Friday , May 17 2024

अंतरिक्ष में रहने वालों के दिमाग पर पड़ता है सबसे अधिक असर, रिपोर्ट में खुलासा

रूसी अंतरिक्ष-यात्रियों पर किए गए एक विस्तृत अध्ययन से पता चला है कि अंतरिक्ष में लंबी-लंबी अवधि बिताने से न सिर्फ मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान होता है बल्कि दिमाग पर भी इसका गहरा असर होता है. जर्मनी के म्यूनिख स्थित लुडविग मैक्सीमिलियन यूनिवर्सिटी (एलएमयू) के शोधकर्ताओं ने बताया कि इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है कि मस्तिष्क के अलग-अलग ऊत्तक गुरुत्वाकर्षण को लेकर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. उन्होंने कहा कि अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि सामान्य गुरुत्व में लौटने पर तंत्रिका संरचना में कोई बदलाव आते हैं या नहीं, और यदि भी आते हैं तो ये बदलाव किस हद होते हैं.

‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित इस अध्ययन में दिखाया गया है कि दिमाग के तीन मुख्य ऊत्तक समूहों में आने वाले बदलाव का, मिशन खत्म होने के कम से कम छह महीने तक पता लगाया जा सकता है. यह अध्ययन 10 अंतरिक्ष यात्रियों पर किया गया.  इन सभी ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में औसतन 189 दिन बिताए थे.

2022 तक भारत के गगनयान से अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे 1 महिला और 2 पुरुष

अध्ययन के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने ‘मैग्नेटिक रेजोनेन्स टोमोग्राफी’ (एमआरटी) तकनीक का उपयोग किया.  इस तकनीक के माध्यम से मस्तिष्क की तस्वीरें ली गईं.  ये तस्वीरें अंतरिक्ष यात्रियों के अंतरिक्ष यात्रा पर जाने से पहले और फिर लंबी अंतरिक्ष यात्रा से लौटने के बाद ली गईं.

इसके अलावा, सात अंतरिक्ष यात्रियों के मस्तिष्क की जांच, उनके अंतरिक्ष यात्रा से लौटने के सात माह बाद भी की गई. एलएमयू के प्रोफेसर पीटर जू यूलेनबर्ग ने बताया ‘‘अपने तरह का यह पहला अध्ययन है जिसमें अंतरिक्ष मिशन के बाद मस्तिष्क की संरचनाओं में बदलाव संभव है.’’

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch