मुंबई। मुंबई पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर सचिन वाजे को भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने बड़ी राहत दी है। उन्हें सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी गई है। इस मामले में मुख्य आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व होम मिनिस्टर अनिल देशमुख हैं। सचिन वाजे के सामने अदालत ने माफी के लिए शर्त रखी थी कि उसे सरकारी गवाह बनना होगा और केस से जुड़े खुलासे करने होंगे। इसे वाजे ने स्वीकार कर लिया। इससे अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल वाजे ने अदालत में अर्जी दायर कर कहा था कि उन्होंने सीबीआई की जांच में सहयोग किया था। गिरफ्तारी से पहले और बाद में उसने पूरी जानकारी दी थी। सचिन वाजे को अनिल देशमुख का भरोसेमंद बताया जाता रहा है।
यही नहीं वाजे का कहना था कि उसका बयान ही इस मामले में जांच का मुख्य आधार बना था, जिसने उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराया था। इस पर सीबीआई अदालत ने कुछ शर्तों के साथ वाजे की अर्जी को स्वीकार कर लिया है। सीबीआई के जज ने कहा, ‘आपके आवेदन को स्वीकार कर लिया है, लेकिन कुछ शर्तें भी होंगी।’ कोर्ट के आदेश के बाद अब सचिन वाजे मामले में सरकारी गवाह होंगे और इससे अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ जाएंगी, जो मुंबई पुलिस से वसूली कराने के मामले में आरोपी हैं। वाजे को बीते साल मार्च में अरेस्ट कर लिया गया था। उस पर मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी गाड़ी खड़ी होने के मामले में शामिल होने का आरोप था।
इसके अलावा ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के केस में भी सचिन वाजे का नाम सामने आया था। वाजे फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। हाल ही में स्पेशल कोर्ट ने सचिन वाजे की बेल की अर्जी को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि सचिन वाजे प्रभावशाली है और उसके जेल से बाहर निकलने की स्थिति में सबूतों से छेड़छाड़ से इनकार नहीं किया जा सकता। स्पेशल जज राहुल रोकाडे ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा था कि राजनीतिक दबाव में सचिन वाजे को पुलिस सेवा में तैनाती दी गई थी। वाजे के बैकग्राउंड से पता लगता है कि वह एक प्रभावशाली शख्स है।
पूर्व कमिश्नर के लेटर पर दर्ज हुआ था केस, वाजे पर है वसूली में शामिल होने का आरोप
सीबीआई ने परमबीर सिंह के आरोपों के आधार पर 21 अप्रैल, 2021 को अनिल देशमुख के खिलाफ केस दर्ज किया था। परमबीर सिंह ने चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे को 20 मार्च, 2021 को खत लिखकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाजे समेत कई पुलिस अपराधियों को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था। यह कलेक्शन अकेले बार और रेस्तरां पर किया जाना था। यही नहीं करीब 15 सालों के निलंबन के बाद सचिन वाजे को अचानक पुलिस सेवा में शामिल करने और अहम पद दिए जाने की भी सीबीआई जांच कर रही है।
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