के. पी. मलिक मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में राम मंदिर, धारा 370, ट्रिप्पल तलाक, सीएए आदि हिंदुत्व के मुद्दों पर बढ़त अवश्य बनाई थी परन्तु कोरोना महामारी, चीन के साथ तनातनी, तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी से युवाओं में बेचैनी के फ्रंट पर सरकार फेल होती ...
Read More »कही-अनकही सचकही
मुख्यमंत्री जी, जवाब दीजिये आपदा काल में कैसे यूपी में हो गया हजारों करोड़ का कोरोना किट घोटाला
राजेश श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तल्ख रवैये से पूरा प्रदेश ही नहीं देश भी भली-भांति वाकिफ है। ऐसे में यह उम्मीद की रही थी कि योगी आदित्यनाथ के शासन में भले ही काम न हो लेकिन भ्रष्टाचार की गुंजाईश नहीं रहेगी। शपथ लेने के बाद ही ...
Read More »नरेन्द्र मोदी : बैलगाड़ी से अंतरिक्ष तक की सफलता के लक्ष्य
आलोक मेहता सत्ता, संपन्नता, शिखर-सफलता अधिक महत्वपूर्ण है- संघर्ष की क्षमता और जीवन मूल्यों की दृढ़ता। इसलिए नरेन्द्र भाई मोदी के प्रधानमंत्री पद और राजनीतिक सफलताओं के विश्लेषण से अधिक महत्ता उनकी संघर्ष यात्रा और हर पड़ाव पर विजय की चर्चा करना मुझे श्रेयस्कर लगता है। राजधानी में संभवतः ऐसे ...
Read More »अब सरकार बेचेगी एलआईसी और आईआरसीटीसी की हिस्सेदारी
राजेश श्रीवास्तव कभी प्रधानमंत्री ने जब यह चुनावी जुमला दिया था कि मैं देश नहीं झुकने दूंगा, मैं देश नहीं बिकने दूंगा। तब देश की जनता ने उन पर आंख बंद करके भरोसा कर लिया था कि शायद अब देश की तस्वीर बदले और देश में नये उपक्रम लगेंगे। लोगों ...
Read More »आखिर कौन लिख रहा बच्चों के कोरे मन पर ‘गंदी’ बातें?
दिनेश पाठक आचार्य विनोवा भावे जी की मशहूर पंक्ति है-बच्चे मन के सच्चे, बाकी सब कच्चे. अन्य विद्वतजन भी इस लाइन को अपने-अपने शब्दों में कहते-सुनते दिख जाते हैं- बच्चे कोरे कागज की तरह होते हैं. जो चाहो लिख दो, वह अमिट होता है. कोई कहता है कि बच्चे गीली ...
Read More »पंचर बनाने वाले, सिलाई करने वाले कैसे महँगे कपड़े पहनकर हिंदू लड़कियों को बनाते हैं लव जिहाद का शिकार?
लखनऊ। देशभर में लव जिहाद के तमाम किस्से होने के बावजूद वामपंथियों का ऐसा मानना रहा है कि इसकी संकल्पना दक्षिणपंथियों ने तैयार की है, वास्तविकता में इसका समाज से कोई लेना देना नहीं है। अब हालाँकि उनकी यह सोच कितनी गलत है इसे पुराने उदाहरणों से न समझकर एकदम ताजा ...
Read More »वकील भूषण ऐसे, वैसे, कैसे हो गए ?
के. विक्रम राव एक शर्त आज मैं जीत गया फलस्वरूप अपनी पत्नी से एक रुपया वसूला, क्योंकि अद्वितीय वकील प्रशांत भूषण ने ऐलान कर दिया कि वे अदालत की अवमानना के अपराध पर जुर्माने का भुगतान कर देंगे| हालाँकि शर्त लगाने को मैं पाप ही मानता हूँ| यह द्यूत का ...
Read More »अब खुलेंगी बॉलीवुड और पॉलिटिकल नेक्सस से चल रहे ड्रग्स के धंधे की परतें!
आलोक मेहता राक्षस कभी किसी भी रूप में तबाही के लिए आ सकता है. इसी तरह जहर के अनेक रूप होते हैं. वह दवा के रूप में मिल सकता है, नशे के रूप में मिल सकता है, तस्करी और हथियारों के रास्ते से हजारों जान ले सकता है. सुशांत सिंह ...
Read More »पत्रकार वही जिसके पैंट में नहीं, पेट में थैली हो
मनोज दुबे अभी चंद रोज पहले की बात है। पत्रकारों की वार्ता ‘समारोह’ में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने पत्रकार बंधुओं को एक मजेदार सीख दी। कलमकारों पर प्रदेश में लगातार हो रहे हमले के सवाल के जवाब में कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाने ...
Read More »‘एक्ट ऑफ़ गॉड’ नहीं, व्यवस्था की असफलता का ‘फ्रॉड’
डॉ० मत्स्येन्द्र प्रभाकर विश्वव्यापी कोरोना वायरस आज भी उतनी बड़ी चुनौती नहीं है जितना कि इसको लेकर बनी दहशत। देश में स्वास्थ्य सेवाओं की ख़स्ता हालत इसकी प्रमुख वज़ह रही। दूसरा मुख्य कारण बना कोरोना वायरस की लोगों को अपनी चपेट में तेज़ी से लेने की क्षमता। इसने ‘कोविड-19’ को ...
Read More »तीर्थमाता: पितरों को तारती गंगा
शास्त्री कोसलेन्द्रदास भारत की अमर संस्कृति के केंद्र में है गंगा अर्थात भारत की सर्वाधिक सतोगुणी नदी। अमरकोष में गंगा के नाम विष्णुपदी, जह्नुतनया, सुरनिम्नगा, भागीरथी, त्रिपथगा, त्रिस्रोता और भीष्मसू हैं। गंगा ऐसी नदी है, जो पहले स्वर्ग और बाद में अपने पिता हिमालय की गोद छोड़कर अपनी संतान के ...
Read More »पितृ पक्ष विशेष: क्यों करें श्राद्ध
इस बार चतुर्मास पूरे पांच मास का हो गया। लीप वर्ष के कारण अधिक मास दो मास का हो गया। जहां श्राद्ध समाप्ति के अगले दिन नवरात्र आरंभ हो जाते थे, इस बार लगभग एक मास के अंतराल के बाद होंगे। हालांकि यह 160 साल बाद ऐसा हो रहा है ...
Read More »पीएम मोदी ने यूं हीं नहीं की खिलौने की बात, नजर दस हजार करोड़ के व्यापार पर (त्वरित टिप्पणी)
राजेश श्रीवास्तव लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में जिस खास बात पर फोकस किया वह थी ख्लिौना जगत की बात। दरअसल प्रधानमंत्री बच्चों के बहाने चीन को टारगेट कर रहे थ्ो। उन्होंने पिछले सप्ताह ही दिल्ली में बड़े अधिकारियों के साथ बैठक करके देशी ...
Read More »सवाल परीक्षा का भी है, और जिंदगी का भी
डा. आशीष वशिष्ठ अखिल भारतीय स्तर पर इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिये होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा यानी जेईई की मुख्य परीक्षा तथा मेडिकल के लिये होने वाले नेशनल एलिजिबिलिटी व एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट की परीक्षा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जैसे-जैसे परीक्षा की ...
Read More »देश से सारी समस्याएं खत्म हो गयीं हैं क्या…
राजेश श्रीवास्तव कभी देश का चौथा स्तंभ मीडिया को इसलिए माना गया था कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की निगरानी का काम इसे सौंपा गया था और उम्मीद लगायी गयी थी कि चारों के सरोकारों और कामकाज पर निगहबानी और चौकसी की उम्मीद निष्पक्षता के साथ मीडिया करेगा। लेकिन जैसे-जैसे ...
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