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महागठबंधन में मायावती के ‘सम्मान’ पर फंसी बात

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 13-ए माल एवेन्यू स्थित सरकारी बंगला छोड़कर 7 माल एवेन्यू में नए बंगले में प्रवेश करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि लोग राजनीतिक फायदा लेने के लिए मुझसे रिश्ता जोड़ना चाहते हैं और मुझे बुआ कहते हैं.

नए घर में प्रवेश के बाद मायावती ने किसी नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ लेने के लिए अपना नाम मुझसे जोड़ते हुए मुझे बुआ कहते हैं. ऐसा ही सहारनपुर जातीय हिंसा मामले में आरोपी (भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’) ने भी किया, मेरा उनसे कोई लेना-देना नहीं है. यह बीजेपी का गेम प्लान है. बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपने बयानों में बसपा सुप्रीमो मायावती को बुआ कहते रहे हैं.

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि आगामी चुनावों में पार्टी बीजेपी को रोकने का पूरा प्रयास करेगी. वहीं महागठबंधन पर उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टियों से गठबंधन तभी होगा जब हमें सम्मानजनक सीटें मिलेंगी.

मायावती ने कहा कि 2 अप्रैल को एससी/एसटी एक्ट को लेकर हुए बंद में शामिल लोगों पर अभी भी अत्याचार जारी है. उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है. जो एक सरकारी आतंक है. बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि इससे देश कलंकित हुआ है. यदि पीएम मोदी और बीजेपी अटल के बताए रास्ते पर चलती तो आज देश की ये दशा नहीं होती.

उन्होंने कहा कि बीजेपी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भुनाने की पूरी कोशिश में लगी है, जबकि उनके रास्ते पर कभी नहीं चली. इसलिए इसका कोई लाभ नहीं मिलने वाला है.

भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी राफेल लड़ाकू विमान सौंदे पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए है. वहीं महंगाई और बेराजगारी पर लगाम लगाने में विफल रही. नोटबंदी को राष्ट्रीय त्रासदी बताते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआई की रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि नोटबंदी फेल रही. साथ ही पेट्रोल-डीजल के दामों ने आम लोगों की कमर तोड़ दी. वहीं जीएसटी की वजह से अभी भी व्यापारियों में अफरातफरी बनी हुई है.

मायावती ने कहा कि बीजेपी के दमन के जवाब में देश भर के पार्टी कार्यकर्ता एकजुट हुए और चंदा इकट्ठा कर जो पैसा दिया उससे लखनऊ और दिल्ली में बंगला बनाया गया.

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