Thursday , May 9 2024

‘जासूसी’ का इतना डर है तो iPhone के बदले हुवेई फोन यूज करें ट्रंप: चीन

बीजिंग। चीनी जासूसों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि ट्रंप आईफोन पर अपने दोस्तों से जो कुछ भी बात करते हैं, चीनी जासूस उसे सुन लेते हैं. इस सनसनीखेज आरोप के बाद चीन ने सफाई देते हुए ट्रंप प्रशासन को सलाह दी है कि वे आईफोन के बदले हुवेई का हैंडसेट उपयोग करें.

दरअसल दो दिन पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक खबर छापी जिसमें कहा गया कि ट्रंप आईफोन पर जब अपने पुराने दोस्तों से बात करते हैं, तो रूसी और चीनी जासूस चुपके से बातें सुनते हैं. इसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया है. मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने कहा, ‘रिपोर्ट पढ़ने के बाद हमें लगा कि अमेरिकी में कुछ लोग ऐसे हैं जो ऑस्कर पाने के लिए पता नहीं क्या क्या रह रहे हैं. रिपोर्ट से जाहिर है कि न्यूयॉर्क टाइम्स फर्जी खबरें छापता है.’

इसके साथ ही प्रवक्ता चुनइंग ने एक सलाह में कहा, ‘अगर उन्हें ऐपल फोन की जासूसी होने का इतना ही खौफ है, तो हुवेई का हैंडसेट उपयोग करना चाहिए.’ गौरतलब है कि हुवेई चीन में मोबाइल फोन की सबसे बड़ी कंपनी है. चुनइंग ने कहा, ‘इससे भी उनकी परेशानी दूर नहीं होती है तो उन्हें आज के जमाने के सभी उपकरण यूज करना बंद कर देना चाहिए ताकि बाहरी दुनिया से उनका सारा संपर्क समाप्त हो जाए.’

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ट्रंप जिस फोन का इस्तेमाल करते हैं, वह सुरक्षित नहीं है. उनकी जासूसी होने की बात उठाई गई थी. राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी ने अपने उम्मीदवारों को चेताते हुए कहा था कि वे चीनी कंपनियां हुवेई या जेडटीई का फोन इस्तेमाल न करें.

यूएस डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस ने अपनी मिलटरी छावनियों में हुवेई या जेडटीई के मोबाइल फोन या मॉडेम बेचने पर प्रतिबंध लगा रखा है. सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की गई है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि चीन के पास ऐसे आधुनिक उपकरण हैं जो फोन कॉल्स को इंटरसेप्ट कर सकते हैं और ट्रंप की बातों से पता लगा सकते हैं कि वे क्या करने जा रहे हैं या क्या सोच रहे हैं.

अखबार ने कहा है कि बीजिंग हर हाल में अमेरिका के साथ छिड़े ट्रेड वॉर को रोकना चाहता है, इसीलिए जासूसी जैसी हरकतें की जा रही हैं. वॉशिंगटन से भी कई खबरें आई हैं जिसमें मोबाइल फोन के सर्विलांस पर नजर रखने की बात कही गई है. डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी इस बाबत कई सिनेटर्स को पत्र लिख चुका है.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch