Wednesday , April 24 2024

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रावण के थे दो ‘वानर’- एक शुक, दूजा सारण: श्रीराम की सेना में घुस गए, कौन से राज़ पता लगाने थे?

अनुपम कुमार सिंह रावण को विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई व्यक्ति समुद्र पर भी पुल बाँध सकता है। ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल मौलवियों को वेतन देने के लिए जाने जाते हैं और समय-समय पर बाबरी मस्जिद के लिए उनकी पार्टी अपना प्रेम भी दिखा ...

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जन्मभूमि पर चाहिए थी यूनिवर्सिटी, भूमि घोटाले का ‘मनगढंत आरोप: अब वोट के लिए ‘राम भक्त’ बनें सिसोदिया-संजय, पहुँचे अयोध्या

मनीष सिसोदिया रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुँच गए। महत्वपूर्ण घोषणा है, खासकर इसलिए क्योंकि यही सिसोदिया श्री राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर नहीं बल्कि विश्वविद्यालय चाहते थे। अब जबकि राम मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है, “मंदिर वहीं बनाएँगे पर तारीख नहीं बताएँगे” जैसे व्यंग्यात्मक नारे अब नहीं ...

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महज चौपाया नहीं है गाय

के विक्रम राव  इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर यादव द्वारा गाय के सम्बंध में एक अतिमहत्वपूर्ण निर्णय के सिलसिले में यह मेरा एक दस्तावेजी लेख पुर्नप्रस्तुत है। किन्तु आज भी यह सामयिक कहलायेगा। अपने पिछले अवतार (भारतीय जनसंघ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : आरएसएस) में इसके पुरोधाओं ने गोवध बन्दी ...

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आतंकवाद के खिलाफ कोर्स: JNU को अपनी बपौती समझने वाले वामपंथियों को शिकंजा ढीला होने का डर

शिव मिश्रा  जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने इंजीनियरिंग के उन छात्रों के लिए आतंकवाद से लड़ने (Counter Terrorism) पर एक कोर्स शुरू किया है, जो डबल डिग्री प्रोग्राम के तहत पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों की ओर से प्रतिक्रिया आती, उससे पहले विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से आ गई। ...

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माँ ज्वाला मंदिर में कटवाई गाय, वराह की मूर्ति तोड़ तालाब में फिंकवाया: शराबी जहाँगीर को बताया जाता है उदार

अनुपम कुमार सिंह जहाँगीर चौथा मुग़ल बादशाह था। अब ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि उससे पहले क्रमशः बाबर, हुमायूँ और अकबर ने दिल्ली की गद्दी पर राज़ किया था। ये सब तो हमारी पाठ्य पुस्तकों का एक अहम हिस्सा रही हैं। नवंबर 1605 से अक्टूबर 1627 तक राज़ ...

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तालिबान और भारत: पाकिस्तान-अफगानिस्तान पर अलग पख्तून रियासत की चाल – अब रक्षात्मक नहीं फ्रंटफुट पर खेले इंडिया

उमेश उपाध्याय अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन के बाद भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में भय, आशंका और अनिश्चय का माहौल है। अगर पाकिस्तान को छोड़ दिया जाए तो दुनिया का हर सभ्य देश तालिबान को लेकर फिक्रमंद दिखाई पड़ता है। यही वजह है कि अभी तक किसी देश ने ...

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कोरोना महामारी की विभीषिका का ईमानदार शब्दांकन है लॉकडाउन

सर्वेश तिवारी श्रीमुख इस शताब्दी में भारत और दुनिया ने कोरोना की महामारी को खूब भुगता है। खास कर दूसरी लहर के समय उपजी भगदौड़ी और परेशानियों ने सबको झकझोर दिया है। इस भयानक त्रासदी को शब्दों में उतारना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, पर रेखा वशिष्ठ मल्होत्रा ने इस कार्य ...

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पढ़ाया ‘कृषि विद्रोह’, था हिंदुओं का नरसंहार: 10000+ मौतें, मंदिरों में गोमांस, बापों के सामने धर्म बदल बेटियों का निकाह

अनुपम कुमार सिंह भारत का इतिहास लिखने वालों ने जब भी हिन्दुओं के नरसंहार वाली किसी घटना के बारे में लिखा तो इसे एक ‘विद्रोह’ या ‘हिन्दू-मुस्लिम दंगे’ करार दिया। महाराष्ट्र में 19वीं शताब्दी के अंत में हिन्दुओं के लिए पूजा-पाठ तक अपराध हो गया था और मुस्लिम अक्सर हिन्दू ...

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यूपीनामा: यूपी में ओबीसी की जंग,तय नहीं कौन किसके संग ?

हेमंत तिवारी  सियासत : विधानसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में पाले खिचने लगे हैं और लड़ाई के हथियार पैने किए जा रहे हैं। बीते दो लोकसभा चुनावों और पिछले विधानसभा चुनावों में बंपर जीत का स्वाद चख चुकी भारतीय जनता पार्टी अपना मेन्यू बदलने को तैयार नहीं है। भाजपा ...

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हिंदुओं के जख्मों पर ‘खेला होबे’: बंगाल ने न डायरेक्ट एक्शन डे से सीखा, न गोपाल पाठा को याद रखा

शिव मिश्रा डायरेक्ट एक्शन डे! धार्मिक आधार पर भारतवर्ष के विभाजन की मुस्लिम लीग की माँग का जब राजनीतिक हल न निकल सका तब जिन्ना ने घोषणा की कि मुसलमान लड़कर पकिस्तान लेंगे। डायरेक्ट एक्शन डे 16 अगस्त 1946 के दिन मोहम्मद अली जिन्ना की घोषणा का परिणाम था। जिन्ना ...

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‘काफिरों! तुम्हारा अंत अब ज्यादा दूर नहीं…’: जरा याद उन हिंदुओं को भी कर लो जिनका कत्लेआम डायरेक्ट एक्शन डे के नाम

ओम द्विवेदी 15 अगस्त 2021 को भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के ठीक एक साल पहले 16 अगस्त 1946 को भारत ने मजहबी कट्टरपंथ का वह रूप देखा जो दशकों तक याद रखा जाने वाला था। मुस्लिम लीग के नेता और पाकिस्तान के ...

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परजीवी अफगान अपनी बदहाली के लिए खुद जिम्मेदार, सेना व आवाम दोनों हैं तालिबान के हमदर्द

राज बहादुर सिंह यह हैं मोहम्मद अशरफ गनी अहमदजई जिन्हें अशरफ गनी के नाम से जाना जाता है और इनकी सबसे बड़ी पहचान है कि यह अपने मुल्क या कहें भूतपूर्व मुल्क अफगानिस्तान के भगोड़े राष्ट्रपति हैं। तालिबान के काबुल पर कब्जे का अभी औपचारिक ऐलान होने का इंतजार हो ...

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मिल्खा सिंह को हराने वाला खिलाड़ी जो गरीबी से तड़प कर मरा, इलाज बगैर खो दिए 2 बेटे: मेडल बेचने को मजबूर थी विधवा पत्नी

अनुपम कुमार सिंह टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने भारत के दिवंगत धावक मिल्खा सिंह को धरद्धजली दी है। उन्होंने अपने गोल्ड मेडल उन्हें समर्पित किया है। 18 जून, 2021 को 91 वर्ष की उम्र में भारत के ‘फ़्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह का निधन हो गया ...

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एक मंदिर जिसे इस्लामिक आक्रांताओं ने तोड़ा, जहाँ खिलजी ने इस्लाम नहीं कबूल करने पर कर दी थी 1200 छात्र-शिक्षकों की हत्या

ओम द्विवेदी मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित है भोजशाला सरस्वती मंदिर। काशी विश्वनाथ और श्री कृष्णजन्मभूमि जैसे कई ऐसे मंदिर हैं जिन्हें मुस्लिम आक्रांताओं ने नष्ट कर अथवा उसी के हिस्सों का प्रयोग कर उन्हें मस्जिद में बदल दिया। भोजशाला भी उनमें से एक है जहाँ वर्तमान समय ...

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इस्लामी आक्रांताओं की पोल खुली, सेक्युलर भी बोले ‘जय श्री राम’: राम मंदिर से ऐसे बदली भारत की राजनीतिक-सामाजिक संरचना

अनुपम कुमार सिंह अयोध्या के राम मंदिर विवाद में जब सुप्रीम कोर्ट ने नियमित सुनवाई शुरू की, क्या उससे पहले किसी को उम्मीद भी थी कि अयोध्या में जन्मे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण उनके जीते जी होगा? शायद नहीं। जिस तरह से बाबरी विध्वंस को मुद्दा बनाया ...

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