Tuesday , May 14 2024

SC में आज भी फैसलों का दिन, सबरीमाला मंदिर-भीमा कोरेगांव मामलों पर आएगा निर्णय

नई दिल्‍ली। बीते दो दिनों में देश की सर्वोच्‍च अदालत ने कई अहम फैसले सुनाए हैं. यह सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहेगा. दरअसल,सुप्रीम कोर्ट दो अहम मामलों पर आज (शुक्रवार) अपना फैसला सुनाएगा. पहला मामला महिलाओं के केरल के सबरीमाला मंदिरमें प्रवेश का है तो दूसरा भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़ा है.

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री हो या नहीं

सुप्रीम कोर्ट आज केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर अपना फैसला सुनाने वाला है. पत्थनमथिट्टा जिले के पश्चिमी घाट की पहाड़ी पर स्थित सबरीमाला मंदिर प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 10 से 50 वर्ष की आयु तक की महिलाओं के प्रवेश पर इसलिए प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि मासिक धर्म के समय वे शुद्धता बनाए नहीं रख सकतीं.

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश दिए जाने को लेकर लंबे समय से मांग उठती रही है, जिसका मंदिर प्रबंधन लगातार विरोध करता रहा है. एंट्री को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली 5 सदस्यीय बेंच ने अगस्त में पूरी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा लिया था.

भीमा-कोरेगांव हिंसा : 5 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हो या नहीं

इस मामले में गिरफ्तार 5 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई और उनकी गिरफ्तारी मामले में आज फैसला आएगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 20 सितंबर को दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, हरीश साल्वे और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं.

पीठ ने महाराष्ट्र पुलिस को मामले में चल रही जांच से संबंधित अपनी केस डायरी पेश करने के लिए कहा. पांचों कार्यकर्ता वरवरा राव, अरुण फरेरा, वरनॉन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा 29 अगस्त से अपने-अपने घरों में नजरबंद हैं.

रोमिला थापर, अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक और देवकी जैन, समाजशास्त्र के प्रोफेसर सतीश देशपांडे और मानवाधिकारों के लिए वकालत करने वाले माजा दारुवाला की ओर से याचिका दायर कर इन गिरफ्तारियों के संदर्भ में स्वतंत्र जांच और कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की गई है.

बता दें कि  पिछले साल 31 दिसंबर को ‘एल्गार परिषद’ के सम्मेलन के बाद राज्य के कोरेगांव-भीमा में हिंसा की घटना के बाद दर्ज एक एफआईआर के संबंध में महाराष्ट्र पुलिस ने इन्हें 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था.

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