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कोरोना संक्रमण: सरकार ने किया टेस्टिंग का दायरा बढ़ाने का फैसला, बनाया ये मेगा प्लान

नई दिल्ली। कोरोना (Coronavirus) संक्रमण के मामले जिस तरह से देश भर में लगातार सामने आ रहे हैं  और देश भर में कई कोरोना के हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं उसको देखते हुए सरकार ने टेस्टिंग का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इसके लिए बाकायदा व्यापक तौर पर निर्देश दिए गए हैं और इसको आईसीएमआर (ICMR) अमलीजामा पहना रहा है. देश के कोने-कोने में जरूरत के मुताबिक जांच के लिए लैबोरेट्रीज का नेटवर्क खड़ा करने के लिए आईसीएमआर ने मशक्कत शुरू कर दी है और इसके लिए कुछ स्टेप्स भी उठाए गए हैं.

क्या है प्लान?
आईसीएमआर ने इसके लिए देश भर में ऐसी लैबोरेट्रीज की तलाश शुरू कर दी है जो कोरोना वायरस के संक्रमण का जांच कर सकें. इसके साथ-साथ देशभर के प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज से इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं. देश के जिन निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेज के पास कोविड-19 की जांच करने लायक इंफ्रास्ट्रक्चर होगा उन सभी को आगे नेटवर्क में शामिल किया जाएगा. बताते चलें कि अभी आईसीएमआर की 144 सरकारी लैब देशभर में कोरोना संक्रमण के सैंपलों की जांच कर रही हैं. इसके साथ ही प्राइवेट लोगों की भी तादाद लगातार बढ़ रही है जिनको सरकार मंजूरी दे रही है. आंकड़ों की बात करें तो देश में अभी हर दिन 15 से 16,000 सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं. सरकार का इरादा इस को तेजी से बढ़ाने का है. यही वजह है कि ज्यादा सैंपल जांचने के लिए ज्यादा लेब की जरूरत होगी और उसका बड़ा नेटवर्क सरकार अब खड़ा करने जा रही है. उसके लिए मशक्कत शुरू हुई है.

आईसीएमआर ने जारी किया लेटर-
AIIMS समेत देश के 14 मेडिकल रिसर्च संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा देते हुए इनके डॉयरेक्टरों की एक टीम बनाई गई है. इसमें अलग-अलग डॉयरेक्टर्स को अलग-अलग जिम्मा दिया गया है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में जांच के लिए जरूरी लैब और उससे संबंधित व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे. देश की तमाम सरकारी और निजी लैब में होने वाली टेस्टिंग समेत तमाम तरह के मामले इनकी निगरानी में होंगे सभी को अलग-अलग दायित्व सौंपा गया है.

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