Sunday , November 24 2024

जिस पर पेशाब किया गया और जिसके पैर धुलवाए गए, वो दोनों अलग-अलग हैं!

मेरे हिसाब से जिस पर पेशाब किया गया और जिसके पैर धुलवाए गए वो दोनों अलग अलग हैं ….. पीड़ित की उम्र 16 – 17 से अधिक नहीं लग रही …. बाल काले और घुंघराले हैं … खूब घने बाल हैं …. पीड़ित मानसिक विक्षिप्त है …. जबकि जिसके पैर धोने का ड्रामा किया गया उसके बाल सफेद हैं … वो आगे से गंजा है … वो 35 -40 साल का अधेड़ है …. उसकी पत्नी बच्चे सब हैं ….. अहम सवाल ये है कि आखिर असली पीड़ित कहाँ है …?

सीधी पेशाबकांड पर सबसे सनसनीखेज खुलासा! जांच तो इस बात की भी होनी चाहिए कि जिस पर मूता जा रहा है, वह 15-16 साल का लड़का नाबालिग कैसे लगता है! उसके बड़े बड़े बाल काले क्यों हैं? उसके बाल घने और पूरे सिर पर घुंघराले से क्यों हैं? प्रवेश शुक्ला पर पॉक्सो लगाने की बात क्यों हो रही थी?

पीड़ित मानसिक रूप से विक्षिप्त क्यों लग रहा था? घटना में वह बेघर और लावारिस की तरह रात में सड़क किनारे किसी बंद दुकान के बाहर क्यों बैठा है! और जिसको जबरन उठवाकर सीएम हाउस में पेश किया गया, उसके बाल सफेद क्यों हैं? उसके बालों का घनापन कहां गायब हो गया? आगे से माथे पर गंजापन शुरू कैसे हो गया? बाल कटवा ही दिए थे तो दाढ़ी साफ कराने में क्या दिक्कत थी?

वह 35-40 साल का अधेड़ क्यों है? सीएम के साथ में वह बैठा एकदम सामान्य मानसिक अवस्था का आदमी क्यों लग रहा है? घटना के बारे में पूछने पर वो क्यों कुछ नहीं बता पाया! वह अपनी आमदनी 400-500 रु. रोज की कैसे बता रहा है! उसका घर परिवार मकान भी है, और बच्चे भी कमा रहे हैं! बच्चे बच्चियां पढ़ाई भी कर रहे हैं! उसका नाम पाले कोल है या दशमत रावत या कोई और? वह एससी है या एसटी?

घटना का कोई नकली पीड़ित तो पेश नहीं कर दिया गया! Affidavit पेश कराना कहीं कोई चाल तो नहीं थी कि सब दशमत रावत को ही पीड़ित समझ लें और असली पीड़ित पर किसी का ध्यान न जाए। क्या वो एफिडेविट‌ सही तो नहीं है? कहीं ये सच तो नहीं है कि दशमत और प्रवेश के बीच ऐसा कुछ हुआ ही न हो? खुद दशमत रावत ये मानने को तैयार नहीं था कि वीडियो में वही है।

तब जो भी हुआ, वो किसके साथ हुआ? घटना का असली पीड़ित कहां है? सीएम ने पैर धोने का जो नौटंकी की, उसका मकसद क्या है? जांच तो होनी चाहिए।

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch