Friday , March 28 2025

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गोली लगते ही ‘जय श्रीराम’ का उद्घोष कर गिर जाते थे कारसेवक, ईश्वर की सेवा में न्यौछावर होने के लिए शरीर पर लिखवा लिया था नाम-पता

सुधीर गहलोत साल 1990 का दशक हर मायने में भारतीय जनमानस में बदलाव का दशक था। एक तरफ मंडल कमीशन को लागू किया गया था तो दूसरी तरफ राम जन्मभूमि अयोध्या पहुँचे कारसेवकों का नरसंहार किया गया था। मंडल कमीशन लागू करके देश की एक बड़ी आबादी को आरक्षण का ...

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राजा भैया की हेकड़ी-दबंगई और परिवार सब दांव पर

अजय कुमार लखनऊ। हर ‘दल’ अजीज रहे उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुण्डा विधान सभा क्षेत्र के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया जिनकी कभी ‘तूती’ बोला करती थी,अपनी ‘सल्तनत’ हुआ करती थी,जिसमें उनका अपना दरबार लगता था और इस दरबार में बड़ी-बड़ी हस्तियां एवं सरकारी अधिकारी ...

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कॉर्नवालिस की नीतियां चालू हैं, किसान शोषणमुक्त कब होगा ?

के. विक्रम राव Twitter ID: @Kvikramrao यूरोप और अमेरिका में अफ्रीकी अश्वेतों को गुलाम बनाने की प्रथा से भी निकृष्टतम व्यवस्था रही जमींदारी। आजादी के तुरंत बाद राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अधिनियम पर हस्ताक्षर (24 जनवरी 1951) कर इस दो सौ साल पुरानी शोषक कानून खत्म तो कर दिया। ...

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गठबंधन की गाँठे ढीली रहीं तो ? दिल्ली का सिंहासन दूर रहेगा

के. विक्रम राव नए बने गठबंधन की कर्णधार बनी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी अभी-अभी मुंबई, बेंगलुरु और पटना से सत्ता का सपना देखकर निकली थी। केरल और पश्चिम बंगाल के कल के उपचुनाव में उसके प्रत्याशी बेचारे हो गए। बुरी तरह हार गए। उन्हें शिकस्त देने वाले रहे सोनिया-कांग्रेस और ममता-कांग्रेस ...

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सम्भवामि युगे युगे…

सर्वेश तिवारी श्रीमुख अधर्म जैसे अपने चरम पर पहुँच चुका था। मथुरा में बैठा कंस स्वयं को ईश्वर बताता था, तो उधर मगध नरेश जरासंध भी ईश्वरत्व का दर्प लिए जी रहा था। कहीं नरकासुर स्वयं को ईश्वर बता कर मानव जाति की प्रतिष्ठा को अपने पैरों तले रौंद रहा ...

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क्या सचमुच विज्ञान धर्म का विरोधी है?

सर्वेश तिवारी श्रीमुख यदि आप भारत के सम्बंध में यह बात कहते हैं तो यकीन मानिये, आपने धर्म का ‘ध’ भी नहीं जाना। सनातन धर्म विज्ञान का विरोध नहीं करता, कभी नहीं करता। विज्ञान धर्म का विरोधी नहीं, बल्कि धर्म का हिस्सा है। आज से लगभग दो हजार वर्ष पूर्व ...

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अमरमणि त्रिपाठी जैसा माफिया कैसे बन गया योगी सरकार की ‘मजबूरी’, जानिए पूरी कहानी

संयम श्रीवास्तव बीस साल पहले यूपी की राजधानी लखनऊ में एक कवयित्री को उसके घर में गोली मारकर हत्या कर दी जाती है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पुलिस को पता चलता है कि कवयित्री मधुमिता शुक्ला 7 महीने की गर्भवती थीं. सीबीआई जांच होती है और प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री ...

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कॉन्ग्रेस ने कारगिल विजय और सेना के शौर्य पर उठाए थे सवाल, नायकों का किया था अपमान: अब राहुल गाँधी वहाँ फैला रहे हैं प्रोपगेंडा

गोपाल तिवारी राहुल गाँधी ने अपने लद्दाख के दौरे के अंतिम दिन 25 अगस्त 2023 दिन शुक्रवार को कारगिल में एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि चीन ने भारत की हजारों किलोमीटर जमीन छिनी है और पीएम मोदी कह रहे हैं कि एक इंच भी जमीन नहीं गई ...

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1992 के अजमेर गैंग रेप की पीड़िताएं अब कोर्ट के बाद लड़ रही हैं प्राइवेसी की लड़ाई

राजस्थान के एक शहर में एक लंबी, शांत, कारों से भरी गली के अंत में, एक घर है जिसका कोई नाम और नंबर नहीं है. इस घर के बारे में कोई खास बात तो नहीं है लेकिन पिछले 18 सालों में वर्दी या सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी कम से कम ...

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नशा और नंगई के बीच नौनिहाल!

जयराम शुक्ल अब यह बताने की जरूरत नहीं कि मासूमों के साथ बलात्कार, हत्या और ऊपर पेशाब करने जैसे जघन्य अपराधों का सैलाब क्यों तेजी से उफनने लगा है। लोकलाज की वर्जनाएं, समाज और परिवार का अनुशासन टूट गया और सबकुछ खुल्लमखुल्ला हो गया। पहले कैसेट्स में ब्लू फिल्में आईं, ...

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और बढ़ते बढ़ते बात यहाँ तक बढ़ गयी कि फ्रांस का सबसे बड़ा पुस्तकालय फूँक दिया गया

सर्वेश तिवारी श्रीमुख और बढ़ते बढ़ते बात यहाँ तक बढ़ गयी कि फ्रांस का सबसे बड़ा पुस्तकालय फूँक दिया गया। संसार का कोई भी सभ्य व्यक्ति पुस्तकों को नहीं जलाता। सभ्यता कोई भी हो, पुस्तकों को जलाया जाना सभ्य आचरण नहीं माना जाता। पर यह भी सत्य है कि हजारों ...

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नीतीश कुमार का सियासी कद बढ़ा रहा ‘विपक्षी एका’

निशिकांत ठाकुर इस पहली बैठक में अभी भविष्य के लिए संभावित प्रधानमंत्री का चेहरा तय नहीं किया गया है, लेकिन द्विअर्थीय संवादों से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने एक इशारा राहुल गांधी के लिए कर दिया है कि ‘आप शादी कर लीजिए, बारात पूरा विपक्ष चलेगा।’ बैठक ...

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इंदिरा गांधी को क्यों लगता था हर समस्या के पीछे विपक्ष और विदेशी साजिश का हाथ है, आपातकाल की कहानी

राज खन्ना जिंदा कौमें पांच साल इंतजार नहीं करतीं की ललकार के साथ डॉक्टर लोहिया याद किए जा रहे थे तो दूसरी ओर सिंहासन खाली करो कि जनता आती है, की गूंज के साथ दिनकर दोहराए जा रहे थे. हर तरफ सरकार विरोधी नारों का शोर था. सड़कों पर जुलूसों-प्रदर्शनों ...

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1 लाख+ लोग गिरफ्तार, 24 घंटों में 6 हजार नसबंदी: आपातकाल का वो ‘काला दौर’ जब लोकतंत्र से हुआ खिलवाड़, कुचली गई हर अभिव्यक्ति

प्रो. रसाल सिंह जब हम भारत के स्वातन्त्र्योत्तर इतिहास का अवलोकन करते हैं तो उसमें सर्वसत्तावादी शासन का एक काला अध्याय भी हमारा ध्यान आकर्षित करता है और इस प्रकार के भावी खतरों के प्रति सचेत करता है। दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 ...

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आपातकाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

डॉ. सौरभ मालवीय   आपातकाल स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे विवादास्पद एवं अलोकतांत्रिक काल कहा जाता है। आपातकाल को 48 वर्ष बीत चुके हैं, परन्तु हर वर्ष जून मास आते ही इसका स्मरण ताजा हो जाता है। इसके साथ ही आपातकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका भी स्मरण हो जाती है। संघ ...

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