अजीत अंजुम उस बेटी को अपनी मर्जी का साथी चुनने का हक था. परिवार से बगावत करके भी चुना तो सही किया. अगर पिता या परिवार उसके जीवन को कंट्रोल करना चाहते थे, तो उसने सही किया कि बगावत करके शादी की. अगर उसकी जान को खतरा था तो उसने ...
Read More »कही-अनकही सचकही
मोदी जी, क्या आपका देश मासूम बच्चियों के रहने लायक नहीं रहा
राजेश श्रीवास्तव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम उपलब्धियों का दावा करने के साथ ही राष्ट्रवाद का नारा फेंक कर दूसरे कार्यकाल में प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने से पूर्व चुनाव में नरेंद्र मोदी ने प्रचार के दौरान कांग्रेस को जमकर कोसा लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ...
Read More »World Cup Semi Final: जैसे ही पिच का मिजाज बदला, हमारे हाथ की रेखाएं घूम गईं
पीयूष बबेले हम हार गए. घनघोर निराशा. क्रिकेट के लिए जीने वाले देश की निराशा का क्या कहना. मैं कहूंगा कि रवींद्र जडेजा अच्छा खेले, बूढ़े धोनी ने भी हाथ दिखाए. लेकिन दिल कहेगा, तसल्ली किसे देते हो. सच तो यह है कि हम हार गए. हारे ही नहीं बुरी ...
Read More »जून 2019 से अब तक: देश भर के मंदिरों में तोड़-फोड़, पेशाब करने, गंदी फोटो लेने की 10 घटनाएँ
30 जून को पुरानी दिल्ली के एक मंदिर में मुस्लिमों की भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया। इस ख़बर से राष्ट्रीय राजधानी में हड़कंप मच गया। लेकिन यह अपने-आप में अनोखी घटना हुई हो, ऐसा नहीं है। मंदिरों को तोड़ने और उसमें उत्पात मचाने की ये ख़बर किसी एक मंदिर की ...
Read More »सबा नकवी और ट्रिब्यून वालो, जब से तुम पैदा हुए हिन्दुओं का इतिहास तभी से शुरू नहीं होता
अनुपम कुमार सिंह आजकल वे लोग भी राम और रामायण के विशेषज्ञ बन गए हैं, जिन्हें शायद इससे पहले राम के अस्तित्व पर ही विश्वास नहीं था। आज कुछ पत्रकार अपने वरिष्ठता के दौर में श्रीराम के बारे में गोस्वामी तुलसीदास से भी अधिक ज्ञान होने का दिखावा कर रहे ...
Read More »मंदिर ध्वंस और इस्लामी हमलों पर हिन्दू आखिर चुप क्यों रह जाता है?
रजत मित्रा मेरे एक मित्र पूछा, “मीडिया और ‘बुद्धिजीवी’ वर्ग की बात छोड़ो, आम हिन्दू क्यों आवाज़ नहीं उठाता? दिल्ली में मंदिर ध्वंस होने पर यह सन्नाटा क्यों है?” हम दोनों का ही यह मानना था कि हिन्दू होने ने नाते यह तकलीफदेह था। मैंने कहा, “मेरे लिए मंदिरों के ...
Read More »मंदिर पर हमला, शिवलिंग पर पेशाब, मूर्तियों को तोड़ना, पत्थरबाजी: मुसलमान चाहते क्या हैं?
अजीत भारती कुछ घटनाएँ जो बीते दिनों में हुई हैं वो हमें इस्लामी आक्रांताओं के उस दौर को याद दिलाती हैं जब लुटेरों, बलात्कारियों और आतंकियों की एक भीड़ सीमा लाँघते आती थी, मंदिरों को तोड़ती थी, मूर्तियों को तहस-नहस करती थी, पुस्तकालयों में आग लगाती थी, तलवार की नोक ...
Read More »चीन और भारत के बीच हसीना
डॉ. वेद प्रताप वैदिक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग के साथ अपनी चीन-यात्रा के दौरान नौ समझौते पर दस्तखत किए हैं। भारत में बजट का इतना शोर-गुल था कि इस महत्वपूर्ण घटना पर हमारा ज्यादा ध्यान नहीं गया। हमारे पड़ौसी देश किसी भी महाशक्ति के ...
Read More »दबंग व दुस्साहसी भाजपाइयों को नहीं रास आ रही पीएम की नसीहत
राजेश श्रीवास्तव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बार का पांच वर्ष का कार्यकाल बीत गया नसीहत देते-देते लेकिन पिछली बार के कार्यकाल में भाजपाइयोंं ने इतना दुस्साहस नहीं दिखाया जितना इस बार उनमें जोश दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाख नसीहतें देते रहें लेकिन भाजपाइयों का दिल है कि ...
Read More »राहुल गाँधी बताएं कौन सा संवैधानिक पद उनके कुनबे ने छोड़ा था जिसकी रीढ़ नहीं तोड़ी गई?
के विक्रम राव अंततः राहुल हट गये| त्यागपत्र पर अड़े रहे| वर्ना सब स्वांग लगता| अमूमन हर इस्तीफे के साथ ढोंग ही होता रहा है| हालाँकि कांग्रेस की मनोनीत कार्यकारिणी के 18 में से 14 सदस्य लोकसभा चुनाव में ढेर हो गये थे| वे राहुल को अपने स्वार्थ में मना ...
Read More »कृष्णानंद राय केस: 400 राउंड गोलियाँ, गवाहों की रहस्यमयी मौत लेकिन हत्यारा कोई नहीं
अनुपम कुमार सिंह राज्य में भाजपा की सरकार। केंद्र में भाजपा की सरकार। लेकिन मार दिए गए एक भाजपा विधायक को न्याय नहीं मिल पाया। जी हाँ, आपने सही पढ़ा। 2005 में हुई हत्या के मामले में आज तक कोई अपराधी नहीं! किस पर दोष लगाया जाए? क्या सरकारें अपना ...
Read More »हाँ, मुसलमानों ने हिन्दुओं का रेप किया, हजारों मंदिर तोड़े लेकिन बिरयानी बनानी भी तो सिखाई!
अनुपम कुमार सिंह इतिहास से छेड़छाड़ छद्म बुद्धिजीवियों का पुरातन पेशा रहा है और अपने (कु)चिंतन को सर्वोपरि साबित करने की उनकी आदत भी। अगर इतिहास के बारे में ये अंग्रेजी में कुछ लिख दें, तो भला उसे काटने की हिम्मत किसमें होती थी? लेकिन, अब समय बदल गया है। ...
Read More »पश्चिम बंगाल में जन्म से लेकर श्मशान घाट तक लोगों को ‘कट मनी’ का संकट झेलना पड़ता है
सुरेन्द्र किशोर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के विरोध के बीच भाजपा की लाॅकेट चटर्जी ने मंगल वार को लोक सभा में कहा कि पश्चिम बंगाल में जन्म से लेकर श्मशान घाट तक लोगों को ‘कट मनी’ का संकट झेलना पड़ता है। इससे पहले मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने ‘कट मनी’ ...
Read More »आरक्षण सिर्फ शिक्षा में मिले, और उन्हें जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर हों
डॉ. वेद प्रताप वैदिक हरयाणा में जींद के पास एक गांव है, भौंसला। इस गांव में आस-पास के 24 गांवों की एक पंचायत हुई। यह सर्वजातीय खेड़ा खाप पंचायत हुई। इसमें सभी गांवों के सरपंचों ने सर्वसम्मति से एक फैसला किया। यह फैसला ऐसा है, जो हमारी संसद को, सभी ...
Read More »कहानी राजर्षि की: जिसे बोस और पटेल की तरह कॉन्ग्रेस अध्यक्ष का पद त्यागना पड़ा, कारण- नेहरू
अनुपम कुमार सिंह राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन- एक ऐसा नाम जिसने उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेस की जड़ें मजबूत करने में अपनी ज़िंदगी खपा दी। यूपी के गाँव-गाँव में घूम कर निःस्वार्थ भाव से जिस तरह उन्होंने पार्टी की सेवा की थी, उनका लोकतान्त्रिक तरीके से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष बनना शायद ही ...
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