लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वह सत्ता का स्वाद चखने नहीं बल्कि गरीबों के लिए लड़ाई लड़ने आये हैं. राजभर ने पार्टी के 16वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित ‘गुलामी छोड़ो, समाज जोड़ो’ रैली में कहा, ”मैं सत्ता का स्वाद चखने के लिए नहीं आया हूं. गरीबों के लिए लड़ाई लड़ने के लिए आया हूं.ये लड़ाई लड़ूं या बीजेपी का गुलाम बनकर रहूं?”
उन्होंने कहा, ‘एक कार्यालय आज तक नहीं दिया. मैंने तो मन बनाया है कि इस मंच से मैं घोषणा करूंगा. मैं इस्तीफा देकर रहूंगा.’सपा के बागी नेता शिवपाल सिंह यादव को सरकारी बंगला आवंटित किये जाने पर भी राजभर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. राजभर अक्सर बीजेपी सरकार की आलोचना कर सुर्खियों में रहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मेरा मन टूट गया है. ये हिस्सा देना नहीं चाहते. जब भी गरीब के सवाल पर हिस्से की बात करता हूं तो ये मंदिर की बात करते हैं, मस्जिद की बात करते हैं. हिंदू-मुसलमान की बात करते हैं.’उन्होंने कहा, ‘हमारे बच्चे अच्छी शिक्षा चाहते हैं. मंदिर या मस्जिद नहीं.’
राजभर ने कहा कि बीजेपी ने कहा था कि वह पिछड़ी जाति के आरक्षण का बंटवारा करेगी. पिछड़े, अति पिछड़े और सर्वाधिक पिछड़े सभी जातियों की भागीदारी तय करेगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया. छह महीने पहले बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भरोसा दिया था कि जल्द ही पिछड़ों और अति पिछड़ों के आरक्षण बंटवारे के मुद्दे पर कुछ कारगर कदम उठाएंगे लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है.
उन्होंने उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड में विभाजित करने की भी मांग की. साथ ही शराबबंदी की मांग उठायी. ‘जब बिहार जैसे पड़ोसी राज्य ऐसा कर सकते हैं तो उत्तर प्रदेश क्यों नहीं.’