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SC/ST एक्ट को लेकर शिवराज के बयान पर बोले कमलनाथ, ‘वह कानून से ऊपर नहीं हैं’

भोपाल। मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम का दुरुपयोग नहीं होने संबंधी सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री कानून से ऊपर नहीं हैं. कमलनाथ ने कहा, ‘‘मैं शिवराज से पूछना चाहूंगा कि क्या आपने यह बयान पार्टी से सलाह लेकर दिया था.”

कमलनाथ ने बताया, ‘‘चौहान ने तो मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. अगर आप शपथ पढ़ें तो उन्होंने कहा कि हम देश के संविधान एवं कानून का पालन करेंगे, तो वह इसका जवाब आपको खुद दें कि उन्होंने किस से सलाह ली. एससी/एसटी एक्ट की स्थिति यहां (मध्यप्रदेश में) क्या है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं होता. न हम होते हैं, न वह होते हैं.’’

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चौहान ने गुरूवार को बालाघाट में कहा था कि राज्य सरकार एससी/एसटी एक्ट का मध्यप्रदेश में दुरुपयोग नहीं होने देगी. इस एक्ट के तहत की गई शिकायतों की पूरी जांच के बाद ही किसी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. बिना जांच की गिरफ्तारी नहीं होगी. इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जल्द ही निर्देश जारी किया जाएगा.

75 फीसदी लोग हुए एससी/एसटी के मामलों में बरी- हाईकोर्ट बार एसोसिएशन
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने एक सर्वेक्षण के आधार पर शुक्रवार को दावा किया था कि 2015-16 में जिन लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) कानून के तहत मामले दर्ज किये गए उनमें से 75 प्रतिशत बरी हुए. पदाधिकारी ने कहा कि इसका सीधा तात्पर्य है कि एससी/एसटी कानून का ‘‘दुरूपयोग’’ किया गया.

मध्य प्रदेश में हो रहा है कानून का दुरुपयोग- बार एसोसिएशन
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदर्श मुनि त्रिवेदी ने बताया, ‘‘मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की तीनों पीठ के अलावा प्रदेश की 90 प्रतिशत जिला न्यायालय में वर्ष 2015-16 में एससी/एसटी कानून के तहत पेश किये गए मामलों का सर्वेक्षण एसोसिएशन ने करवाया था. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में पाया गया कि महज दस प्रतिशत प्रकरण एसटी वर्ग द्वारा दर्ज करवाये गए. शेष 90 प्रतिशत प्रकरण एससी वर्ग द्वारा दर्ज करवाये गए.’’

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