैक्युलेशन होता है, उनके शरीर से एक बार में करीब 28 ग्राम तक क्लियर फ्लूइड निकलता है जो इतना होता है कि इससे आपके बिस्तर की चादर गीली हो सकती है। कुछ लोगों का मानना है कि यह इजैक्युलेशन नहीं बल्कि peeing है लेकिन बहुत से अनुसंधानकर्ता इसे पूरी तरह से यूरीन नहीं मानते। इसे समझना कुछ हद तक कॉम्प्लिकेटेड हो सकता है लेकिन कुछ महिलाओं को इजैक्युलेशन होता है जबकि बाकी महिलाओं के शरीर से सेक्स के बाद डाइल्युटेड यूरीन निकलता है।

हेल्दी सेक्स लाइफ
जो महिलाएं इजैक्युलेट नहीं करतीं इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि उनकी सेक्स लाइफ हेल्दी नहीं है। फोरप्ले के दौरान जी-स्पॉट के स्टिम्युलेशन से या फिर किसी सेक्स टॉय की मदद से जब प्राइवेट पार्ट में उत्तेजना होती है तो इजैक्युलेशन हो सकता है।

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