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Birthday Special: सात साल बाद वापसी की, छह महीने में ऐसे बन गया ऑस्ट्रेलिया का कप्तान

शनिवार को ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के कप्तान टिम पेन अपना 34वां जन्मदिन मना रहे हैं. इसी साल केपटाउन टेस्ट में बॉल टैम्परिंग विवाद के बाद  ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान बने टिम पैन अंतिरिम कप्तान बनाया और बाद में भी उन्हें औपचारिक रूप से टीम का कप्तान बनाए रखा. इस विवाद के कारण क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को एक आक्रामक छवि वाले कप्तान की नहीं बल्कि एक सौम्य छवि वाले ऐसे खिलाड़ी की जरूरत थी जो विवादों से हमेशा दूर रहा हो.

पेन सीए की ऐसी आवश्यकता पर पूरी तरह खरे उतरे, इसीलिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के बाद औपचारिक रूप से कप्तान चुनने की बात आई. तो टिम पेन को ही कप्तान बनाया गया. पेन इस समय भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान हैं.  हालाकि इस सीरीज की पहली पारी में वे केवल 5 रन बनाकर ही आउट हो गए.

शुरुआत में काफी उम्मीदें जगाई थीं पेन ने
टिम पेन ने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत साल 2009-10 में की जब उन्होंने ब्रैड हैडिन की जगह ली. पेन की बल्लेबाजी सभी तरह के फॉर्मेट के लिए उपयुक्त थे और उन्होंने अपनी विविधता भरी बल्लेबाजी शैली के दम पर पहले बैकअप विकेटकीपर बन गए. 2011 तक टिम पेन ऑस्ट्रेलिया के लिए चार टेस्ट और 26 वनडे खेल चुके थे. यह भी अंदाजा लग चुका था कि उनमें कप्तानी की भरपूर क्षमता है, लेकिन एक प्रदर्शनी मैच में उनकी उंगली में फ्रैक्चर हो गया और उनका करियर थम गया. उन्हें छह ऑपरेशन कराने पड़े. तब जाकर वह टीम में वापस आए.

सात साल बाद हुई वापसी
पिछले साल ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर 23 नवंबर से इंग्लैंड के साथ होने वाले एशेज सीरीज के पहले टेस्ट मैच के लिए टीम की घोषणा की गई, उसमें टिम पेन की सात साल बाद ऑ्स्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में वापसी हुई. इससे पहले पेन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच 2010 में खेला था. एशेज में टिम पेन ने बढ़िया प्रदर्शन कर टीम में अपनी जगह पक्की की. अब तक 15 टेस्ट की 26 पारियों में पेन 38.25 के औसत से 765 रन बना चुके हैं जिसमें 5 हाफ सेंचुरी शामिल हैं. इस साल एशेज के बाद खेले सात टेस्ट में 32.33 के औसत से उन्होंने 291 रन ही बनाए हैं. वे पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज 0-1 से हार चुके हैं. इस सीरीज में उन्होंने चार पारियों में एक हाफ सेंचुरी  के साथ 71 रन बनाए.

इस साल मार्च में बने कप्तान तो अब भी हैं
इसी साल मार्च के अंतिम सप्ताह में हुए बॉल टेम्परिंग विवाद के बाद कप्तान स्टीव स्मिथ और उप कप्तान डेविड वार्नर ने अपने पद छोड़ दिए थे. इन दोनों ही खिलाड़ियों पर सीए ने एक साल का प्रतिबंध लगाया. वहीं इस विवाद में शामिल सलामी बल्लेबाज कैमरून बेनक्रॉफ्ट को नौ महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया. ऑस्ट्रेलिया ने टिम पेन को ही क्यों चुना, इसकी कई वजहें थी. वे गेंद से बॉल टेम्परिंग कांड से पूरी तरह अलग रहे. उनकी फॉर्म इस समय बढ़िया चल रही है. पिछले साल नवंबर में टेस्ट में वापसी करने के बाद उन्होंने 8 मैचों में 338 रन बनाए हैं. उन्होंने शानदार विकेटकीपिंग करते हुए 37 कैच और दो स्टंपिंग की हैं. यही वजह है कि उन्हें उस्मान ख्वाजा से ज्यादा तरजीह दी गई.

क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुके थे टिम पेन
पिछले साल जब पेन को तस्मानिया की टीम से बाहर किया गया था तो उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का लगभग मन बना लिया था और वे मेलबर्न चले गए थे. आज उनका जीवन पूरी तरह बदल चुका है. अब तस्मानिया की टीम ने उन्हें वापस बुला लिया है और उनके साथ दो साल का अनुबंध किया है. उन्होंने टिम पेन को टीम से बाहर करने वाले कोच डैन मार्श को बाहर कर दिया. 2016 में जब तस्मानिया ने उन्हें ड्रॉप किया था तो वह हनीमून पर चले गए थे. 2017 में उनके घर एक बेटी ने जन्म लिया. टिम पेन जीवन में आए इस बदलाव से बेहद खुश थे.

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