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अफगानिस्तान के सबसे सुरक्षित इलाके में तालिबानी हमला, रक्षा मंत्री निशाना: ब्लास्ट व गोलीबारी, सड़कों पर गूँजा ‘अल्लाहु अकबर’

तालिबान के आतंकियों ने अब अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहर और वहाँ की राजधानी काबुल में दस्तक दे दी है। मंगलवार (3 अगस्त, 2021) को काबुल के विभिन्न हिस्सों में गोलीबारी और बम ब्लास्ट की आवाज़ें आईं। शहर के उस ‘ग्रीन जोन’ में भी ये सब हुआ, जो कड़ी सुरक्षा वाला इलाका है। मुल्क के अधिकतर नेताओं/अधिकारियों के आवास यहीं पर हैं। कई विदेशी राजनयिक भी यहीं पर रहते हैं।

तालिबान के आतंकियों ने अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री को निशाना बनाने की कोशिश की। इसके लिए कार बम का इस्तेमाल किया गया। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री के घर के बाहर ये बम ब्लास्ट हुआ। उनके घर के बगल में ही एक अन्य सांसद का घर है। हालाँकि, नेतागण सुरक्षित हैं। कार्यकारी रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मोहम्मदी ने कहा कि उनके कुछ सुरक्षा गार्ड्स घायल हुए हैं, लेकिन वो और उनका परिवार सुरक्षित हैं।

पहले बम ब्लास्ट के बाद ही कुछ बंदूकधारी उस क्षेत्र में घुस गए थे। इसके बाद पुलिस व सुरक्षा बलों ने एक क्लीनअप ऑपरेशन चला कर आतंकियों को मार गिराया। तीन आतंकियों को मार गिराया गया है। रक्षा मंत्री के घर व गेस्ट हाउसेज की तरफ जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया गया है। इसके कुछ घंटों बाद उसी क्षेत्र में फिर से गोलीबारी हुई। सैकड़ों स्थानीय लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुँचाया गया।

सुरक्षा बल वहाँ के हर घर की तलाशी ले रहे हैं, क्योंकि आतंकी अब भी वहाँ छुपे हो सकते हैं। कम से कम 10 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल पहुँचाया गया है। पहले हमले में 6 घायलों को अस्पताल पहुँचाया गया था। हालाँकि, अब तक तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन, इसे तालिबान की हरकरत माना जा है है क्योंकि अमेरिकी सेना के वापस जाने के बाद से वो मुल्क के एक बड़े हिस्से पर कब्जे करने में मुहिम पर है।

काबुल के केंद्र में ये हमला हुआ, जिसे राजधानी का दिल भी कहते हैं। इस क्षेत्र को ‘रिंग ऑफ स्टील’ कहा जाता है। यहाँ कई चेकपॉइंट्स हैं। जहाँ कार बम ब्लास्ट हुआ, उससे कुछ ही दूर पर एक चेकपॉइंट है। अमेरिका ने इसे तालिबान की करतूत बताते हुए कहा है कि अफगानिस्तान सिविल वॉर की तरफ जा रहा है, जो चिंता का विषय है। स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि तालिबान दोहा में हुए समझौते का उल्लंघन कर रहा है।

जब पहला ब्लास्ट हुआ, तब स्थानीय युवा आसपास के रेस्टॉरेंट्स में खाने के लिए इकट्ठा हुए थे। एक रेस्टॉरेंट का वीडियो भी वायरल हुआ है, जहाँ धमाके की आवाज़ आने के बाद लोग खिड़कियों से भागते दिखे। इस दौरान बिना खाया हुआ भोजन टेबलों पर पड़ा रहा। काबुल के कमर्शियल इलाके ‘शहर-ए-नव’ में अफरा-तफरी मच गई। इस ब्लास्ट के कुछ देर बाद स्थानीय लोगों ने घर से बाहर निकल कर सेना के समर्थन में ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाए।

हाल ही में अफगानिस्तान के कार्यकारी रक्षा मंत्री बने बिस्मिल्लाह मोहम्मदी इससे पहले एक वरिष्ठ कमांडर और अफगान सेना के मुखिया भी रह चुके हैं। 20 साल पहले जब अंतरराष्ट्रीय सेनाएँ अफगानिस्तान में आईं, उससे पहले वो कमांडर हुआ करते थे। 90 के दशक में उन्होंने तालिबान से लड़ाई लड़ी है। उससे पहले वो सोवियत रूस के मुहाजिदिन आतंकियों से युद्ध कर चुके हैं। अब आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाने की कोशिश की है।

वहीं अफगानिस्तान सेना की कार्रवाई में अब तक 375 तालिबानी आतंकी मारे जा चुके हैं और 193 घायल हुए हैं। हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह में हालिया कार्रवाई में 20 तालिबानी मारे गए। सेना ने सलाह दी है कि स्थानीय लोग तालिबान के कब्जे वाले इलाकों से कहीं और शिफ्ट हो जाएँ। अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से 17 की राजधानियाँ तालिबान के खतरे में हैं। 2016 जिले आतंकियों के कब्जे में बताए जा रहे हैं।

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