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नहीं चलेगी शीला की? पीसी चाको ने कहा- दिल्ली में AAP से गठबंधन जरूरी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर कांग्रेस पार्टी में मची रार अब सतह पर आ गई है. प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने खुले तौर पर दिल्ली में कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की वकालत की है. उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी को हराने के लिए बाकी राज्यों में अगर कांग्रेस गठबंधन कर रही है तो दिल्ली में भी पार्टी को गठबंधन करना चाहिए.

चाको ने कहा कि हमने वर्किंग कमेटी में फैसला लिया था कि बीजेपी को 2019 चुनाव में हराने के लिए जितने भी समान विचारधारा के लोग हैं उनसे गठबंधन करेंगे तो पार्टी की नीति गठबंधन करना है. अन्य राज्यों में कांग्रेस ने डीएमके, आरजेडी, एनसीपी के साथ गठबंधन किया है.

राहुल जल्दी करेंगे फैसला

पीसी चाको ने शीला की आपत्ति पर दो टूक कहा कि मेरी राय में गठबंधन होना चाहिए. कांग्रेस और AAP मिलकर दिल्ली में सातों सीटों पर बीजेपी को हरा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले भी राहुल गांधी और शीला दीक्षित को कहा है वर्किंग कमेटी के फैसले के बाद कांग्रेस की नीति है कि अन्य सभी राज्यों की तरह गठबंधन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि केजरीवाल से हमारे मतभेद हैं लेकिन बीजेपी को हराने के लिए हम लोग एक हो सकते हैं. बीजेपी को संयुक्त रूप से हराने के लिए हम लोग साथ हो सकते हैं और दिल्ली की 7 सीट बीजेपी को हम बीजेपी को नहीं दे सकते.

दिल्ली के प्रभारी चाको ने कहा कि नगर निगम चुनाव में भी बीजेपी विरोधी वोट बंट गया था, अगर तीनों दलों के बीच आपस में लड़ाई होगी तो बीजेपी विरोधी वोट बट जायेगा और हमें इसे ही रोकना है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन पर कांग्रेस एक-दो दिन फैसला लेगी, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष दिल्ली में नहीं हैं और उनके आने के बाद इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.

चाको ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस को गठबंधन का कोई अनुभव नहीं है इस वजह से थोड़ी दिक्कतें सामने आ रही है. हमने बिहार और महाराष्ट्र में पहले भी गठबंधन किया है. दिल्ली में हम हमेशा अकेले लड़े हैं इसलिए थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं.

जायज है शीला दीक्षित की चिंता

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित की चिंता को जायज बताते हुए चाकों ने कहा कि इस मुद्दे पर सभी की राय अलग है और कुछ एक मतभेद भी हैं. उन्होंने कहा कि गठबंधन पर शीला दीक्षित का संदेह जायज है क्योंकि शीला दीक्षित आम आदमी पार्टी को जानती हैं. उन्होंने साफ किया कि गठबंधन सिर्फ 2019 के लिए होगा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आम आदमी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी.

उन्होंने कहा कि 2019 के लिए हम गठबंधन की बातचीत कर रहे हैं बाकी विधानसभा चुनाव में जो भी निर्णय राज्य इकाई लेगी वह उसके लिए स्वतंत्र है. गठबंधन पर कांग्रेस में सबकी राय अलग है और यही कांग्रेस की खूबसूरती है. चाको ने कहा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है, लेकिन बाद में जो भी फैसला राहुल गांधी करेंगे उसमें हम सब उनके साथ हैं.

क्या है शीला की आपत्ति

दिल्ली में AAP से गठबंधन पर शीला दीक्षित सहमत नहीं है. उन्होंने इस मुद्दे पर बीते दिनों यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी. उनका कहना है कि दिल्ली में कांग्रेस को किसी से गठबंधन की जरूरत नहीं है और राहुल गांधी भी नहीं चाहते हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ किसी तरह का गठजोड़ हो. हालांकि इसके विपरीत AAP संयोजक कई बार खुले मंच पर कांग्रेस से साथ आने की अपील कर चुके हैं, यहां तक कि वह दिल्ली नहीं तो हरियाणा में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन की इच्छा जता चुके हैं.

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