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खाता धारकों को पैसे देने में आनाकानी कर रहा था पूर्वांचल कोऑपरेटिव बैंक, अब संचालकों पर 420 का मामला दर्ज

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में संचालित पूर्वांचल कोऑपरेटिव बैंक  पिछले काफी दिनों से अपने जमाकर्ताओं को भुगतान देने में आनाकानी कर रहा था। इसको लेकर जमाकर्ता भी कई दिनों से बैंक के सामने प्रदर्शन कर रहे थे। अब इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक की जांच रिपोर्ट भी सामने आ गई है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर बैंक के पूर्व प्रवर्तक, पूर्व सीईओ, प्रबंध कमेटी, लेखा परीक्षक, बैंक प्रोपराइटर व अन्य के खिलाफ सदर कोतवाली इलाके में धारा 420 सहित कई गंभीर मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है।

खाता धारकों को दे रहे थे एक-एक हजार रुपये

पूर्वांचल कोऑपरेटिव बैंक की स्थापना 1989 में जनपद मुख्यालय पर हुई थी और इसकी 4 से 5 शाखाएं जनपद के अन्य क्षेत्रों में भी खोली गई थीं। पिछले 1-2 महीने से जमा धनराशि को निकालने के लिए खाता धारक परेशान हैं। कई बार धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं। बैंक कर्मी एक-एक हजार रुपये देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। शहर कोतवाली में दर्ज कराए गए मुकदमे के मुताबिक बैंक की ओर से आरबीआई के निरीक्षकों को पूरी जानकारी नहीं दी गई। बैंक का संचालन अनाधिकृत रूप से बैंक के पूर्व प्रवर्तक रामबाबू शांडिल, पूर्व सीईओ विवेक पांडे और प्रबंध कमेटी द्वारा किया जा रहा था। इस आधार पर बैंक के लेखा परीक्षक मेसर्स विजय के शर्मा एंड कंपनी के खिलाफ सहकारिता के अपर जिला सहकारी राधेश्याम सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया है।

खाता धारकों को मिलेंगे अधिकतम 5 लाख रुपये
बताते चलें कि इस बैंक की सभी शाखाओं पर 29 अगस्त से ही जमा और निकासी पर रोक लगा दी गई है। यदि यह बैंक बंद होता है तो जमाकर्ताओं की राशि का भुगतान जो कि अधिकतम 5 लाख है, वह निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी नियम के माध्यम से कराया जाएगा। पूर्वांचल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में गंभीर वित्तीय अनियमितता की बात सामने आई है, जिसके कारण बैंक का नेटवर्थ ऋणात्मक 661.70 लाख रुपए है। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता अंशुल कुमार के मुताबिक बैंक के पास इस समय बैलेंस नहीं है। बैंक की ओर से आरबीआई के अधिकारियों को सूचनाएं भी गलत प्रेषित की गई हैं।

RBI को भी दी गलत सूचना
कोतवाली में दर्ज मुकदमा भारतीय रिजर्व बैंक की जांच आख्या के आधार पर कराया गया है, जिसके मुताबिक अगस्त में पूर्वांचल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में गंभीर वित्तीय अनियमितता की गई है। जिसके कारण बैंक का नेटवर्थ 661.70 लाख रुपए ऋणात्मक है। भारतीय रिजर्व बैंक की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि 31 मार्च 2023 को बैंक का ऋण एवं अग्रिम 33.62 करोड़ था। जो 14 अगस्त को बढ़कर 42.85 करोड़ रुपए हो गया। यानी बैंक ने कुल 42.85 करोड़ रुपए का लोन जारी किया। जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बैंक की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक को गलत सूचना भी प्रेषित की गई।

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