Saturday , November 23 2024

कही-अनकही सचकही

गिरती जीडीपी : नोटबंदी के दिन से ही शुरू हो गया था आर्थिक दुर्भाग्य

राजेश श्रीवास्तव इसी सप्ताह दो ऐसी खबरें आयीं जिससे पता चलता है कि सरकार की नीतियां कितनी कारगर होती दिख रहीं हैं। एक गिरती जीडीपी की और दूसरी फैक्ट्रियों मंे उत्पादन ठप होने या कम होने के चलते बिजली की कम मांग। इन दोनों खबरों का आकलन करना बेहद जरूरी ...

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हम भी रेले गए थे, तुम भी रेले जाओगे: उद्धव ठाकरे को मिली कुमारस्वामी की चिट्ठी

प्रिय उद्धव बाला साहब ठाकरे, ख़बरों में देखा कि आपने कॉन्ग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। मैंने भी ली थी। आपने बहुमत भी साबित कर दिया। मैंने भी कर दिया था। आपने भी मोटाभाई का इगो हर्ट किया। मैंने भी किया था। आपने 3 दिन के ...

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जो अपने ‘बाप’ के नहीं हुए, वो ‘बापू’ के क्या होंगे?

आदरणीय राहुल गांधी जी, एक ‘गांधी’ की हत्यारे की विचारधारा से नफरत और दूसरे ‘गांधी’ की हत्यारों की विचारधारा से मुहब्बत…? राहुल जी आप सोच रहे होंगे कि ये दूसरे ‘गांधी’ कौन हैं तो ये दूसरे ‘गांधी’ है आपके पूजनीय पिताजी स्वर्गीय राजीव गांधी… जाहिर है हर बेटे की तरह ...

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महाराष्ट्र : यूं हीं नहीं चले गये अजित बीजेपी के खेमे में

राजेश श्रीवास्तव महाराष्ट्र में सियासत की जो इबारत लिखी गयी वह पुरानी पर बेमिसाल ही कही जायेगी। मात्र रात के दो-तीन घंटों में ही पूरी तस्वीर बदल गयी और जब सियासत दां नींद से जागे तो देवेंद्र फडनवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके थ्ो। दरअसल इस पूरे घटनाक्रम को ...

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महाराष्ट्र की राजनीति में फ़िलहाल लक्ष्मण के मूर्छित होने और रावण वध के बीच का समय है यह

दयानंद पांडेय भारतीय राजनीति में धर्मनिरपेक्षता , सांप्रदायिकता , विचारधारा आदि-इत्यादि न सिर्फ़ लफ्फाजी है बल्कि बहुत बड़ा पाखंड है , महाराष्ट्र की नई राजनीति ने एक बार फिर साबित कर दिया है। यह भी कि लोकतंत्र में संख्या बल और जोड़-तोड़ ही नहीं , मनबढ़ई , लंठई , गुंडई ...

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शेर, लोमड़ी और भेड़िए में सत्ता संघर्ष… बुरी मौत मरा लोमड़ी: महाराष्ट्र में आज की कहानी

जंगल में सूखा पड़ा था और खाने की कमी होने लगी। शाकाहारी पशु मरने लगे या पलायन कर गए तो शेर, भेड़िये और लोमड़ी को भी खाना मिलना मुश्किल होने लगा। आखिर लोमड़ी ने शेर और भेड़िये के साथ मिलकर बैठक की। तय हुआ कि पूरा एक जानवर तो तीनों ...

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पत्रकारिता के अंतिम पैगंबर रवीश जी के अंतरात्मा की आवाज: सुप्रीम कोर्ट बेवफा है!

रवीश जी को कौन नहीं जानता! पत्रकारिता की जगत का चमचमाता सितारा हैं, या कहिए कि सूर्य हैं। आप उन्हीं से पूछिए, वो बता देंगे आपको कि पत्रकारिता में उनको छोड़ कर अब कोई बचा नहीं है। ऐसा वो बार-बार कहते हैं, क्योंकि मूढ़ जनता मानने को तैयार ही नहीं ...

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सिर में संगीन, सीने पर गोली खाकर जो हुआ शहीद… बाल दिवस पर सबसे छोटे स्वतंत्रता सेनानी को सलाम (बाल दिवस पर विषेस)

पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने गुरुवार (14 नवंबर) को बाल दिवस के अवसर पर भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों में से सबसे कम उम्र के सेनानी की फ़ोटो शेयर की है। उन्होंने एक 12 वर्षीय बच्चे बाजी राउत की फ़ोटो शेयर की, जिनकी ब्रिटिश सैनिकों ने गोली मारकर हत्या कर ...

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एक संजय जिसके कारण बाला साहेब ने कुत्ता पालना छोड़ दिया, दूसरे ने उनके बेटे को धोबी का कुत्ता बना दिया

24 अक्टूबर को जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगेगा। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 105 और उसकी सहयोगी शिवसेना को 56 सीटें मिली थी। लेकिन, शिवसेना की एक जिद्द ने न केवल राज्य की ...

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हिन्दुओं को भला-बुरा कह ‘कूल’ बनीं शबाना: बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ, दूसरी बीवी सुभान अल्लाह

कुमारटुली से शुरू करते हैं। कुमारटुली से इसीलिए, क्योंकि वहाँ के लोगों के कारण बंगाल की दुर्गा पूजा में वो रौनक आती है, जो शायद ही कहीं और रहती हो। नार्थ कोलकाता के शोभाबाजार के पास स्थित कुमारटुली में ही वो लोग रहते हैं, जो माँ दुर्गा की कई भव्य ...

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महाराष्ट्र और हरियाणा में आखिर कौन जीता,कौन हारा

राजेश श्रीवास्तव महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजों की अगर ठीक से व्याख्या की जाए तो एक बात तो साफ हो जाती है कि वहां भारतीय जनता पार्टी की जीत नहीं हुई है। यह बात दूसरी है कि सरकार वहां भाजपा की ही बनेगी। लेकिन एक वाक्य में इन ...

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‘हम इतिहास से सबक नहीं सीखते’

प्रखर श्रीवास्तव कुछ ऐसा ही धोखा किया गया था 83 साल पहले स्वामी श्रद्धानंद के साथ… मैं यहां कमलेश तिवारी और स्वामी श्रद्धानंद की तुलना नहीं कर रहा, दोनों में बहुत अंतर है… मैं सिर्फ धोखेबाज़ी, दगाबाज़ी और गद्दारी के एक घटनाक्रम को समझाने की कोशिश कर रहा हूं… 2019 ...

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गांधी हत्याकांड पर बड़ा खुलासा : “जलनखोर” नेहरू की साज़िश में फंसे वीर सावरकर!

प्रखर श्रीवास्तव सेक्युलर, लिबरल, वामियों का ये कहना है कि वीर सावरकर को इसलिए भारत रत्न नहीं मिलना चाहिए क्योंकि वो महात्मा गांधी हत्याकांड के अभियुक्त थे। ये और बात है कि सावरकर 1949 में ही गांधी हत्याकांड में बरी हो गए थे। लेकिन आज जो मैं ऐतिहासिक तथ्य देने ...

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राजगोपालाचारी और अम्बेडकर के सामने सावरकर की ब्रिटिशपरस्ती कितनी गाढ़ी रही होगी?

के विक्रम राव विनायक सावरकर को भारत रत्न देने का महज दो कारणों से विरोध हो रहा है| उन्होंने अंडमान जेल से रिहाई चाही थी और बर्तानवी सरकार से सहकार की इच्छा व्यक्त की थी| प्रश्न यहाँ यह है कि मिलते जुलते अपराधों के लिए विषम दण्ड प्रावधान अपनाना नाइंसाफ़ी ...

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जिस देश की 60 फीसदी जनता 3 आना में गुजारा करती थी, वहीं नेहरु का खर्च 25 से 30 हजार के बीच था

अभिषेक उपाध्याय विपक्ष का मतलब क्या होता है? इसे समझने के लिए राम मनोहर लोहिया को समझना होगा। आज 12 अक्टूबर को उनकी पुण्यतिथि है। पर वो तारीख थी 21 अगस्त 1963, नेहरू इस देश के प्रधानमंत्री थे। लोहिया विपक्ष में थे। नेहरू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया ...

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