Friday , May 3 2024

कही-अनकही सचकही

जनसंघ: ‘राष्ट्रवाद’ को आवाज देने वाला पहला राजनीतिक दल, जिसके कार्यकर्त्ता सीमा से सियासत तक डटे रहे

विभव देव शुक्ला देश के एक राजनीतिक दल से कितनी आशा की जानी चाहिए? एक राजनीतिक दल संकट के दौर में देश और देश की जनता के लिए कितनी अहम भूमिका निभाता है? इन सवालों के जवाब तलाशने पर पता चलता है कि जनता हर राजनीतिक दल का चुनाव करने ...

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योगी ने खुद को साबित कर दिया

राजेश श्रीवास्तव अगर आपसे पूछा जाए कि पूरे देश में आपको कौन से मुख्यमंत्री का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में सुनने को मिलता है तो निश्चित रूप से आपकी जुबां पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ही नाम आएगा। ऐसा नहीं कि वो भारतीय जनता पार्टी के हैं ...

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भारत के परिपेक्ष्य में निरर्थक शब्द मात्र है सेक्युलरिज्म

सर्वेश तिवारी श्रीमुख मुझे मेरे एक मित्र ने कहा कि ‘सेक्युलरिज्म’ को परिभाषित कीजिये। मैं हमेशा मानता रहा हूँ कि भारत के परिपेक्ष्य में सेक्युलरिज्म एक निरर्थक शब्द है। यहाँ कोई व्यक्ति निरपेक्ष नहीं होता! न धन से, न धर्म से… जब लगातार दस वर्ष तक देश के उपराष्ट्रपति रह ...

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गद्दारी और खुद्दारी के दो पाटों में फँसे हैं प्रत्याशी

“मध्यप्रदेश में हो रहे विधानसभा उपचुनाव में उतरे प्रत्याशियों की स्थिति लुटे हुए मेले के मदारियों जैसी है। उनके डमरू बजाने और बंदरों सी कला के दिलचस्प तमाशे के बाद भी मजमें नहीं भर रहे हैं। कोरोना के मारे वोटर को यह सब कोढ़ में खाज सा लग रहा है।” ...

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लोहिया की नसीहत; लोकतंत्र में विपक्ष का मतलब विरोधी नहीं

जयराम शुक्ल डाक्टर राममनोहर लोहिया के व्यक्तित्व के इतने आयाम हैं जिनका कोई पारावार नहीं। उनसे जुडा़ एक प्रसंग प्राख्यात समाजवादी विचारक जगदीश जोशी ने बताया था, जो विपक्ष के विरोध की मर्यादा और उसके स्तर के भी उच्च आदर्श को रेखांकित करता है। बात तिरसठ-चौंसठ की है। लोहिया जी ...

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फिर भी जलती रहेगी लोहिया के विचारों की मशाल (पुण्यस्मरण)

जयराम शुक्ल राजनीति ऐसा तिलस्म है कभी सपनों को यथार्थ में बदल देता है तो कभी यथार्थ को काँच की तरह चूर चूर कर देता है। काँग्रेसमुक्त भारत की सोच डाक्टर राममनोहर लोहिया की थी। आज देश लगभग कांग्रेस मुक्त है पर लोहिया मुखपृष्ठ पर नहीं हैं। 12 अक्टूबर को ...

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जेपी और नानाजी: राजनीति के जंगल में शुचिता के द्वीप..!

जयराम शुक्ल अक्टूबर का महीना बड़े महत्व का है। पावन,मनभावन और आराधन का। भगवान मुहूर्त देखकर ही विभूतियों को धरती पर भेजता है। 2 अक्टूबर को गांधीजी, शास्त्रीजी की जयंती थी। 11अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती है, अगले दिन ही डा.राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि। इन सबके ...

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राजस्थान में एक ब्राह्मण पुजारी को जिंदा जलाया: किसी को पेंड़ में बांध कर जीवित जला दिये जाने की कल्पना भर कीजिये, रोंआ सिहर उठेगा

सर्वेश तिवारी श्रीमुख राजस्थान में एक ब्राह्मण पुजारी को जिंदा जला दिया गया। किसी को पेंड़ में बांध कर जीवित जला दिये जाने की कल्पना भर कीजिये, रोंआ सिहर उठेगा। यह सामान्यतः भारतीय व्यवहार नहीं है। ऐसा पहले नहीं होता था… राजस्थान ही नहीं, यूपी में भी हर तीसरे दिन ...

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मुख्यमंत्री जी, वजह कुछ भी हो पर यूपी में पिछले 4 वर्षों में 97०3 बच्चियों के साथ हुआ रेप,988 का रेप के बाद कत्ल-यह आंकड़ा 2०19 तक का है जो सरकार ने ही जारी किया

राजेश श्रीवास्तव मुख्यमंत्री जी भले ही हाथरस, बलरामपुर, आजमगढ़ जैसी तमाम घटनाओं को विपक्ष की साजिश, राजनेताओं का वोट बैंक और देश विरोधी साजिश का परिणाम बताया जाये पर यह तो सच ही है कि पिछले चार वर्षों में उत्तर प्रदेश में जिस तरह से घटनाएं बढ़ी हैं वह चिंता ...

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BARC भी पकड़ चुका है व्यूअरशिप में इंडिया टुडे की गड़बड़ी, ₹5 लाख जुर्माना भी लगाया था: एक्सक्लूसिव डिटेल

नुपूर जे शर्मा ‘TRP स्कैम’ मामले में कल (अक्टूबर 9, 2020) एक बेहद दिलचस्प मोड़ आया, जब मुंबई पुलिस ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में फर्जी टीआरपी का इल्जाम रिपब्लिक टीवी पर लगाया और FIR में नाम इंडिया टुडे का निकल आया। इसके बाद रिपब्लिक टीवी के पत्रकार व एक मुख्य गवाह के ...

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हम काफिर हैं ज़रूर पर आप के शिकार होने वाले काफिर नहीं

दयानंद पांडे लीगी और जेहादी मानसिकता के जहर में डूबे हुए लोगों , सी ए ए के दंगाइयों के पोस्टर आज भी चौराहों पर लगे हुए हैं। आंख खोल कर देख लीजिए। सी ए ए के समय के दंगाइयों ने हाथरस में भी जातीय दंगा कराने की कोशिश की। पर ...

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जातीय राजनीति के नैरेटिव में फंसा हांफता , बदबू मारता विपक्ष

दयानंद पांडे इन दिनों एक नया नैरेटिव रचा जा रहा है , खास कर कांग्रेस द्वारा कि योगी सरकार दलित विरोधी है। इसी हाथरस समेत तमाम जगह दलित स्त्रियों से बलात्कार की घटनाएं बढ़ गई हैं। यह हाल तब है जब दलित स्त्रियों के साथ सब से ज़्यादा बलात्कार कांग्रेस राज ...

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जब धर्म विरोधी शक्तियां रस्सी को सांप बना कर समाज को तोड़ने का षड्यंत्र करें, तब हमें केवल और केवल प्रेम की बात करनी चाहिए

सर्वेश तिवारी श्रीमुख जब धर्म विरोधी शक्तियां रस्सी को सांप बना कर समाज को तोड़ने का षड्यंत्र करें, तब हमें केवल और केवल प्रेम की बात करनी चाहिए। वे एक उदाहरण दे कर कहेंगे कि ठाकुर अत्याचारी होते हैं। मैं हजार उदाहरणों के साथ अड़ा रहूंगा कि आज भी असँख्य ...

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“निर्मलजीत सिंह शेखों” : भारतीय वायु सेना के एक मात्र परमवीर चक्र विजेता

लोकेश कौशिक युद्ध की जब भी चर्चा होती है, हमारे किस्से भारतीय आर्मी से आ जुड़ते है, लेकिन आज एयर फोर्स डे पर मैं आपको सुनाता हूँ भारतीय वायु सेना के एक मात्र परमवीर चक्र विजेता “निर्मलजीत सिंह शेखों” की कहानी। 14 दिसम्बर 1971 का दिन श्रीनगर की जमा देने ...

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रामविलास पासवान: जातिबोध था लेकिन लोक व्यवहार की लक्ष्मण रेखा का कभी उल्लंघन नहीं किया

उमेश उपाध्याय “हमारी प्रेस रिलीज नहीं छापिएगा संपादक जी?” मैंने अपने डेस्क से ऊपर नज़र उठाई तो देखा सफ़ेद कुर्ते पजामे में आत्मविश्वास से भरपूर एक नौजवान नेता हमारे संपादक स्वर्गीय श्री शरद द्विवेदी से मुखातिब था। ये कोई 1985-86 की बात है। मैंने पीटीआई भाषा में बतौर प्रशिक्षु पत्रकार ...

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