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अंतिम पलों के रोमांच में हुआ फैसला, टीम इंडिया ने जीता 7वां एशिया कप

दुबई। टीम इंडिया ने दुबई अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच में रोमांचक मुकाबले में बांग्लादेश को तीन विकेट से हराकर एशिया कप-2018 का खिताब अपने नाम कर लिया. बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 223 रनों का लक्ष्य रखा था. टीम इंडिया ने सात विकेट खोकर आखिरी गेंद पर लक्ष्य हासिल कर सातवीं बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया. 34 साल में यह सबसे रोमांचक फाइनल बताया जा रहा है. इस मैच के बाद बांग्लादेश टीम की भी जमकर तारीफ हो रही है. इस टीम ने टीम इंडिया को कड़ी टक्कर दी.

भारत के लिए कप्तान रोहित शर्मा (48) सर्वोच्च स्कोरर रहे. उन्होंने अपनी पारी में 55 गेंदों का सामना किया और तीन चौकों के अलावा इतने ही छक्के लगाए. दिनेश कार्तिक ने 37 और महेंद्र सिंह धोनी ने 36 रन बनाए. केदार जाधव ने चोट के बाद भी 27 गेंदों में 23 रनों की नाबाद पारी खेली.

अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा सकी बांग्लादेश
इससे पहले, बांग्लादेश अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाई. उसके लिए लिटन दास ने 117 गेंदों पर 12 चौके और दो छक्कों की मदद से 121 रनों की पारी खेली. मेहेदी हसन मिराज ने 32 तो वहीं सौम्य सरकार ने 33 रन बनाए. बांग्लादेश 48.3 ओवरों में 222 रनों पर ऑल आउट हो गई थी. पहले 20 ओवर में टीम इंडिया के गेंदबाजी बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाजों, लिटन दास और मेहदी हसन पर पूरी तरह से बेअसर रहे. दोनों बल्लेबाजों ने टीम इंडिया के सारे गेंदबाजों की जमकर धुनाई की. बांग्लादेश के लिए लिटन दास ने खास तौर टीम इंडिया के गेंदबाजों की खबर उन्होंने पेसर से लेकर स्पिनर्स तक किसी को नहीं बक्शा. दोनों ने मिलकर पहले 20 ओवर में 116 रन जोड़े.

लिटन दास रहे बांग्लादेश की बल्लेबाजी के हीरो
टीम के 222 रन में से लिटन दास ने कुल 121 रन बनाए. लिटन दास ने पहले 20 ओवर में 65 गेंदों पर 85 रन बनाए. लेकिन बाद में सामने से विकेट गिरने लगे तब उन्होंने 40 ओवर तक अपने विकेट बचाए रखा. दास 41वें ओवर में 188 रन के स्कोर पर आउट हुए थे. भारत के लिए कुलदीप यादव ने तीन विकेट लिए. केदार जाधव को दो सफलताएं मिलीं जबकि जसप्रीत बुमराह तथा युजवेंद्र चहल को एक-एक विकेट मिला.

भारत के सभी बल्लेबाजों का योगदान, लेकिन लंबी पारी नहीं खेल सका कोई
टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज लंबी पारी नहीं खेल सका और इसी वजह से टीम ने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए.  शिखर धवन(15) और रायडू (2) ज्यादा देर नहीं टिक सके. कप्तान रोहित बढ़िया खेल रहे थे लेकिन वे भी 48 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद दिनेश कार्तिक और (37) एमएस धोनी (36) भी लंबी पारी नहीं खेल सके और इन दोनों के आउट होने के बाद टीम पर दबाव बढ़ गया.  इस अलावा केदार जाधव जो बढ़िया खेल दिखा रहे थे रिटायर्ड हर्ट हो गए. उसके बाद जडेजा (23) और भुवनेश्वर कुमार (21) ने टीम को मैच में बनाए रखा लेकिन वे अपने विकेट बचा नहीं पाए.अंत में केदार जाधव (23) और कुलदीप यादव (5) ने टीम को जीत दिलाई.

उतरा चढ़ाव भरे मैच में अंत तक रोमांच कायम रहा आखिरी गेंद के पहले तक यह अंदाजा लगाना मुश्किल था कि मैच कौन जीतेगा. आखिरी 6 गेंदों पर 6 रन. आखिरी 12 गेंदों पर 9 रन. अंतिम 18 गेदों पर 13 रन. आखिरी 24 गेंदों 18 रन. इतना रोमांच कम से कम एशिया कप में तो कभी नहीं रहा.

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