डॉ. वेद प्रताप वैदिक दिल्ली के पास नोएडा इलाके में उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के भाई आनंदकुमार की यह सात एकड़ जमीन थी। यह जमीन आनंद ने उस समय कब्जाई थी, जब उसकी बड़ी बहन उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री थी। यह जमीन बेनामी है। आनंद और उसकी पत्नी विचित्रा इस ...
Read More »हमारे कॉलमिस्ट
तख्ती गैंग, मौलवी क़ुरान पढ़ाने के बहाने जब रेप करता है तो कौन सा मज़हब शर्मिंदा होगा?
आशीष नौटियाल उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मस्जिद में नमाज पढ़ाने वाले मौलाना ने 9 साल की बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया। यह घटना इतने चुपके से सामने आई है कि मेनस्ट्रीम मीडिया को अपने दफ्तर से विवेकाधीन अवकाश लेना पड़ा। आनन-फानन में छुट्टियाँ घोषित कर ...
Read More »आख़िर देश में और भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं, लेकिन मुस्लिम ही कुतर्क क्यों गढते हैं
दयानंद पांडेय हमारे कुछ मुस्लिम दोस्त हैं जो कुतर्क के ढेर सारे अमरुद बेहिसाब खाते जा रहे हैं । उन को गुमान बहुत है कि मुसलमानों ने इस देश को बहुत कुछ दिया है । और इस अंदाज़ में कह रहे हैं गोया वह अभी भी अरब में रह रहे ...
Read More »भारत धृतराष्ट्र क्यों बना हुआ है ?
डॉ. वेद प्रताप वैदिक अफगानिस्तान के सवाल पर पिछले हफ्ते चीन में चार देशों ने बात की। अमेरिका, रुस, चीन और पाकिस्तान ! इनमें भारत क्यों नहीं है ? क्या अफगानिस्तान से भारत का कोई संबंध नहीं है ? भारत और अफगानिस्तान के संबंध सदियों से चले आ रहे हैं। ...
Read More »ऋचा भारती को आप ने कहा क़ुरान बाँटो, उसे ‘रंडी साली’, ‘फक योर सिस्टर’ कहने वाले क्या बाँटें मी लॉर्ड?
अजीत भारती आजकल कोर्ट ऐसे-ऐसे विचित्र फ़ैसले दे रही है कि या तो आपकी भाषा पर से नियंत्रण हट जाएगा या आपको उनकी समझदारी पर शक होने लगेगा। संविधान में अभिव्यक्ति की आज़ादी है। लेकिन ये किस समय, किसके पक्ष में इस्तेमाल होगा, ये कोई नहीं जानता। आम आदमी फेसबुक ...
Read More »साक्षी फिर से एक मटुकनाथ के जाल में जा फंसी है
योगेश किसलय मैं जब शादीशुदा , अधेड़ और खुर्राट लोगो की प्रेम कथा पढ़ता और देखता हूँ तो मुझे मटुकनाथ दिखाई देने लगते हैं । मटुक नाथ पटना में हिंदी के प्रोफेसर थे और अपनी रंगीनमिजाजी के लिए विख्यात थे । शादी के पहले और शादी के बाद उन्होंने कई ...
Read More »कोई तमंचेबाज़, कोई चरित्रहीन किसी भी समय की साक्षी का भविष्य नही हो सकता
अभिषेक उपाध्याय साक्षी मिश्रा के मामले में तथाकथित खुले और आजाद विचार वाले लोगों की जमात कल से बार बार एक ही तर्क का परमाणु विस्फोट कर रही है उसे संविधान ने आजादी दी हुई है। वो जिसे चाहे चुने, आपको क्या? आप कौन होते हैं, सलाह देने वाले? या ...
Read More »साक्षी, तुम राजनीति का शिकार हो गयी हो, कीचड़ से निकलकर दलदल में पहुँच गयी हो
पूजा व्रत गुप्ता साक्षी , मैं जानती हूँ , तुम्हें अपने पिता से नफ़रत हो गयी थी और ये नफ़रत यूँ ही नहीं जन्मी होगी । छोटी -छोटी बातें तुम्हारे अंदर ना जाने कब से घर करती रही होंगी। आमतौर पर बेटियों के साथ ऐसा ही होता है । पिता ...
Read More »साक्षी मिश्रा अपनी अय्याशी में असंख्य बेटियों की आजादी मत छिनो, अजितेश तुम्हारे लिये अंधी सुरंग है
दयानंद पांडेय बरेली की साक्षी मिश्रा जैसी लड़कियां भारतीय समाज पर कलंक हैं। कोढ़ हैं। ठीक है कि आप बालिग़ हैं , क़ानून आप को अधिकार भी देता है कि जिस से चाहें शादी करें , जिस के साथ चाहें रहें और सोएं । लेकिन क़ानून यह अधिकार तो नहीं ...
Read More »एक बच्ची ने जिद में अपनी बलि चढा ली और जमाना तालियां बजा रहा है
राणा यशवंत स्यार की एक आदत होती है. एक बोलेगा तो धीरे-धीरे सब बोलने लगते हैं. फिर चारों ओर उनका ही शोर रहता है. बरेली के विधायक राजेश मिश्रा की बेटी, साक्षी की शादी,निजी आजादी और उसके अपने फैसले को लेकर देश के खबरिया चैनलों का शोर कुछ वैसा ही ...
Read More »‘प्लीज साक्षी, अब नए रिश्ते को सहेजो, लेकिन मां-बाप को इतना शर्मसार न करो’
अजीत अंजुम उस बेटी को अपनी मर्जी का साथी चुनने का हक था. परिवार से बगावत करके भी चुना तो सही किया. अगर पिता या परिवार उसके जीवन को कंट्रोल करना चाहते थे, तो उसने सही किया कि बगावत करके शादी की. अगर उसकी जान को खतरा था तो उसने ...
Read More »मोदी जी, क्या आपका देश मासूम बच्चियों के रहने लायक नहीं रहा
राजेश श्रीवास्तव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम उपलब्धियों का दावा करने के साथ ही राष्ट्रवाद का नारा फेंक कर दूसरे कार्यकाल में प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने से पूर्व चुनाव में नरेंद्र मोदी ने प्रचार के दौरान कांग्रेस को जमकर कोसा लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ...
Read More »World Cup Semi Final: जैसे ही पिच का मिजाज बदला, हमारे हाथ की रेखाएं घूम गईं
पीयूष बबेले हम हार गए. घनघोर निराशा. क्रिकेट के लिए जीने वाले देश की निराशा का क्या कहना. मैं कहूंगा कि रवींद्र जडेजा अच्छा खेले, बूढ़े धोनी ने भी हाथ दिखाए. लेकिन दिल कहेगा, तसल्ली किसे देते हो. सच तो यह है कि हम हार गए. हारे ही नहीं बुरी ...
Read More »सबा नकवी और ट्रिब्यून वालो, जब से तुम पैदा हुए हिन्दुओं का इतिहास तभी से शुरू नहीं होता
अनुपम कुमार सिंह आजकल वे लोग भी राम और रामायण के विशेषज्ञ बन गए हैं, जिन्हें शायद इससे पहले राम के अस्तित्व पर ही विश्वास नहीं था। आज कुछ पत्रकार अपने वरिष्ठता के दौर में श्रीराम के बारे में गोस्वामी तुलसीदास से भी अधिक ज्ञान होने का दिखावा कर रहे ...
Read More »मंदिर ध्वंस और इस्लामी हमलों पर हिन्दू आखिर चुप क्यों रह जाता है?
रजत मित्रा मेरे एक मित्र पूछा, “मीडिया और ‘बुद्धिजीवी’ वर्ग की बात छोड़ो, आम हिन्दू क्यों आवाज़ नहीं उठाता? दिल्ली में मंदिर ध्वंस होने पर यह सन्नाटा क्यों है?” हम दोनों का ही यह मानना था कि हिन्दू होने ने नाते यह तकलीफदेह था। मैंने कहा, “मेरे लिए मंदिरों के ...
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