लखनऊ। भगवान किसी भी शख्स मं टैलेंट उसकी हैसियत या जाति-बिरादरी देखकर नहीं देते हैं. यह बात एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सच साबित हुई है. यूपी राजधानी के विभूतिखंड थाने में तैनात एक सिपाही का बेटा आईपीएस बन गया है. दिलचस्प बात यह है कि इस आईपीएस की नियुक्ति भी लखनऊ जिले में हुई है. जरा सोचिए जिले में पिता पुलिस महकमे के छोटे पद पर तैनात है और वहीं उसका बेटा उसी विभाग में ऑफिसर बनकर आया है. एक पिता के लिए इससे ज्यादा गर्व की बात और क्या हो सकती है.
पिता अब अपने ही आईपीएस बेटे के मातहत के रूप में काम करेंगे. उन्नाव से तबादले पर लखनऊ के एएसपी (उत्तरी) बनाए गए आईपीएस अनूप सिंह के पिता जनार्दन विभूतिखंड थाने में सिपाही के पद पर तैनात हैं.
उनकी माता कंचन सिंह ने खास बातचीत में बताया कि उनका परिवार खुशनसीब है. उसके बेटे ने अपनी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है. सरकार ने पिता-पुत्र को एक ही जिले में तैनाती देकर पूरे परिवार को एक अलग तरह के अनुभव में जीने का मौका दिया है.
एक पिता के लिए काफी गर्व की बात होगी कि वह अपने बेटे को सैल्यूट करेंगे. ड्यूटी के दौरान बाप-बेटे के बजाय सीनियर जूनियर का रिश्ता निभाएंगे वहीं घर पर बेटा पिता के पैर छूएगा.
आईपीएस अनूप की पत्नी ने बताया कि उसके पति काफी सख्त ऑफिसर हैं. जो अपनी ड्यूटी में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करते हैं. आईपीएस अनूप को नॉनवेज खाना काफी पसंद है. मां कंचन ने बताया कि अनूप के पिता बचपन से ही कहते थे कि उनका बेटा आईपीएस बनेगा. इसके लिए वे बचपन से ही अनूप के मन में पुलिस की नौकरी के लिए उत्साह पैदा करते रहते थे.
अनूप बचपन से पढ़ाई के साथ खेल-कूद में अच्छा करते थे. ग्रेजुएशन के बाद जब अनूप को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में दाखिला हुआ तो परिवार वालों की उम्मीदें और बढ़ गई. अनूप ने भी अपनी लगन और मेहनत के दम पर यूपीएससी की परीक्षा में सफल होकर आई्पीएस बने.