Sunday , November 24 2024

कही-अनकही सचकही

नारियों के नरक निकेतन

पीयूष बबेले पहले मुजफ्फरपुर और अब देवरिया. क्या बिहार और क्या यूपी. दोनों जगह से महिलाओं के उत्पीड़न और यौन शोषण की एक-सी कहानियां सामने आ रही हैं. ये दहलाने वाली कहानियां फिल्मों की कल्पनाशीलता से भी ज्यादा भयानक हैं. और इनका सबसे बुरा पहलू यह है कि महिलाएं और बच्चियां उस ...

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लॉर्ड्स टेस्ट: फटाफट क्रिकेट का असर तो नहीं है ये

सुविज्ञा जैन अपने देश के क्रिकेट प्रेमी सदमे में हैं. क्यों न हों, क्योंकि हम विश्व की रैंकिंग में नंबर वन हैं. पहला टेस्ट हार ही चुके थे. दूसरे टेस्ट की पहली पारी में सिर्फ 107 रन पर आउट हो गए. भले ही दूसरे टेस्ट के डेढ़ दिन का समय ...

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स्विस महिला ने डिजाइन किया था ‘परमवीर चक्र’, भारतीय सैन्‍य अधिकारी से की थी शादी

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। क्‍या आपको पता है कि युद्ध में बहादुरी के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्‍च सम्‍मान ‘परमवीर चक्र’ का डिजाइन एक विदेशी महिला ने तैयार किया था. इस विदेशी महिला का नाम इवा योन्ने लिण्डा था. स्‍विटजरलैंड मूल की इवा ने भारतीय सैन्‍य अधिकारी से प्रेम विवाह किया था. ...

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याद करो कुर्बानी: 1.5 किमी तक दुश्‍मन को संगीन से काटते चले गए लांस नायक एक्‍का

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। याद करो कुर्बानी की 8वीं कड़ी में 1971 के भारत-पाक युद्ध में देश के लिए सर्वोच्‍च बलिदान देने वाले लांस नायक अलबर्ट एक्‍का की वीर गाथा बताने जा रहे हैं. लांस नायक अलबर्ट एक्‍का का जन 27 दिसंबर 1942 को रांची में हुआ था. उनके सैन्‍य ...

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याद करो कुर्बानी: जब कर्नल तारापोर ने दुश्‍मन सेना के 60 टैंकों को कर दिया ध्‍वस्‍त

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। याद करो कुर्बानी की 7वीं कड़ी में 1965 के भारत-पाक युद्ध में देश के लिए सर्वोच्‍च बलिदान देने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर की वीर गाथा बताने जा रहे हैं. लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर का जन्‍म 18 अगस्‍त 1923 को महाराष्‍ट्र के मुंबई शहर ...

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याद करो कुर्बानी: जब थ्री-नॉट-‍थ्री से नेस्तेनाबूत हुए पाक सेना के ‘अजेय’ पैटन टैंक

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। याद करो कुर्बानी की 6वीं कड़ी में 1965 के भारत-पाक युद्ध में देश के लिए सर्वोच्‍च बलिदान देने वाले कम्पनी क्वार्टर मास्टर हवलदार (CQMH) अब्दुल हमीद की वीर गाथा बताने जा रहे हैं. अब्‍दुल हमीद का जन्‍म उत्‍तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के धामूपुर गांव में 1 ...

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याद करो कुर्बानी: गोलियों से छलनी मेजर शैतान सिंह ने पोस्‍ट छोड़ने से किया इंकार और फिर…

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। याद करो कुर्बानी की पांचवी कड़ी में  1962 के इंडो-चाइना युद्ध के दौरान मेजर शैतान सिंह की जांबाजी की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं. मेजर शैतान सिंह का सैन्‍य जीवन 1 अगस्‍त1947 को कुमाऊं रेजीमेंट के साथ शुरू हुआ था. मेजर शैतान सिंह के पिता हेम सिंह ...

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याद करो कुर्बानी: चीनी फौज पर संगीन लेकर अकेले टूट पड़े सूबेदार जोगिंदर सिंह और फिर…

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। याद करो कुर्बानी की चौथी कड़ी में 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान देश के लिए अपनी प्राणों का सर्वोच्‍च बलिदान करने वाले सूबेदार जोगिंदर सिंह की वीरगाथा आपको बताने जा रहे हैं. सूबेदार जोगिंदर सिंह का जन्‍म 26 जनवरी 1921 में पंजाब के फरीदकोट में हुआ ...

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याद करो कुर्बानी: चेहरे पर फटा ग्रेनेड, सिर पर लगी गोली, फिर भी दुश्‍मन सेना को दी मौत

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। यह वीरगाथा 1947 में हुए भारत-पाकिस्‍तान युद्ध की है. बीते सात महीनों से भारतीय सेना और पाकिस्‍तान के बीच घमासान युद्ध जारी था. अभी तक पाकिस्‍तानी सेना का तिथवाल सेक्‍टर की चोटियों पर कब्‍जा बरकरार था. दुश्‍मन सेना की पोजीशन ऐसी थी कि वह हमले के सभी संभावित रास्‍तों पर ...

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याद करो कुर्बानी: जब सैकड़ों पाकिस्‍तानी सैनिकों के सामने अकेले बचे थे नायक यदुनाथ सिंह

नई दिल्‍ली। यह कहानी 1947 के भारत-पाक युद्ध की है. पाकिस्‍तानी सेना जम्‍मू-कश्‍मीर के नौशेरा पर अपना कब्‍जा करने की साजिश रच रही थी. पाकिस्‍तानी सैनिकों के इस मंसूबे में सबसे बड़ी अड़चन टैनधान की पीकेट पोस्‍ट नंबर-2 थी. इस पीकेट पोस्‍ट पर पाकिस्‍तानी सेना ने लगातार तीन बार हमला किया था, लेकिन ...

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याद करो कुर्बानी: ‘परमवीर’ मेजर सोमनाथ शर्मा का अंतिम संदेश…

अनूप कुमार मिश्र नई दिल्‍ली। “दुश्मन हमसे सिर्फ 50 गज की दूरी पर है. दुश्‍मनों की संख्या हमसे बहुत अधिक है. हम लगातार भयानक गोलीबारी का सामना कर रहे हैं. बावजूद इसके, मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा, मैं अपनी आखिरी गोली और आखिरी जवान तक दुश्‍मनों का सामना ...

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क्या हमारे किसानों को ग्लायफोसेट के असर का अंदाज़ा है?

रवीश कुमार  ग्लायफोसेट (GLYPHOSATE), इसके बारे में जान लीजिए. दुनिया के हर मुल्क की तरह भारत में भी इसका इस्तेमाल ख़ूब हो रहा है. यह एक प्रकार का रसायन है जिसका इस्तेमाल खर-पतवार नाशक के तौर पर होता है. इसे बनाने वाली कंपनी का नाम है मोंसांटो. अमरीका में इस ...

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विभाजन के अपराधी २ “नेहरू-पटेल-माउंटबेटन” सन 1945

सर्वेश तिवारी श्रीमुख विश्वयुद्ध समाप्त हो चुका है। इतने बड़े विध्वंस के बाद मित्र राष्ट्र जीत का दम्भ लिए खड़े हैं, जब कि सच यह है कि साम्राज्यवाद की रीढ़ टूट चुकी है। अमेरिका रूस और ब्रिटेन सबसे बड़ी शक्ति के रूप में स्थापित हो चुके हैं, और अपनी इच्छा ...

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शेल्टर होम : कलई खुली तो कई सफेदपोश होंगे दागदार

राजेश श्रीवास्तव बीते एक सप्ताह से सभी के दिमाग में बिहार का मुजफ्फरनगर और उत्तर प्रदेश के देवरिया संरक्षण गृह चल रहा है। लोग इसके पीछे का सच जानने को बेताब हैं । सभी के दिमाग में कुछ सवाल कौंध रहे हैं मसलन – आखिर कौन हैं जो बेसहारा बच्चियों ...

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केजरीवाल ने मोदी विरोधी महागठबंधन में शामिल होने से क्यों तौबा कर ली?

किंशुक प्रवल संसद में विपक्षी एकता का एक और शक्ति परीक्षण धराशायी हो गया. अविश्वास प्रस्ताव में हार से हुई किरकिरी के बाद राज्यसभा के उप-सभापति चुनाव में भी हार का मुंह देखना पड़ा. सियासी गलियारों में सुगबुगाहट है कि विपक्ष ने एनडीए को कड़ी टक्कर देने का मौका गंवा ...

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