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भगत सिंह को आतंकी बताने वाले प्रोफेसर सस्पेंड, दी ये सफाई

नई दिल्ली। भगत सिंह को ‘आतंकी’ बताने वाले जम्मू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोहम्मद ताजुद्दीन को सस्पेंड कर दिया गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि जब तक उनके खिलाफ जांच कमेटी कोई फैसला नहीं ले लेती हैं, तब तक वह कक्षाएं नहीं ले सकते हैं.

रिपोर्ट्स के अनुसार जब एम ताजुद्दीन जब क्लास में लेक्चर दे रहे थे, तो उस वक्त उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह ‘हीरो’ नहीं बल्कि एक ‘आतंकी’ है. इसके बाद वहां मौजूद छात्रों ने इस बात पर आपत्ति जताई और प्रोफेसर पर राष्ट्रवादी भावनाओं को चोट पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. शिकायत दर्ज होने के बाद इस घटना की जांच के आदेश दे दिए गए.

वहीं, भगत सिंह पर विवादित टिप्पणी करने के बाद प्रोफेसर ताजुद्दीन ने अपने बयान पर मांगी और कहा कि “मैं खुद भगत सिंह को एक क्रांतिकारी मानता हूं. वह उन लोगों में से हैं जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी.” उन्होंने सफाई देते हुए कहा, ‘मेरे दिए गए लेक्चर को गलत तरीके से पेश किया गया है. मेरे बोले गए शब्दों की गलत व्याख्या की गई है.’

ANI

@ANI

Prof. Mohammad Tajuddin, University of Jammu, on complaint lodged against him in Univ. for calling Bhagat Singh ‘terrorist’: I also consider Bhagat Singh a revolutionary. He is one of the people who sacrificed their lives for the country. 1/2

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उन्होंने बताया, वह रूस के क्रांतिकारी लेनिन के बारे में पढ़ा रहे थे जिसके प्रसंग में कहा था कि राज्य में किसी भी तरह की हिंसा हो तो उसे ‘आतकंवाद’ कहा जाएगा. उन्होंने कहा कि मेरा इरादा भगत सिंह को आतंकवादी कहना कतई नहीं था. मैं उनका सम्मान करता हूं, जितना हरभारतीय करता है. अगर मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है तो माफी मांगता हूं. एम ताजुद्दीन ने कहा मैंने 2 घंटे का लेक्चर दिया, जिसमें किसी ने 25 सेकंड का वीडियो लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया.

आपको बता दें, जम्मू यूनिवर्सिटी के वाइंस चांसलर मनोज के धर के पास कुछ छात्र गुरुवार को आए थे. जहां उन्होंने इस घटना की जानकारी दी. सबूत के तौर पर वह अपने साथ सीडी भी लेकर आए थे जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तुरंत जांच कमेटी का गठन किया गया है. साथ ही कहागया है कि जब तक जांच कमेटी कोई अंतिम निर्णय नहीं लेती है, वह छात्रों को नहीं पढ़ा सकते.

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