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‘700 जान ले ज्ञान देने आया था, पंजाब ने पॉवर दिखा दिया’: PM मोदी की सुरक्षा में चूक पर कॉन्ग्रेसी ने पूछा- हाउ इज द जोश

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरक्षा में चूक सामने आने के बाद उन्हें बठिंडा से वापस लौटना पड़ा । लिबरल गिरोह के कुछ पत्रकारों के साथ-साथ कॉन्ग्रेस के कई नेता भी इसका जश्न मना रहे हैं। जहाँ भाजपा ने इस घटना को ‘कॉन्ग्रेस का खूनी इरादा’ बताया है, वहीं फिरोजपुर के एसएसपी को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर जिस तरह से इस घटना को लेकर कुछ गिरोह विशेष के लोग जश्न मना रहे, लगता नहीं कि वो पीएम मोदी को जीवित देखना चाहते हैं।

सबसे पहले कॉन्ग्रेस नेता गौरव पांधी के बयान को ले लीजिए। कॉन्ग्रेस के ‘डिजिटल कम्युनिकेशन एंड सोशल मीडिया’ सेल के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर गौरव पांधी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पंजाब का पॉवर! कल से ही पंजाब की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को रोक कर रखा हुआ था। पीएम मोदी को अपनी रैली रद्द कर के दिल्ली लौटना पड़ा। पंजाब विरोधी मोदी, वापस जाओ।” उनका बयान भड़काऊ होने के साथ-साथ आपत्तिजनक भी है।

उन्होंने ये भी लिखा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत नहीं है। वहीं कॉन्ग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कुख्यात ‘Rofl Gandhi 2.0’ नामक ट्विटर हैंडल ने लिखा, “700 जान लेकर ज्ञान देने आया था। पंजाब, आपने बहुत अच्छा किया।” उसने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “कभी-कभी जनता का सामना भी करना चाहिए। वैसे भी अपने सुरक्षा कवच वाले SUV में बैठे 15-20 मिनट। सुरक्षा चूक तो तब होता है जब कोई गाड़ियों से कुचल दे और फिर भी छाती तान कर मंत्री बना रहे।”

वहीं यूथ कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास BV ने इसे ‘खाली कुर्सियों के कारण रद्द हुई रैली’ बताते हुए लिखा, “मोदी जी, हाउ इज द जोश?” वहीं कॉन्ग्रेस समर्थक पत्रकार संजुक्ता बासु ने दावा किया कि पीएम मोदी के साथ इसी तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी को पता होना चाहिए कि नकार दिया जाना, कचरे में फेंक दिया जाना और पूजित न होना क्या होता है। उन्होंने ‘प्रेरणा देने के लिए’ पंजाब का धन्यवाद देते हुए लिखा कि पंजाब ने दिखा दिया है।

वहीं कॉन्ग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने लिखा, “अपनी पर आया किसान – उलटे पैर लौटे प्रधान”। इसी तरह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा, “प्रिय नड्डा जी, रैली रद्द होने का कारण ख़ाली कुर्सियाँ रहीं। यक़ीन न हो तो, देख लीजिए। और हाँ, बेतुकी बयानबाज़ी नहीं, किसान विरोधी मानसिकता का सच स्वीकार कीजिए और आत्म मंथन कीजिए। पंजाब के लोगों ने रैली से दूरी बनाकर अहंकारी सत्ता को आईना दिखा दिया है।”

इसी तरह जश्न में शामिल होते हुए पूर्व पत्रकार और अब YouTube से प्रोपेगंडा फैलाने वाले पुण्य प्रसून बाजपेयी ने लिखा, “पीएम की फ़िरोज़पुर रैली रद्द। वजह – 1. प्रदर्शनकारी 2. मौसम 3. ख़ाली कुर्सी”।

इसी तरह पंजाब के खेल मंत्री परगट सिंह ने लिखा, “आज पंजाब कॉन्ग्रेस ‘पंजाब विरोधी मोदी’ अभियान चला कर अपना विरोध दिखाएगा। ये पंजाब के मूड का प्रतिनिधित्व करेगा। ये दिखाएगा कि पंजाब के लोग उनसे नफरत करते हैं।” परगट सिंह भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे हैं और जालंधर केंट से विधायक हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक: जानिए दिन भर का पूरा घटनाक्रम

वहीं स्मृति ईरानी ने कई प्रश्नों का पंजाब सरकार से जवाब माँगते हुए कहा कि इस तरह की चूक इतिहास में पहले कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि वो लोग जानते हैं कि कॉन्ग्रेस को मोदी से नफरत हैं, लेकिन आज उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री को नुकसान पहुँचाना चाहा है। पंजाब के डीजीपी ने क्या जानबूझकर पीएम के सुरक्षा दस्ते से कहा कि जिस रास्ते से उन्हें जाना है वहाँ कोई गतिरोध नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि कहीं ये सब जानबूझकर तो नहीं किया गया था।

पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने माना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक हुई है। जबकि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक की बात से इनकार किया था। इस तरह पंजाब सरकार के दो सबसे बड़े नेताओं के बयानों में ही विरोधाभास नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बठिंडा से दिल्ली वापस लौट आए हैं और फिरोजपुर रैली रद्द कर दी गई है। कॉन्ग्रेस वाले इस सुरक्षा में सेंध का सोशल मीडिया पर जश्न मना रहे।

‘रिपब्लिक भारत’ से बात करते हुए डिप्टी सीएम रंधावा ने कहा कि पंजाब पुलिस और प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगी ‘विशेष सुरक्षा बल (SPG)’ की बैठकें हुई थीं, जिनमें ‘आसूचना ब्यूरो (IB)’ के लोग भी शामिल रहे थे। उन्होंने कहा कि उन बैठकों में कहीं भी राज्य के गृह मंत्री को नहीं प्रतिभागी बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों के साथ भी बैठक होती रही। उन्होंने कहा कि रूट के साथ एक वैकल्पिक रूट भी लगना चाहिए था, जो नहीं हो पाया।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में तुरंत रास्ता बदल कर दूसरे रास्ते से ले जाया जाता है। उन्होंने इसे सामंजस्य में कमी की वजह से हुई घटना बताते हुए कहा कि पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (DGP) को 24 घंटे के भीतर जाँच कर के रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने कहा कि सीएम से इस सम्बन्ध में उनकी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में कहाँ चूक हुई, ये सुरक्षा एजेंसियाँ बताएँगी। उन्होंने कहा कि कहाँ चूक हुई और किसकी, इस बारे में वो अभी वो कुछ नहीं कह सकते।

पूयव मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे पंजाब सरकार की विफलता बताते हुए कहा कि पंजाब के सीएम और गृह मंत्री दोनों को बर्खास्त किया जाना चाहिए और इस सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इन्होंने रैली स्थल से 15 किलोमीटर दूर पीएम को काफिले को रुकवा कर वापस भेजा। उन्होंने कहा कि इनको शहीदों को नमन करने से रोका और रोड रूट ब्लॉक किए गए। कांग्रेस के इशारे पर घटिया राजनीति हो रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि रूट पंजाब पुलिस ने ही तय किया था।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक वाली बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की सुरक्षा में कोई सेंध नहीं लगी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने पंजाब सरकार से कहा है कि वो इस मुद्दे पर जिम्मेदारी तय करे और कार्रवाई करे। जबकि CM चन्नी का कहना है कि शुरुआत में पीएम मोदी को हवाई यात्रा करनी थी, लेकिन अंतिम क्षण में यात्रा की योजना बदल दी गई। उन्होंने योजना में बदलाव को ही सुरक्षा में चूक के लिए दोषी ठहरा दिया।

पंजाब में कॉन्ग्रेस सरकार के मुखिया ने कहा कि भाजपा राजनीतिक कारणों से उनकी सरकार पर आरोप लगा रही है। उन्होंने दावा किया कि वो खुद देर रात तक पीएम मोदी के दौरे को लेकर सुरक्षा योजना पर निगरानी रखे हुए थे। उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी के रोड शो का अंतिम समय में प्लान बना था और रैली के लिए 70,000 कुर्सियों के इंतजाम के बावजूद मात्र 700 लोग ही पहुँचे। फिरोजपुर की रैली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने घोषणा की कि कुछ कारणों से पीएम मोदी नहीं आ पाएँगे।

वहीं ‘CNN न्यूज़ 18’ से बात करते हुए पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने मुद्दे को लेकर कहा, “ये कुदरती था।” सरकारी सूत्रों के हवाले से चैनल ने बताया है कि इस तरह का हैरान कर देने वाले दृश्य फ्लाईओवर पर इसीलिए देखने को मिला, क्योंकि पंजाब पुलिस और प्रदर्शनकारियों में सहमति बनी थी। क्योंकि केवल पंजाब पुलिस को ही पीएम मोदी की यात्रा का रूट पता था। इस तरह का पुलिस का व्यवहार पहले कभी देखने को नहीं मिला। कहा जा रहा है कि हालिया वर्षों में किसी भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में ये सबसे बड़ी चूक है।

कॉन्ग्रेस के ‘डिजिटल कम्युनिकेशन एंड सोशल मीडिया’ सेल के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर गौरव पांधी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पंजाब का पॉवर! कल से ही पंजाब की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को रोक कर रखा हुआ था। पीएम मोदी को अपनी रैली रद्द कर के दिल्ली लौटना पड़ा। पंजाब विरोधी मोदी, वापस जाओ।” कई अन्य कॉन्ग्रेस नेता भी रैली रद्द होने का जश्न मनाते हुए दिखे। लिबरल पत्रकार भी इसमें शामिल हुए।

पंजाब में सुरक्षा में बड़ी चूक के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भटिंडा से वापस लौटना पड़ा। साथ ही फिरोजपुर में प्रस्तावित उनकी रैली को भी रद्द कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस सम्बन्ध में पंजाब की सरकार से जवाब माँगा है। ANI की खबर के अनुसार, भटिंडा एयरपोर्ट से वापस लौटते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहाँ के अधिकारियों से कहा, “अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना, कि मैं भटिंडा एयरपोर्ट तक ज़िंदा पहुँच गया।” इसके बाद उन्होंने दिल्ली के लिए उड़ान भरी।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अपनी निकृष्ट सोच और ओछी हरकतों से पंजाब की कॉन्रेस सरकार ने दिखा दिया है कि वह विकास विरोधी है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी उनके दिल में कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा कि यह घटना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सुरक्षा में एक बहुत बड़ी चूक थी, जो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार ने ऐसा करने में इस बात की भी परवाह नहीं की कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के महान सपूत सरदार भगत सिंह और अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि देनी थी और राज्य में प्रमुख विकास कार्यों की आधारशिला रखनी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में सेंध का मामला सामने आया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने जारी किया बयान। MHA ने अपने बयान में कहा है कि बुधवार (5 जनवरी, 2022) को पीएम मोदी का विमान भठिंडा में लैंड हुआ, जहाँ से उन्हें हैलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित ‘नेशनल मार्टियर्स मेमोरियल’ जाना था। बारिश और विजिबिलिटी कम होने के कारण उन्हें मौसम के ठीक होने के लिए 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। वहाँ उन्हें ‘राष्ट्रीय शहीदी स्मारक’ में बलिदानी क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करनी थी।

जब मौसम ठीक नहीं हुआ तो निर्णय लिया गया कि सड़क मार्ग से ही प्रधानमंत्री हुसैनीवाला तक का सफर तय करेंगे। जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुँचा तो वहाँ पता चला कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता जाम कर के रखा हुआ था। लगभग 15-20 मिनट तक पीएम मोदी वहाँ फँसे रहे। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में एक बड़ी सेंध बताया जा रहा है। बता दें कि सड़क मार्ग से ये यात्रा दो घंटे में तय होनी थी, जिसके लिए पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (DGP) को ज़रूरी प्रबंधन करने के निर्देश दे दिए गए थे।

हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर दूर पीएम मोदी का काफिला फँसा रहा। पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार को पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे और उनके कार्यक्रमों के विवरण से अवगत करा दिया गया था। MHA ने भी इसकी पुष्टि की है। MHA के अनुसार, ये पंजाब के पुलिस-प्रशासन का काम था कि वो प्रबंधन के लिए ज़रूरी संसाधन की माँग करें और किसी आकस्मिक स्थिति के विषय में योजना तैयार करें। MHA ने बताया है कि सड़क मार्ग पर सुरक्षा के लिए पंजाब सरकार ने ज़रूरी प्रबंध नहीं किए, अतिरिक्त बल तैनात नहीं किया।

MHA ने कहा, “सुरक्षा में इस चूक के बाद निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला वापस भठिंडा एयरपोर्ट पर जाएगा। सुरक्षा में इस गंभीर चूक के बाद पंजाब की राज्य सरकार से भी डिटेल में रिपोर्ट तलब की गई है। साथ ही राज्य सरकार को कहा गया है कि वो इस मामले में जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई करे।” भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हजारों करोड़ रुपयों की विकास परियोजनाओं की सौगात देने पंजाब पहुँचे पीएम मोदी के कार्यक्रम में बाधा पैदा किया जाना व्यथित करने वाला है।

जेपी नड्डा ने कहा कि इस तरह की ओछी मानसिकता को पंजाब के विकास के आड़े नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी पंजाब के विकास के लिए लगातार प्रयास करती रहेगी। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार को पहले ही निर्देश दे दिया गया था कि वो लोगों को रैली में हिस्सा लेने से रोके। पुलिस के कारण बड़ी संख्या में बसें अटकी रहीं और प्रदर्शनकारियों के साथ वो मौन सहमति में थे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने फोन उठाने या फिर मामले का समाधान करने से इनकार कर दिया। पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार के इन हथकंडों से लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास रखने वालों को ठेस पहुँचेगी।”

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