Thursday , April 25 2024

कही-अनकही सचकही

वो गुरुजी के गुरुजी थे: जिनकी वजह से डॉ. आंबेडकर की भी थी संघ से नजदीकी

आनंद कुमार पूरी संभावना है कि आपने बालकृष्ण शिवराम मुंजे का नाम नहीं सुना होगा। सुनेंगे भी क्यों? जो सीधे तौर पर कॉन्ग्रेस के साथ नहीं था, उस हरेक स्वतंत्रता सेनानी का नाम किराए की कलमों ने इतिहास की किताबों से मिटा दिया है। अगर एक वाक्य में उनका योगदान ...

Read More »

नमाज पढ़ते मुस्लिम और सुरक्षा में सिखों का घेरा: हाईजैक ‘किसान आंदोलन’ और शाहीन बाग मॉडल

अनुपम कुमार सिंह नई दिल्ली। दिल्ली में ‘किसान आंदोलन’ के दौरान कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला, जैसा शाहीन बाग़ में देखने को मिला था। दरअसल, आजकल सारे विरोध प्रदर्शनों में एकाध फंडा ज़रूर अपनाया जाता है, जैसे – ह्यूमन चेन बनाना या फिर मुस्लिमों के साथ किसी दूसरे ...

Read More »

सीताराम को बाथरूम में किया बंद, सिंधिया को नहीं दिया समय: सोनिया गाँधी ने ‘यूज एंड थ्रो’ से 22 साल चलाया कॉन्ग्रेस

अनुपम कुमार सिंह सोनिया गाँधी फ़िलहाल कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष हैं। मीडिया में तरह-तरह के लेख लिख कर बताते जाते हैं कि कैसे उन्होंने ‘कठिन समय और विषम परिस्थितियों में’ पार्टी अध्यक्ष का कार्यभार संभाल कर कितना कुशल नेतृत्व किया है। लेकिन, इस दौरान वो ये भूल जाते हैं कि उनके ...

Read More »

ऑनलाइन एजुकेशन को दिलचस्प बनाने के 5 तरीके

सकीना कासिम जैदी स्कूलों का ‘न्यू नॉर्मल’ बदलाव है- ऑनलाइन क्लासरूम. 2020 की शुरूआत तक मोबाइल फोन्स, कम्प्यूटर्स और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पढ़ाई से विमुख करने वाले माने जाते थे और भारत के शिक्षा क्षेत्र में मुख्य तौर पर गायब से थे. महामारी के दौरान छात्रों को बिना बाधा के ...

Read More »

पाकिस्तान में मोहाजिरों की दयनीय दशा का जिम्मेदार कौन?

शांतनु मुखर्जी 1947 में भारत विभाजन के उस काले अध्याय में कई दुर्भाग्यपूर्ण और दुखदायी घटनाएं हैं, जिनमें से एक है भारत से उर्दू बोलने वाले मुसलमानों का बड़ी संख्या में पाकिस्तान जाना. उन्हें वहां ‘मोहाजिर’ नाम दिया गया. तब सिंधी हिंदू जो उन दिनों पाकिस्तान में रह रहे थे, ...

Read More »

किसान आंदोलन: अगर सरकार पीछे हटी तो टूटेगा मोदी मैजिक

राजेश श्रीवास्तव अर्थशास्त्री और लेखक गुरचरण दास कृषि क्षेत्र में सुधार के एक बड़े पैरोकार हैं और मोदी सरकार द्बारा लागू किये गए तीन नए कृषि क़ानूनों को काफ़ी हद तक सही मानते हैं । ‘इंडिया अनबाउंड’ नाम की प्रसिद्ध किताब के लेखक गुरचरण दास के अनुसार प्रधानमंत्री किसानों तक ...

Read More »

कॉन्ग्रेस का कोढ़ है धर्मांतरण, रोकने को देर से बने कानून कितने दुरुस्त?

आनंद कुमार  बराबरी का अधिकार संविधान ही छीन लेता है। जब अनुच्छेद 25(1) में कहा जाता है कि “सभी लोग”, ध्यान दीजिये, सभी लोग, सिर्फ “भारतीय नागरिक” नहीं, कोई भी अपने पंथ को मानने, उसका अभ्यास करने और उसके प्रचार के लिए स्वतंत्र है तो ये भारत में बाहर कहीं ...

Read More »

आखिर क्यों पीएम बार-बार कर रहे वन नेशन वन इलेक्शन की बात

राजेश श्रीवास्तव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संविधान दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर देश के लिए वन नेशन-वन इलेक्शन को जरूरी बताया। पीएम मोदी ने कहा कि देश में हर कुछ महीने में कहीं ना कहीं चुनाव हो रहे ...

Read More »

“विधायक जी की जनसेवा”

कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल नेताजी जो कल तक रसूखदारों के पीछे-पीछे जयकारे लगाते हुए घूम रहे थे ।समय पलटा चरणचुम्बन करते-करते नेताजी को विधानसभा के चुनाव में करोड़ों की रकम जिसे राजनीति की भाषा में पेटी कहा जाता है ,उसके बदौलत तथा शहर की कई एकड़ जमीन की सौदेबाजी के बाद ...

Read More »

दीप्रिंट वालो! ‘लव जिहाद’ हिन्दू राष्ट्र का आधार नहीं, हिन्दू बच्चियों को धोखेबाज मुस्लिमों से बचाने का प्रयास है

जयन्ती मिश्रा ‘लव जिहाद’ के नाम पर आज कल वामपंथी गिरोह ने एक नया एजेंडा चलाना शुरू किया है। अपने इस एजेंडे के तहत ये लोग इस बात को साबित करना चाहते हैं कि समाज में ऐसी कोई अवधारणा मौजूद ही नहीं है जो लव जिहाद की प्रमाणिकता को सिद्ध ...

Read More »

‘मोदी है तो मुमकिन है’, यह कोई चुनावी नारा नहीं भारतीय राजनीति की हकीकत है

नीरज कुमार दुबे ‘मोदी है तो मुमकिन है’, अब यह नारा नहीं बल्कि एक हकीकत बन चुका है। बिहार विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत ना सिर्फ सबसे बड़े दल का खिताब हासिल किया बल्कि अपने जबरदस्त स्ट्राइक रेट की बदौलत एनडीए की सरकार ...

Read More »

सपा-बसपा ना तो मिल कर और ना ही अलग होकर भाजपा को चुनौती दे पा रहे हैं

अजय कुमार गैर भाजपाई दलों के लिए उत्तर प्रदेश की सियासी डगर लगातार ‘पथरीली’ होती जा रही है। 2022 के विधान सभा चुनाव से पूर्व सम्पन्न अंतिम उप-चुनाव के नतीजों ने यह बात एक बार फिर साबित कर दी है। सात में से छह विधानसभा सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों का जीतना काफी ...

Read More »

लव जेहाद ही नहीं , , किसी भी जेहाद से मुक्ति पाने के लिए फ़्रांस मॉडल पूरी दुनिया के लिए अब एक मॉडल है

दयानंद पांडेय लव तो एक बहुत ही पवित्र शब्द है लेकिन लव जेहाद बहुत बड़ा कोढ़ है भारतीय समाज के लिए। इस लव जेहाद और ऐसी तमाम अन्य मुश्किलों से निजात पाने के लिए फ़्रांस और अमरीका की तरह सख्त होना पड़ेगा। ख़ास कर फ़्रांस मॉडल पूरी दुनिया के लिए ...

Read More »

मां के बनाए काजल की कालिख से मुनव्वर राना ने अपना चेहरा काला कर लिया

दयानंद पांडेय यह अच्छा ही हुआ कि मुनव्वर राना के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के आरोप में लखनऊ में एफ आई आर दर्ज कर ली है। एफ आई आर हुई है तो कार्रवाई भी होगी ही। कुछ साल पहले लखनऊ के एक सेमीनार में हिंदी , उर्दू दोनों ही भाषा ...

Read More »

अभिव्यक्ति की आजादी की लक्ष्मण रेखा कहां हो…

चंद्र भूषण पांडे लोकतंत्र अपने वसूलों पर चलता है। लोकतंत्र में परंपराओं का बड़ा महत्व है। लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांत की जब चर्चा आती है तब अभिव्यक्ति की आजादी की बात जरूर होती है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ अभिव्यक्ति की आजादी के सहारे लोकतंत्र को निखारता है, समृद्ध करता है ...

Read More »