नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव ने जनसंख्या नियंत्रण करने का सुझाव दिया है. उन्होंने मांग की है कि ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले लोगों के मतदान के अधिकार छिन लिए जाने चाहिए. इतना ही नहीं योग गुरु ने कुंवारे रहने वाले लोगों को अलग से सम्मान देने की सलाह दी है. रामदेव ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा, ‘इस देश में जो हमारी तरह से विवाह नहीं करने वालों का विशेष सम्मान होना चाहिए. और विवाह करें तो 2 से ज्यादा संतान पैदा करे तो उसके मतदान का अधिकार छीन लिया जाना चाहिए.’
इससे पहले योग गुरु रामदेव ने अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने की शनिवार को कड़ी वकालत की और कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट मामले में जल्द फैसला नहीं देता तो संसद में कानून लाया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने गत 29 अक्टूबर को अयोध्या भूमि विवाद मामले में तत्काल सुनवाई किए जाने से इनकार कर दिया था. इसने कहा था कि एक ‘‘उचित पीठ’’ जनवरी में फैसला करेगी कि राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में कब सुनवाई की जाए. इसके बाद विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण की मांग तेज होने लगी है.
#WATCH: Yog Guru Ramdev says, “is desh mein jo hamari tarah se vivah na kare unka vishesh samman hona chahiye, aur vivah kare, to 2 se jyada santaan paida kare to uski voting right nahi honi chahiye” pic.twitter.com/hXhsZtM07l
— ANI (@ANI) November 4, 2018
मालूम हो कि हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में दो दिवसीय ‘ज्ञानकुंभ’ नामक सम्मेलन का आयोजन किया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो चुके हैं. शनिवार को राष्ट्रपति कोविंद ने कहा था कि छात्रों की विशेष क्षमताओं को परखते हुये और उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित कर शिक्षक उच्च शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘ऐसे में आपको अपने छात्रों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी गरीबी या किसी अन्य कठिनाई के कारण उनकी योग्यता अनदेखी नहीं रह जाए.’
राष्ट्रपति ने इस बात का उल्लेख किया कि इतिहास उदाहरणों से भरा पड़ा है जब शिक्षकों ने अपने शिष्यों के कौशल को निखारा ताकि वे प्रतिष्ठित पदों पर पहुंच सकें. उन्होंने चाणक्य का उदाहरण दिया जिन्होंने साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले च्रंद्रगुप्त की प्रतिभा को पहचाना और प्राचीन भारत के सबसे प्रतिष्ठित राजाओं में से एक बनाया.
उन्होंने कहा, ‘सभी बच्चों का जन्म कुछ विशेष क्षमता के साथ होता है. यह शिक्षक का दायित्व है कि वह उस क्षमता को पहचाने और उनसे उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाए.’
पीछड़े वर्ग में जन्मे भीम राव को एक ब्राह्मण शिक्षक के परखने और अध्ययन पूरा करने के बाद उन्हें अपना उपनाम अंबेडकर देने का उदाहरण देते हुये कोविंद ने कहा कि अगर डॉक्टर अंबेडकर के जीवन में शिक्षक का आगमन नहीं होता तो देश एक भारत रत्न की सेवा से वंचित रह जाता.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘यहां तक कि राष्ट्रपति एपीजी अब्दुल कलाम ने भी एक रॉकेट वैज्ञानिक बनने का सपना देखना तब शुरू किया जब वह अपने सहपाठियों के एक समूह के साथ समुद्र किनारे एक शिक्षक से मिले जिन्होंने उन्हें पक्षियों के उड़ान भरने के बारे में पाठ पढ़ाया.