Tuesday , December 3 2024

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जमीन का पता नहीं, सोशल मीडिया में हवाबाजी की तैयारी: सिकुड़ती कॉन्ग्रेस का 5 लाख ‘वॉरियर्स’ से कितना भला?

विभव देव शुक्ला भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस एक नया राजनीतिक पैंतरा लेकर आई है। कॉन्ग्रेस लगभग 5 लाख ‘सोशल मीडिया वॉरियर्स’ तैनात करेगी। लेकिन इस ख़बर के सामने आते ही मज़बूत सवाल खड़ा होता है, क्या राजनीतिक ज़मीन पर लड़खड़ाती कॉन्ग्रेस को ऐसे फैसलों की ज़रूरत है? हाल-फ़िलहाल की राजनीति का ...

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कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद नेताजी को जहर दिया गया था? उन पर किताब लिखने वाले अनुज धर ने जताया संदेह

अजीत झा पूर्व पत्रकार अनुज धर ने शनिवार (31 जनवरी, 2021) को एक ट्वीट कर सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा कर दिया। धर ने नेताजी पर ‘कुन्ड्रम: सुभाष बोस लाइफ आफ्टर डेथ (Conundrum: Subhas Bose’s Life after Death)’ नाम से किताब लिखी है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा, “1939 में इसी ...

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………….और इस तरह कल एक बार फिर भीड़तंत्र ने लोकतंत्र को उसकी औकात बता दी

सर्वेश तिवारी श्रीमुख और इस तरह कल एक बार फिर भीड़तंत्र ने लोकतंत्र को उसकी औकात बता दी। कल जो हुआ वह आजादी के बाद देश के लिए सबसे अपमानजनक घटनाओं में से एक है। पर इस घटना से थोड़ा भी कम अपमानजनक इस पर आ रही निर्लज्ज प्रतिक्रियाएं नहीं ...

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इस ट्रैक्टर रैली ऊर्फ टेरर रैली में तैयारी तो जालियांवाला बाग़ बनाने की ही थी

दयानंद पांडेय कल का दिन राष्ट्रीय शर्म का तो था ही पर कृपया मुझे यह कहने की अनुमति दीजिए कि लालकिले की प्राचीर पर जो भी कुछ अप्रिय हुआ वह आतंकी कार्रवाई थी। आंदोलनकारी , या दंगाई घटना नहीं थी। ठीक वैसे ही जैसे यह ट्रैक्टर रैली के नाम पर ...

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गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में अराजक आंदोलन से शर्मसार लोकतंत्र !

विकास सिंह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत और भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व गणतंत्र दिवस। 26 जनवरी 1950 से आज तक दिल्ली में आज के दिन होने वाले ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस समारोह पर दुनिया की नजर टिकी होती थी लेकिन आज 72 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर ...

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शाहजहाँ: जिसने अपनी हवस के लिए बेटी का नहीं होने दिया निकाह, वामपंथियों ने बना दिया ‘महान’

रचना कुमारी (सभार) आतंकी संगठन आईएसआईएसआई के बारे में जब हम पढ़ते हैं कि वह अल्पसंख्यक यजीदी महिलाओं को यौन गुलाम बना रहा है तो हमें आश्चर्य होता है, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दिल्ली सल्तनत के सुल्तानों व मुगल बादशाहों ने भी बहुसंख्यक हिंदू महिलाओं को बड़े पैमाने ...

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काम की समीक्षा से डर लगता है साहेब: जामिया से JNU तक शिक्षकों में परफॉर्मेंस रिव्यू का खौफ

आशीष नौटियाल (सभार ) जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि अब यह निर्धारित करने के लिए शिक्षकों की परफॉर्मेंस की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी कि उनकी नौकरी जारी रहनी चाहिए या उन्हें केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के अनुसार समय से पहले सेवानिवृत्त ...

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‘रामायण, रामकथा अनादि है… अनंत है’: गुरु गोविंद सिंह को भूल गए सिख-हिंदू में घृणा फैलाने वाले कट्टरपंथी और नेता

आज ‘किसान आंदोलन’ के नाम पर हिन्दुओं और सिखों को अलग-अलग दिखाने की कोशिश हो रही है, इन दोनों में दरार पैदा किया जा रहा है और वैमनस्य का माहौल बनाया जा रहा है। जिस पार्टी ने सिखों का नरसंहार करवाया, वो आज उनकी हितैषी होने का दावा कर रही ...

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जगी आत्मनिर्भर भारत की धाक दुनिया में सबसे सस्ती भारत की वैक्सीन

राजेश श्रीवास्तव दुनिया में जब कोरोना के खौफ को लेकर आतंक छाया था। और हर तरफ हाय-तौबा मची थी। तब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ताली और थाली बजाने का आग्रह किया था। भले ही उस समय कई विद्बतजनों ने इसे माखौल में उड़ाया था लेकिन भारत ...

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किसान सम्मान निधि भी नहीं संवार सकी यूपी के 7 लाख किसानों का भाग्य

राजेश श्रीवास्तव भलें ही केंद्र सरकार अपनी तमाम योजनाओं के बूते यह दावा करे कि इन योजनाओं के चलते लाखों लोगों की किस्मत बदली है। लेकिन यह उसी तरह का सच है जैसे जब किसानों का कर्ज माफ किया गया था तो किसी का चार रुपये का कर्ज माफ हुआ ...

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गुनाहों का देवता के बाद हिंदी साहित्य को मिली एक और कालजयी प्रेम कहानी

सर्वेश तिवारी श्रीमुख फरवरी नोट्स दुखांत प्रेम कहानियों में से एक है। तरुणाई के बने रिश्ते को असामाजिक रिश्तों में बदल जाने का दुःख, किसी से जिंदगी भर स्नेह रखने, प्रेम करने का दुःख । नेह छोह , लगाव, मनुहार और प्रेम जब अपनी पराकाष्ठा पर पहुँचने लगे तो उसका ...

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आत्मनिर्भर बनता भारत कब मनायेगा अपना नव वर्ष

राजेश श्रीवास्तव इन दिनों पूरे देश में हर तरफ नववर्ष का जश्न मनाया जा रहा है। लोग एक-दूसरे को बधाई देने और तोहफे देने के साथ ही धर्म-कर्म, पूजा-पाठ, सैर-सपाटा, पिकनिक, दावतें करके इस नववर्ष का आनंद ले रहे हैं। लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि हम अपने देश ...

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बस काजी साहब ने ललकार दिया, लोगों का मूड बन गया सो मन्दिर तोड़ दिया गया…..

सर्वेश तिवारी श्रीमुख नववर्ष की तमाम खबरों के बीच एक छोटी सी खबर यह भी थी कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में भीड़ ने कुछ ही पलों में एक मंदिर को तोड़ दिया, जला दिया। इसके पीछे कोई बड़ा कारण नहीं था, बस काजी साहब ने ललकार दिया, लोगों का ...

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भारत में काल्पनिक लोकतंत्र राहुल गांधी की दादी के कार्यकाल में था

डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत के किसानों ने विपक्षी दलों पर जबर्दस्त मेहरबानी कर दी है। छह साल हो गए और वे हवा में मुक्के चलाते रहे। अब किसानों की कृपा से उनके हाथ में एक बोथरा चाकू आ गया है, उसे वे जितना मोदी सरकार के खिलाफ चलाते हैं, वह उतना ही ...

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नये कृषि विधेयकों में सुधार, कृषकों को देगा सेहतमंद ‘संसार’

राहुल कुमार गुप्ता मानव जीवन आगे बढ़ने का नाम है, प्रयोगों का नाम है। परिवर्तन की कड़ी इन्हीं प्रयोगों के चलते, प्रगति की मांग के चलते निरंतर अपने कोटि-कोटि रूपों में विद्यमान है। परिवर्तन के दौर में अस्थिरता का माहौल जन्म लेता ही लेता है। कभी छोटे रूप में तो ...

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