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महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने मायावती पर साधा निशाना, कहा- ‘तिलक-तराजू और तलवार’ नारा देने वाले न दें नसीहत

लखनऊ। बीजेपी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि बंद कमरों में बैठ महज अपने परिवार की चिंता में व्यस्त रहकर अवसरवादी गठबंधनों का ताना-बाना बुनने वाले लोगों के मुंह से गरीबों की चिंता हास्यास्पद लगती है.

पाण्डेय ने कहा, ‘‘मोदी-योगी सरकार आजादी के कई दशकों के बाद भी सुविधाओं से वंचित पिछड़ों, वंचितों, दलितों और गरीबों को मुख्य धारा में ला रही है. उज्ज्वला योजना के अंतर्गत करोड़ों माताओं-बहनों को धुएं से मुक्ति दिलाकर उनके आत्मसम्मान और अच्छे स्वास्थ्य का मार्ग प्रशस्त किया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन गरीबों- दलितों के नाम पर राजनीति का दिखावा कर सदैव दौलत की चिंता में ही व्यस्त रहने वाली बीएसपी प्रमुख को यह सब नहीं दिखता है.’’

पाण्डेय ने कहा, ‘तिलक-तराजू और तलवार … जैसे नारों के सहारे अपनी सियासत को बढ़ाने की कोशिश करने वाले लोग बीजेपी सरकारों को नसीहत न दें.’ दरअसल मायावती ने घरेलू और कमर्शियल दोनों ही गैस सिलेण्डरों के मूल्य में बढ़ोतरी के लिए बीजेपी की केन्द्र सरकार की आलोचना की है. मायावती ने कहा कि ऐसा करके बीजेपी अपनी देशभक्ति और राष्ट्रवाद का नया नमूना पेश कर रही है, जिससे देश के ग़रीबों और आम लोगों के हित बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.

पाण्डेय ने कहा कि बीजेपी सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ की नीति पर काम करते हुए जनकल्याण के काम कर रही है. बीजेपी ने ही पहल कर देश के सर्वोच्च स्थान पर दलित वर्ग के व्यक्ति को सम्मानपूर्वक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त किया. उन्होंने कहा कि आज जो दलितों-वंचितों की चिंता का घड़ियाली नाटक कर बीजेपी सरकारों पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उनके घर की दहलीज के आगे जूता-चप्पल पहनकर प्रवेश करने पर मनाही है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने असम के राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के मुद्दे पर बीएसपी सुप्रीमो के बयान की निंदा करते हुए कहा कि देश के सवा सौ करोड़ गरीब, मजदूर, किसान और नौजवानों को बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ जोड़ने का प्रयास कर रही मायावती को पहले असम के लोगों के मानवधिकारों की चिंता करनी चाहिए. पाण्डेय ने कहा, ‘देश की सुरक्षा, देश की सीमाओं की सुरक्षा और अपने नागरिकों का हित हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है.’

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