मनोज बाजपेयी अपनी हर फिल्म के किरदार को डायरेक्टर की नज़र से देखते, समझते और निभाते है. लेकिन कुछ किरदार ऐसे होते है जिनकी तैयारी में आप या तो उनके जैसा बन जाते है या अपने आप को खोने लगते है. कुछ ऐसा ही किरदार निभाया मनोज बाजपेयी ने अपनी आने वाली फिल्म गली गुलियां में. इस फ़िल्म को फ़िल्म फेस्टिवल्स में काफ़ी सराहना मिली और मनोज की इस फ़िल्म का किरदार है. जिसने उन्हें अपने आप से बातें करने पर मजबूर कर दिया था.
मनोज बताते है ,” डेढ़ महीना तक तैयारी की. अगर आप फैमिली के साथ रह रहे हो, आप मैसिव डाइट प्लान पर हो, आपका इम्यून सिस्टम खत्म हो रहा है, आप बार बार बीमार पड़ रहे हो, क्योंकि डाइट ऐसा है, जिसमे आपको वेट लॉस करना है, आपके घर में आपकी वाइफ कहती है कि आप खुद से बात करते हो, यह बहुत डरावना था.
हां, मैं अपने आप से बात करता था, हमेशा. कभी कभी मेरी बीवी सामने से गुजरती थी और कहती थी, आपने कुछ कहा, मैं पूछता था, क्या सही में मैन कुछ कहा? तो इस तरीके से आप करैक्टर के अंदर जाते हो, इतना अपने आप को सफर करवाते हो, टॉर्चर करते हो तब जाकर के इस स्टेज पर पहुचते हो. बहुत सारे शॉट्स तो अभी भी मैं देख के पहचान नही पता हूं. क्या यह मैं ही हूं.”
मनोज ने कहा कि यह करैक्टर उनकी लाइफ का अब तक का सबसे चैलेंजिंग करैक्टर रहा. यह फ़िल्म भी बहुत ही डिफिकल्ट और काम्प्लेक्स फ़िल्म है. वो कहते है ,” मुश्किल फ़िल्म है, किसी भी डायरेक्टर के लिए बनाना, किस राइटर के लिए लिखना या किसी एक्टर के लिए परफॉर्म करना.”
इतना ही नही, फ़िल्म के शूट के दौरान कई ऐसे मोमेंट्स आये जहां मनोज को लगा कि उनका ब्रेकडाउन हो जाएगा. वो कभी कभी ब्लैकआउट हो जाते थे. कई बार उन्हें लगा कि उनसे यह नही हो पायेगा, उनका सर भारी रहता था. उनकी सारी तकनीक खत्म हो चुकी थी. कई बार तो उन्हें ऐसा लगता था कि वो अपनी लाइन्स तक याद नही रख पा रहे. वो करैक्टर को इतना जीने लगे थे कि उन्हें ऐसा लगने लगा था कि वो रियलिटी से दूर जा रहे है.
इस करैक्टर का मनोज पर इतना असर हुआ कि 25 दिन की शूट के बाद मनोज ने फ़िल्म के डायरेक्टर से शूटिंग जल्दी खत्म करने को या कुछ दिन का ब्रेक लेने को कहा. मनोज ने कहा, ऐसी फिल्म और ऐसा करैक्टर करने के लिए साहस और हिम्मत की जरूरत है.
फ़िल्म गली गुलियां देश के बाहर फेस्टिवल्स में लोगो ने बेहद पसंद की. मनोज ने कहा, ” मैं बहुत एक्ससिटेड हूं, एक इंडिपेंडेंट फ़िल्म बाहर जाती है और 23 इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में सेलेक्ट होती है और वहां से अवार्ड लेती है, वहां से बहुत सारा प्यार मिलता है. वहां के एक्सपर्ट्स मिलकर के न सिर्फ इस फ़िल्म को चुनते है, बल्कि इतने सारे पुरस्कार भी देते है. बहुत सारी बातचीत और डिस्कशन भी होती है. उसके अलग अलग एलिमेंट्स और आपकी परफॉरमेंस के बारे में बड़े विस्तार से लोग बात करते है. उसके क्राफ्ट और शैली के बारे में, तो यह अपने आप में बहुत बड़ा अचीवमेंट है.” फ़िल्म गली गुलियां 7 सिंतबर को रिलीज होगी.