Friday , May 3 2024

स्पेशल

बेगूसराय में बजरंग दल कार्यकर्ता की मॉब लिंचिंग की कोशिश, हथियारों के साथ 400 की मुस्लिम भीड़ ने घेरा

जयन्ती मिश्रा (साभार) असहाय, बेबस और कथिततौर पर लव जिहाद का शिकार हुई पीड़िता की मदद करना, बिहार के बेगूसराय में बजरंग दल कार्यकर्ताओं को मॉब लिंचिंग की कगार पर लाकर खड़ा कर देगा, यह शुभम भारद्वाज, पंकज सिंह, विकास भारती ने कभी सोचा भी नहीं था। उनके पास तो बस ...

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कठुआ कांड की तरह ही मीडिया लिंचिंग की साजिश तो नहीं? 31 साल पहले भी 4 नौजवानों ने इसे भोगा था

आनंद कुमार (साभार) शहर एक नए किस्म के अपराधियों से परेशान था। ये लड़कों के छोटे-छोटे समूहों में होते थे और लोगों पर हमला कर उनके साथ मारपीट और लूटपाट किया करते थे। ‘वाइल्डिंग’ नाम के ऐसे समूह 1989 के दौर में अमेरिका के न्यूयॉर्क में खासे कुख्यात थे। न्यूयॉर्क के ...

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जब बलात्कार से ज्यादा जरूरी हिन्दू प्रतीकों पर कार्टून बना कर नीचा दिखाना हो जाता है: अपना इतिहास स्वयं लिखो

आनंद कुमार (साभार) बलात्कार का अभियुक्त था, भारत में होता तो शायद उसके साथ इससे भी बुरा होता। जब वो चीख-चीख कर कहने लगा कि उसने कोई बलात्कार किया ही नहीं तो उसकी सुनता कौन? हरेक अपराधी ऐसा ही कहता है। ऊपर से ये तो अपराधियों में भी सबसे घृणित ...

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सात सीटो पर जीतने वाले सिर्फ डेढ़ साल के लिए बन सकेंगे विधायक

सात में से छह पर भाजपा तो एक पर सपा काबिज राजेश श्रीवास्तव लखनऊ । उत्तर प्रदेश में जिन सात सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हुआ है। उनमें सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के सामने जहां-जहां अपना ...

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माधव कान्त मिश्र : पत्रकार जिसने धर्म और अध्यात्म को बनाया लोक सरोकार (त्रयोदशाह पर श्रद्धाञ्जलि)

डॉ० मत्स्येन्द्र प्रभाकर स्वच्छ और निर्मल मन के लोग अपने व्यवहार में भी निर्विकार होते हैं। सामने आने/उभरने वाले किसी मुद्दे पर वे बेलाग मुखर हो जाते हैं। वज़ह यह कि उनके मन में कोई कूड़ादान नहीं होता। हालाँकि इसकी बिना पर लोग उनके व्यक्तित्त्व को लेकर बहुधा सशंकित हो ...

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पूना पैक्ट: समझौते के बावजूद अंबेडकर ने गाँधी जी के लिए कहा था- मैं उन्हें महात्मा कहने से इंकार करता हूँ

सितंबर 24, 1932 में आज ही के दिन महात्मा गाँधी और बीआर अंबेडकर (BR Ambedkar) के बीच भारी मतभेद और लम्बे विवाद के बाद ऐतिहासिक पूना पैक्ट (Poona Pact) का समझौता हुआ था। सितंबर 19, 1932 की सुबह बॉम्बे (जिसे अब मुंबई के रूप में जाना जाता है) में लोग ...

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दान कुपात्र को न मिले

के. विक्रम राव 21 सितम्बर, 2020 लोकसभा ने विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA), 2020, पारित कर दिया| यह कदाचार पर खरोंच मात्र है| इस कानून के तहत स्वयंसेवी संस्थाओं (NGO) पर वित्तीय अनुशासन कड़ा होगा| नरेंद्र मोदी ने इसे ‘पंच सितारा उद्यम’ बताया जिससे उनकी एनडीए सरकार को पलटने का ...

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उत्तर प्रदेश का बंटवारा हो सकता है मोदी का नया दांव

के. पी. मलिक मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में राम मंदिर, धारा 370, ट्रिप्पल तलाक, सीएए आदि हिंदुत्व के मुद्दों पर बढ़त अवश्य बनाई थी परन्तु कोरोना महामारी, चीन के साथ तनातनी, तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी से युवाओं में बेचैनी के फ्रंट पर सरकार फेल होती ...

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मुख्यमंत्री जी, जवाब दीजिये आपदा काल में कैसे यूपी में हो गया हजारों करोड़ का कोरोना किट घोटाला

राजेश श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तल्ख रवैये से पूरा प्रदेश ही नहीं देश भी भली-भांति वाकिफ है। ऐसे में यह उम्मीद की रही थी कि योगी आदित्यनाथ के शासन में भले ही काम न हो लेकिन भ्रष्टाचार की गुंजाईश नहीं रहेगी। शपथ लेने के बाद ही ...

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हिंदू धार्मिक पुस्तक को टॉयलेट पेपर बनाना अपराध नहीं: पुलिस के एक्शन पर लोगों ने पूछा – ‘कुरान होता तो?’

सोशल मीडिया पर पिछले दिनों हरतालिका तीज व्रत कथा की पवित्र पुस्तक को ‘टॉयलेट पेपर’ के रूप में प्रयोग करने वाली पत्रकार सुष्मिता सिन्हा के ख़िलाफ़ हिंदू आईटी सेल के एक सदस्य ने दिल्ली के गोविंदपुरी थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। मगर, दिल्ली पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। ...

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नरेन्द्र मोदी : बैलगाड़ी से अंतरिक्ष तक की सफलता के लक्ष्य

आलोक मेहता सत्ता, संपन्नता, शिखर-सफलता अधिक महत्वपूर्ण है- संघर्ष की क्षमता और जीवन मूल्यों की दृढ़ता। इसलिए नरेन्द्र भाई मोदी के प्रधानमंत्री पद और राजनीतिक सफलताओं के विश्लेषण से अधिक महत्ता उनकी संघर्ष यात्रा और हर पड़ाव पर विजय की चर्चा करना मुझे श्रेयस्कर लगता है। राजधानी में संभवतः ऐसे ...

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अब सरकार बेचेगी एलआईसी और आईआरसीटीसी की हिस्सेदारी

राजेश श्रीवास्तव कभी प्रधानमंत्री ने जब यह चुनावी जुमला दिया था कि मैं देश नहीं झुकने दूंगा, मैं देश नहीं बिकने दूंगा। तब देश की जनता ने उन पर आंख बंद करके भरोसा कर लिया था कि शायद अब देश की तस्वीर बदले और देश में नये उपक्रम लगेंगे। लोगों ...

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आखिर कौन लिख रहा बच्चों के कोरे मन पर ‘गंदी’ बातें?

दिनेश पाठक आचार्य विनोवा भावे जी की मशहूर पंक्ति है-बच्चे मन के सच्चे, बाकी सब कच्चे. अन्य विद्वतजन भी इस लाइन को अपने-अपने शब्दों में कहते-सुनते दिख जाते हैं- बच्चे कोरे कागज की तरह होते हैं. जो चाहो लिख दो, वह अमिट होता है. कोई कहता है कि बच्चे गीली ...

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पंचर बनाने वाले, सिलाई करने वाले कैसे महँगे कपड़े पहनकर हिंदू लड़कियों को बनाते हैं लव जिहाद का शिकार?

लखनऊ। देशभर में लव जिहाद के तमाम किस्से होने के बावजूद वामपंथियों का ऐसा मानना रहा है कि इसकी संकल्पना दक्षिणपंथियों ने तैयार की है, वास्तविकता में इसका समाज से कोई लेना देना नहीं है। अब हालाँकि उनकी यह सोच कितनी गलत है इसे पुराने उदाहरणों से न समझकर एकदम ताजा ...

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वकील भूषण ऐसे, वैसे, कैसे हो गए ?

के. विक्रम राव एक शर्त आज मैं जीत गया फलस्वरूप अपनी पत्नी से एक रुपया वसूला, क्योंकि अद्वितीय वकील प्रशांत भूषण ने ऐलान कर दिया कि वे अदालत की अवमानना के अपराध पर जुर्माने का भुगतान कर देंगे| हालाँकि शर्त लगाने को मैं पाप ही मानता हूँ| यह द्यूत का ...

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