रविवार को मुंबई में वरिष्ठ अभिनेता-निर्माता संजय खान की आत्मकथा ‘द बेस्ट मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ’ लांच की गई. इस मौके पर जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे. जबकि शत्रुघ्न सिन्हा, हेमा मालिनी जैसे कलाकार यहां मंच पर बैठे नजर आए. ऐसे में वर्तमान बॉलीवुड के सितारों के बीच की दोस्ती पर तंज कसते हुए कहा कि आजकल के सितारों के बीच की दोस्ती बेहद सतेही है और उन्हें जैसे ही मौका मिलता है, वह एक-दूसरे की ‘चुगली’ करने लगते हैं.
संजय खान ने कहा कि उनके दिनों में भी फिल्म उद्योग में ये चीजें थी, लेकिन तब इसमें भी शिष्टता थी. उन्होंने न्यूज एजेंसी भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा कि वर्तमान दौर की दोस्ती के मूल्य उन्हें पीड़ा देते हैं. यह सतही है और सिर्फ दिखावे की शिष्टता है. उनके बीच के पाखंड की गंध को एक मील दूर से ही महसूस किया जा सकता है, उनके बीच कुछ भी सामान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस क्षण वे आपसे दूसरी ओर घूमते हैं उसी वक्त चुगली शुरू कर देते हैं. यही फिल्म उद्योग का नकारात्मक पहलू है. उन दिनों के बारे में हम कह सकते हैं कि सब कुछ ऐसा ही था लेकिन कुछ शिष्टता, सम्मान और आदर भी था. अब सब कुछ खुलेआम हो रहा है.”
अपनी जीवनी के बारे में बात करते हुए संजय ने कहा, “मेरे लिए यह बहुत भावुक क्षण है. मैंने कभी जीवनी लिखने के बारे में नहीं सोचा था. लेकिन, जीवनी लिखने के दौरान मुझे कई पलों को दोबारा जीने का मौका मिला और मुझे मेरे जीवन, मेरे दोस्तों और उन सभी की अहमियत बताई जो मेरे साथ खड़े रहे.” उन्होंने किताब से अपने मार्गदर्शक और प्रेरणा दिवंगत राज कपूर से संबंधित एक अंश भी पढ़ा. संजय ने अपनी जीवनी में बॉलीवुड और इससे बाहर के अपने सफर का वर्णन किया है.
इस कार्यक्रम के दौरान ऐसा क्षण भी आया जब संजय खान काफी भावुक हो उठे. दिया मिर्जा ने इस प्रोग्राम को होस्ट किया. साहिल संघा, नीलम कोठारी, समीर सोनी, सिमोन अरोरा, पूनम ढिल्लो, कबीर बेदी और अपूर्व लखिया जैसी फिल्मी हस्तियों के अलावा लेखक फारूक ढोंडी और सुनील अलग भी यहां नजर आए.
संजय ने 40 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया, ‘चांदी सोना’ और ‘काला धंधा गोरे लोग’ जैसी फिल्मों तथा ‘स्वोर्ड ऑफ टीपू सुल्तान’ जैसे टीवी शो का निर्माण और निर्देशन किया है.