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Trade Data: भारत का कुछ नहीं बिगड़ेगा? रूस-यूक्रेन युद्ध से नहीं घबराने के पीछे ये अच्छी बात!

रूस ने यूक्रेन पर अटैक (Attack) कर दिया है. इस बीच यूक्रेन (Ukraine) ने भारत से मदद मांगी है. यूक्रेन के राजदूत ने पीएम नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की गुजारिश की है. यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा (Igor Polikha) ने कहा कि भारत और रूस (Russia) के संबंध अच्छे हैं, इसलिए पीएम मोदी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करें.

रूस से सबसे अधिक पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स आयात 

सबसे पहले रूस की बात करें तो भारत के एक्सपोर्ट (Export) में रूस की हिस्सेदारी सिर्फ 0.8 फीसदी है, जबकि इंपोर्ट (Import) में सिर्फ 1.5 फीसदी हिस्सेदारी है. यानी मौजूदा समय में भारत रूस से बहुत ज्यादा आयात या निर्यात नहीं कर रहा है, फिर युद्ध की स्थिति में बहुत ज्यादा चिंता की बात नहीं है.

वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने रूस को 2.6 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात किया था, जबकि 5.5 अरब डॉलर मूल्य का आयात किया था. इंडिया रूस को ज्यादातर मेडिसीन और इलेक्ट्रिकल मशीनरी का निर्यात करता है. इसके अलावा रूस भारत से चाय और कपड़े खरीदता है.

जबकि रूस से भारत सबसे ज्यादा पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स खरीदता है. कुल आयात में 50 फीसदी से ज्यादा का हिस्सा पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का होता है. वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने रूस 5.5 अरब डॉलर मूल्य का आयात किया था. जिसमें से 3.7 अरब डॉलर के केवल पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स थे. यही नहीं, भारत कुल 150 अरब डॉलर के पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स आयात करता है, जिसमें से रूस से आयात का हिस्सा बहुत छोटा है. ऐसे में कच्चे तेल को छोड़ दें तो लगातार बहुत ज्यादा व्यापार नहीं हो रहा है. हालांकि भारत सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदता है.

यूक्रेन के साथ बहुत कम व्यापार

वहीं भारत और यूक्रेन के बीच भी बहुत ज्यादा व्यापार नहीं है. भारत केवल बड़े पैमाने पर कुकिंग ऑयल (Sunflower Oil) यूक्रेन से आयात करता है. पिछले साल भारत के कुल सनफ्लावर ऑयल आयात में 74 फीसद हिस्सेदारी यूक्रेन की थी. 2019-20 में भारत-यूक्रेन के बीच 2.52 अरब डॉलर का कारोबार हुआ था. भारत यूक्रेन को लोहा, स्टील, प्लास्टिक और इनॉर्गनिक केमिकल्स एक्सपोर्ट करता है.

हालांकि रूस और यूक्रेन दोनों ही कॉपर और निकेल के बड़े सप्लायर हैं और युद्ध के हालात में इनकी ग्लोबल सप्लाई पर असर पड़ सकता है. लेकिन कुल मिलाकर ट्रेड की बात करें तो भारत के लिए बहुत ज्यादा घबराने की बात नहीं है. क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल के अलावा भारत पर इस युद्ध का ज्यादा असर नहीं पडे़गा.

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