Monday , April 29 2024

विशेष

थूक कर कितनी बार चाटेंगे राहुल गॉंधी, अब तो पाकिस्तानी भी कहने लगे कंफ्यूज्ड

अजीत झा बचपन में पढ़ा था थूक कर चाटना। यानी अपनी ही बातों से मुकर जाना। बीते कुछ सालों से जिस एक व्यक्ति को बार-बार इस मुहावरे पर खरे उतरता देख रहा हूँ, वो कोई और नहीं देश के इकलौते चिर युवा 49 वर्षीय राहुल गॉंधी हैं। अब तो हालत ...

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2०13 तक डबल डिजिट की शहरी और ग्रामीण आय अब रह गयी पांच फीसद

राजेश श्रीवास्तव भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी की तरफ बढ़ रही है। 2०16-17 में जीडीपी विकास दर 8.2% थी, 2०18-19 में वो 5.8% पर पहुंच गई है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की रिसर्च के मुताबिक 2०19-2० की पहली तिमाही में यह और नीचे जाकर 5.6% पर पहुंचने की आशंका है। ...

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कृषि प्रधान देश के 76 फीसद किसान तलाश रहे खेती के विकल्प

राजेश श्रीवास्तव लखनऊ । कभी भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता था । लेकिन आज वह स्थिति आ गयी है जब हमारा अन्नदाता ख्ोती को छोड़कर उसका विकल्प तलाशने लगा है। यह स्थिति सिर्फ यह सोचने को विवश नहीं करती कि किसान ख्ोती छोड़ रहा है। बल्कि यह सोचने ...

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बेरोजगारी : बीते साल देश में 1.10 करोड़ नौकरियां हो गयीं कम

राजेश श्रीवास्तव लखनऊ । पिछले दिनों नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने सरकार से निजी कंपनियों को भरोसे में लेने की सलाह देते हुए कहा था कि किसी ने भी पिछले 7० साल में ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया जब पूरी वित्तीय प्रणाली जोखिम में है। राजीव ...

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आर्थिक मंदी से निपटना मोदी सरकार के लिए कड़ी अग्निपरीक्षा

राजेश श्रीवास्तव लखनऊ । एक तरफ भले ही मोदी सरकार के रणनीतिकार यह स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि देश में आर्थिक मंदी का खास असर है। लेकिन एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध मंे कई ऐलान कर इस बात को स्वीकार कर लिया कि सरकार ...

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अंधी गली में भारत की अर्थव्यवस्था (भाग-1)

आज देश में बेरोजगारी और आर्थिक मंदी विस्फोटक स्थिति में हैं। लेकिन इस पर कहीं चर्चा नहीं हो रही है। सरकार की उपलब्धियां तो बतायी जा रही हैं लेकिन आम आदमी जिस परेशानी के दौर से गुजर रहा है उससे उसे सबका साथ सबका विकास का नारा भोथरा साबित होता ...

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वामपंथ एक कैंसर है, इसको इग्नोर करने से काम नहीं चलेगा, इनकी जड़ पर एसिड डालना ज़रूरी

अजीत भारती वामपंथ के नाम पर आपको खूब इमोशनल अदरक-लहसुन सुँघाया जाएगा। वो कहेंगे कि ‘कामनिष्ठ मैनिफेस्टो’ पढ़ो। आप पूछिए कि क्यों पढ़ें? वो कहें कि मार्क्स के विचार पढ़ो, आप पूछिए कि क्यों पढ़ें? वो कहेंगे कि वामपंथ की विचारधारा उदारवादी है, आप कहिए कि नक्सलियों के हिमयाती और ...

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डियर शेहला सबूत तो जरूरी है, वरना चर्चे तो आपके बैग में कंडोम मिलने के भी थे

डियर शेहला रशीद शोरा, आशा है आप सानंद होंगी। अब ये मत कहिएगा कि सेना की फटकार, सोशल मीडिया पर दुत्कार और कानून के कसते शिकंजे के बीच आनंद कैसा! पार्ट टाइम पढ़ाई और फुल टाइम पॉलिटिक्स की आपकी मेहनत को जानता हूॅं। दुख इस बात का है कि सोशल ...

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भारत, धर्म और कानून: ‘आधुनिक’ भारतीय मानस की औपनिवेशिक दासता

भारतवर्ष की सभ्यता का उत्तराधिकारी भारतीय गणराज्य जब अपना 73वाँ स्वतन्त्रता दिवस मना रहा था, तब माननीय सुप्रीम कोर्ट श्री राम जन्मभूमि मामले में दैनिक सुनवाई चल रही थी। श्री पद्मनाभस्वामी स्वामी मंदिर मामले और श्री सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर फ़ैसले अभी लंबित हैं। इसके अलावा ...

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नेहरू-शेख की दोस्ती के कसीदों में ही छिपा है कश्मीर का शोकगीत, खुसरो की कविता से नहीं बदलेगा इतिहास

आशीष नौटियाल जम्मू-कश्मीर में जब से मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी किया है, ​इसके विरोधियों से लेकर समर्थक तक न केवल इतिहास के प्रसंगों से जूझ रहे हैं, बल्कि अपने तर्क को धार देने के लिए गद्य और कविता तक का हवाला दे रहे हैं। इसी ...

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जिसके पिता ने लिखी सत्यनारायण कथा, उसके 3 बेटों ने ‘इज्जत लूटने वाले’ अंग्रेज को मारा और चढ़ गए फाँसी पर

आनन्द कुमार आज अगर कोई कहे कि घर में पूजा है, तो ये माना जा सकता है कि “सत्यनारायण कथा” होने वाली है। ऐसा हमेशा से नहीं था। दो सौ साल पहले के दौर में घरों में होने वाली पूजा में सत्यनारायण कथा सुनाया जाना उतना आम नहीं था। हरि ...

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कश्मीर में पंडित सुरक्षित है और मुसलमान आतंक में हैं: भारतीय मीडिया की पाक अकुपाइड पत्रकारिता

अजीत भारती ये एक फर्जी ‘दुख भरी कहानी’ है जो आपको नाम बदल कर हर पाक अकुपाइड पत्रकार लिखता मिलेगा। ये न लिख पाए, तो दस लोगों का नाम लिख कर यह बताता मिलेगा कि ‘स्थानीय कश्मीरी नवयुवक ने बताई अपनी व्यथा’। वो सारे नवयुवक फर्जी होते हैं, जैसे कि ...

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‘खुली हवा में जरा सांस तो ले लें, कब तक रहेगी आजादी भला कौन जाने’: अटल बिहारी बाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के ही नहीं बल्कि देश के उन चुनिंदा नेताओं में एक थे जिन्‍हें सुनने के लिए जनता की भीड़ स्‍वयं ही उमड़ जाया करती थी । उनके भाषण आज भी अमर है, उनके कहे हुए एक – एक शब्‍द लोगों को नए उत्‍साह से ...

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पुण्य तिथि विशेष- अगर अटल बिहारी वाजपेयी नहीं होते, तो इन मामलों में पीछे रह जाता भारत

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है, आज पीएम मोदी उनकी समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे, वाजपेयी देश के उन प्रधानमंत्रियों में शामिल हैं, जिन्होने ना सिर्फ देश को प्रशासन और रक्षा के क्षेत्र में आगे बढाया, बल्कि ऑर्थिक विकास के स्तर पर भी दुनिया में ...

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गौतस्करों ने 19 हिन्दुओं की हत्या की, लेकिन गोपाल की हत्या उसे तबरेज़ या अखलाक नहीं बना पाती

अजीत भारती स्वराज्य पोर्टल पर एक खबर छपी है जहाँ उन्होंने यह बताया है कि 2018 से अब तक बीस लोगों की हत्याएँ हुई हैं गौतस्करों और बीफ माफिया द्वारा। इनमें किसान हैं, पुलिस वाले हैं, साधु हैं। ये इक्का-दुक्का हुआ हो, ऐसा भी नहीं। साल भर में अगर बीस लोग ...

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