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PM मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात को लेकर चीन के दावे की भारत ने खोली पोल

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी (Photo- ANI)दक्षिण अफ्रीका में संपन्न हुए ब्रिक्स समिट के इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव के मुद्दे को उठाया.

भारत ने चीनी दावों को खारिज किया

भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने चीनी दावों को खारिज करते हुए कहा, “चीन की ओर से द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध हुआ था. इसी आधार पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई. हालांकि, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने लीडर्स लाउंज में बातचीत की और यह बातचीत अनौपचारिक थी.”

पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब अगले महीने भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन होना है. भारत सरकार ने गुरुवार को कहा था कि पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से संक्षिप्त मुलाकात के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव और उस पर भारत की चिंताओं को लेकर चर्चा की थी.

रिश्तों को समान्य बनाने के लिए LAC का सम्मान करना जरूरी: पीएम मोदी

मोदी और जिनपिंग की मुलाकात के बाद भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा, “बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने इस बात को उठाया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति में बनाए रखना और वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करना दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के लिए जरूरी है.”

एलएसी पर जारी तनाव के बीच यह पहली बार है जब पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के सामने सीमा विवाद के मुद्दे को उठाया है. इससे पहले नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली में G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच आखिरी बार अनौपचारिक बातचीत हुई थी. गलवान हिंसा के बाद पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच यह पहली मुलाकात थी. इस दौरान पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया था और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की जरूरत पर बात की थी.

मोदी-जिनपिंग की मुलाकात पर क्या कहा था चीनी विदेश मंत्रालय ने?

चीनी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, “राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलने के दौरान मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य मुद्दों पर विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान किया. दोनों नेताओं के बीच यह बैठक भारत के अनुरोध पर हुई थी.”

इस बयान में आगे कहा गया है, “राष्ट्रपति जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार दोनों देशों और लोगों के साझा हितों को पूरा करता है. साथ ही दुनिया और इस रीजन की शांति, स्थिरता और विकास से लिए भी अनुकूल है. ऐसे में दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से हैंडल करना चाहिए जिससे सीमा क्षेत्र में शांति बहाल रहे.”

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