Thursday , March 27 2025

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न्यायपालिका में सुधार के लिए आया NJAC, पर सुप्रीम कोर्ट ने ही कर दिया खारिज: जज ही जज नियुक्त करेंगे, जज ही जज की जाँच करेंगे… वाली व्यवस्था से नहीं आएगी पारदर्शिता-जवाबदेही

सुधीर गहलोत दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिली अघोषित भारी नकदी को लेकर न्यायपालिका में सुधार की जरूरत को एक बार बहस को तेज कर दिया है। न्यायपालिका में सुधार की माँग लंबे समय से हो रही है, लेकिन देश की सर्वोच्च न्यायालय इसे न्यायपालिका में ...

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” भारत की फिजाओं को सदा याद रहूँगा, आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आजाद रहूँगा “

दुर्दम्य महारथी आजाद का स्व के लिए महासमर और रूह कंपाती दर्दनाक गाथा महारथी चंद्रशेखर आज़ाद के बलिदान दिवस – 27 फरवरी पर यह लेख महारथी चंद्रशेखर आजाद का अपनी माँ जगरानी देवी से आत्मिक और मार्मिक संवाद है। “मैं आजाद हूँ”। देश भी आजाद हो गया है, आज मेरा ...

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खुद को सूर्य समझ बैठे ‘जुगनू’ का भ्रम टूटा

हितेश शंकर दिल्ली की राजनीति ने अजब मोड़ लिया है। कल तक दर्शक दीर्घा में बैठे लोग आज ताली बजा रहे हैं और रोज नया तमाशा दिखाने वाला बाजीगर भौचक खड़ा है।यह छद्म नायकत्व के बिखरने और राजधानी के पुनर्संकल्पित होने का क्षण है। यह संकल्प है दोषारोपण की राजनीति के ...

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वाजपेयी, विचार और वैचारिकी के 100 वर्ष…

इक्कीसवीं सदी के 25 वे वर्ष में भारत अपने राजनितिक इतिहास के दो महत्वपूर्ण घटनाक्रमों का साक्षी बननें जा रहा है, जहां एक ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष में नई ऊर्जा के साथ अपनी विस्तार की ओर देखना चाह रहा है, वहीं दूसरे तरफ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री ...

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अटल जी का व्यक्तित्व अपनी तरफ खींचता था, उनका रोपा बीज आज वटवृक्ष: PM मोदी ने वाजपेयी की 100वीं जयंती पर लिखा लेख

वो ऐसे नेता थे, जिनका प्रभाव भी आज तक अटल है। वो भविष्य के भारत के परिकल्पना पुरुष थे। उनकी सरकार ने देश को आईटी, टेलीकम्यूनिकेशन और दूरसंचार की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ाया। उनके शासन काल में ही, एनडीए ने टेक्नॉलजी को सामान्य मानवी की पहुँच तक लाने ...

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अटलजी का सुशासन स्वराज और सुराज का प्रतीक

डॉ. सौरभ मालवीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में शासन करने पर नहीं, अपितु सुशासन पर अधिक से अधिक बल दिया। वे स्वराज के साथ-साथ सुराज में विश्वास रखते थे। वह कहते थे कि देश को हमसे बड़ी आशाएं हैं। हम परिस्थिति की चुनौती को स्वीकार करें। ...

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संसद में राहुल क्यों कर रहे दादी इंदिरा का अपमान?

सोचिए! वो इंदिरा गांधी जो 1970 , 1979- 1980 और 1983 में वीर सावरकर के महान योगदान को समाज के बीच ले जाने की बात कर रही थीं। स्मारक डाक टिकट जारी कर रही थीं। अपने निजी कोष से 11 हजार रुपए दे रही थीं। भारतीय फिल्म विभाग को वृत्तचित्र ...

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एक बार कल्याण को साथ लाकर दंश झेल चुकी है सपा, कांग्रेस को संभल मुद्दे पर नहीं आने देगी आगे

उपेन्द्र नाथ राय लखनऊ। संभल मुद्दे पर समाजवादी पार्टी को अल्पसंख्यक समाज की अगुवाई किसी भी दूसरे दल का मंजूर नहीं है, क्योंकि वह एक बार रामभक्त कल्याण सिंह से समझौता कर भुगत चुकी है। जब उसे प्रदेश में अचानक 12 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा था और कांग्रेस की ...

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सजग भारत में साम्प्रदायिक व छद्म सेक्युलरवाद की राजनीती निष्क्रिय हो रही

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य का नेत्रदीपक शुभारम्भ करोड़ों भारतीयों और दुनिया भर में भारतीय मूल के लोगों ने गौरवपूर्वक देखा. जहां एक ओर कई सदियों के संघर्ष और सभी बाधाओं को पार कर करोड़ों भारतवासियों का स्वप्न साकार हो रहा था, वहीं दूसरी ओर भारत में सेक्युलरवाद (सेक्युलरिज़्म) ...

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अखिलेश के दंभ के चलते मुस्लिम दलित, कांग्रेस सब ने बनायी दूरी

यूपी उपचुनाव के 9 सीटों के जो परिणाम सामने आये हैं उससे यह साबित हो गया है कि यूपी में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनने का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी का पीडीए नाम का जो गुब्बारा उसने फुलाया था, यूपी की जनता ने उसकी हवा निकाल दी है। कुंदरकी ...

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दर्ज होगा ‘दर्जा’!

आशीष राय अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय ने गत 7 नवंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक दर्जा देने संबंधी मामले को नियमित पीठ के पास भेजने का निर्णय लिया है। इस यूनिवर्सिटी के दर्जे के बारे में न्यायाधीश तो बाद में फैसला देंगे ही,लेकिन इस यूनिवर्सिटी की शुरुआत से ही ...

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यूपीएससी का ग्लैमर निगल रहा देश के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक व इंजीनियर

राजेश श्रीवास्तव आखिर कौन सा ऐसा कारण है जो बड़ी संख्या में आईआईटियन को यूपीएससी की तैयारी करने पर मजबूर कर दे रहा है । कड़ी आपाधापी के बाद आईआईटी या नीट में चयनित होने के बाद भी बच्चों में यूपीएससी की चाहत कम नहीं हो रही है। कहीं यूपीएससी ...

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विनेश संन्यास समाधान नहीं

अरुण श्रीवास्तव न तो मैं खिलाड़ी हूं, न खेल प्रेमी/प्रशंसक। खिलाड़ी परिवार से भी नहीं हूं। उम्र के किसी भी पड़ाव में खेल का प्रतीक चिह्न तक को हाथ नहीं लगाया। अपवाद स्वरूप शतरंज खेला और बैडमिंटन भी। पर मोहल्ले स्तर की प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं रहा। अखबार में नौकरी ...

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यूपी में आखिर बीजेपी सरकार को कौन करना चाह रहा है अस्थिर ?

– लोकसभा चुनाव के बाद से हावी होने लगे हैं पार्टी में विभीषण – पार्टी कर रही मंथन कि आखिर किसके इशारे पर हो रही बयानबाजियां? – पूरे खेल के मास्टरमाइंड को उजागर करने के लिए बीजेपी ने कसी कमर – दिल्ली के एक पत्रकार का नाम पहले ही आ ...

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क्या अपनी महत्वाकांक्षाओं के चलते योगी के सामने मुश्किल खड़ी कर रहे बृजेश पाठक?

यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे जो अपने कर्तव्य और ईमानदारी के प्रति इतने निष्ठावान हो गए थे कि अपने पिता के निधन पर भी उत्तराखंड स्थित पंचूर अपने गांव ना जा सके। लेकिन यदि वह चाहते तो चार्टर्ड प्लेन से अपने घर जा सकते थे लेकिन उन्होंने ...

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