राजेश श्रीवास्तव राजनीति में कभी कोई स्थायी दुश्मन नहीं होता, इस बहुत पुरानी कहावत पर अमल करते हुए 26 साल बाद राजनीति के धुर विरोधी और एक-दूसरे को कोस कर आगे बढ़ने वाले दो राजनीतिक दलों ने शनिवार को एक दूसरे से गठबंधन कर लिया। दोनों ने एक-दूसरे के प्रति ...
Read More »हमारे कॉलमिस्ट
यूपी की खाते भी हैं, गरियाते भी हैं कमलनाथ
प्रभात रंजन दीन ‘इंडिया वाच’ न्यूज़ चैनल पर खास और खोजी खबरों पर आधारित विशेष कार्यक्रम शुरू हुआ। कार्यक्रम का नाम रखा गया है… ‘डंके की चोट पर’। इस विशेष कार्यक्रम में ऐसी खबरें ली जाएंगी जो हमारे-आपके सरोकार से जुड़ी हों, ऐसी खबरें जो लोकतंत्र को जिंदा रखने के ...
Read More »क्या पीडीपी खत्म होने के कगार पर है?
सुहैल ए शाह राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. इसे सही मायने में समझना हो तो जम्मू कश्मीर की राजनीति पर एक नजर डाली जा सकती है. राज्य की पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) 2014 के विधानसभा चुनाव में कश्मीर की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी ...
Read More »सड़क हादसों में हर साल डेढ़ लाख लोगों के मरने का सवाल कभी राजनीतिक मुद्दा क्यों नहीं बनता?
प्रियदर्शन नई दिल्ली। भारत में हारी-बीमारी या बुढ़ापे से होने वाली मौतों के अलावा सबसे ज़्यादा लोग किस वजह से मरते हैं? क्या जिससे हम हर रोज लड़ने की कसम खाते हैं- उस आतंकवाद से? या जिसे सबसे बड़ा खतरा बताते हैं, उस नक्सलवाद से? या फिर दंगों से या ...
Read More »कभी हिंदी और उर्दू से ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली कैथी खत्म कैसे हो गई?
अनुराग भारद्वाज उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के संगम पर ब्रिटिश भारत में राष्ट्रवाद उभार ले रहा था. यह वह दौर था जब हर चीज़ हिंदू और मुस्लिम के चश्मे से देखी जाने लगी थी. ऐसे में, हिंदी और उर्दू के बीच देश की सरकारी भाषा बनने की लड़ाई एक अहम ...
Read More »क्या दिग्विजय सिंह पर ज़रूरत से ज़्यादा निर्भरता कमलनाथ के लिए अभी से परेशानी बनने लगी है?
नीलेश द्विवेदी जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद बीते महीने नई सरकारों का गठन हुआ है, उनमें मध्य प्रदेश की स्थिति जितनी दिलचस्प पहले थी उतनी ही अब भी बनी हुई है. राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की है. ...
Read More »विपक्ष ही नहीं, 2019 में पीएम मोदी का मुकाबला मोदी से भी है
पाणिनि आनंद अकबर ने बीरबल से एकबार कहा था कि वो कागज़ पर बनी एक लकीर को बिना काटे या मिटाए छोटा करके दिखाए. बीरबल ने उस लकीर के समानान्तर एक बड़ी लकीर खींच दी और इस तरह अकबर की लकीर छोटी हो गई. दरबार के रंकों के सामने पेश ...
Read More »राहुल गांधी : ‘पप्पू’ से हुए परिपक्व
हिमांशु शेखर राहुल गांधी पहला लोकसभा चुनाव 2004 में जीते थे. भारत के सबसे रसूखदार राजनीतिक परिवार से होने के बावजूद उनके राजनीतिक प्रशिक्षण में अपेक्षाकृत बहुत अधिक वक्त लगा. हालांकि, बतौर नेता राहुल गांधी के शुरुआती दस सालों में उनकी ही पार्टी कांग्रेस की सरकार केंद्र में रही. लेकिन ...
Read More »‘ये आतंकवादी भारत के ही नहीं, इस्लाम और मुसलमानों के भी दुश्मन हैं’
डॉ. वेद प्रताप वैदिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कमाल का काम कर दिखाया है। उसने जिन 10 आतंकवादियों को पकड़ा है, अगर वह उन्हें नहीं पकड़ती तो नया साल भारत के लिए बहुत बुरा साबित होता। दिल्ली और बाहर की 17 जगह छापे माकर उसने जो विस्फोटक सामग्री बरामद की ...
Read More »BLOG: मुस्लिम समुदाय के नाम खुला ख़त
प्रकाश नारायण सिंह क्रिकेट और सियासत से लेकर गांव के चोरों तक में ‘दूसरा’ बेहद महत्वपूर्ण है. चलिए आपको पहले क्रिकेट के ‘दूसरा’ का मतलब बताते हैं. ऑफ स्पिन गेंदबाज जब लेग साइड से गेंद को स्पिन कराता है तो इसे ‘दूसरा’ कहा जाता है. पाक के गेंदबाजों ने इस ...
Read More »‘भाजपा के लिए ब्लैकमेलर रामविलास पासवान अब सिर्फ़ गड्ढा हैं’
दयानंद पांडेय तो भाजपा तीन राज्यों में अपनी करारी हार से सचमुच डर गई है । उसे अपने आप पर भरोसा नहीं रह गया है । तभी तो मतलब के यार रामविलास पासवान के आगे झुक गई है । ब्लैकमेलर और राजनीतिक मौसम विज्ञानी यानी गिरगिट की तरह रंग बदलने ...
Read More »काबुल, जो दिल्ली में बसता है
प्रदीपिका सारस्वत दुकानों के साइन बोर्ड यहां फारसी में लिखे गए हैं, फिर चाहे वह जनरल स्टोर हो या फिर डेंटिस्ट का क्लीनिक. कई दुकानों का नाम भी अफग़ान शहरों के नाम पर हैं, कहीं बल्क़ रेस्टोरेंट है तो कहीं हेरात जनरल स्टोर, कहीं मज़ार रेस्टोरेंट तो कहीं काबुल सुपर ...
Read More »क्या भाजपा और संघ योगी आदित्यनाथ को नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के तौर पर देख रहे हैं?
हिमांशु शेखर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के कार्यकाल में कुछ बातों के लिए उनकी तारीफ होती है तो कुछ बातों के लिए उन्हें अपने ही राज्य में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. जिस वक्त वे मुख्यमंत्री बने थे, उस वक्त यह कहा जा ...
Read More »अयोध्या विवाद हिंदू बनाम मुस्लिम के साथ-साथ हिंदू बनाम हिंदू भी है
कृष्ण प्रताप सिंह अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को आप अब तक हिंदुओं और मुसलमानों के बीच का विवाद ही मानते रहे हैं तो अब अपनी इस धारणा को सुधार लीजिए. सच्चाई यह है कि यह हिंदू बनाम हिंदू भी है और मुसलमान इससे अलग हो जाएं तो भी ...
Read More »क्या अब भाजपा कांग्रेस की चुनावी चौसर पर चल रही है?
नीलेश द्विवेदी पिछले साल अप्रैल से जून के बीच मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हुए किसान आंदोलन पूरे देश में सुर्ख़ियां बने थे. आंदोलनाें में दो मांगें प्रमुख थीं. पहली – किसानों को उनकी फ़सलों के सही दाम मिल जाएं. दूसरी- उनके कर्ज़ माफ़ कर दिए जाएं. तब महाराष्ट्र के ...
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